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BiG News-सुप्रीम कोर्ट ने 24 घंटे में FIR की कॉपी राज्यो को अपनी वेबसाइटों पर अपलोड करने का दिया आदेश

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पटना Live (नेशनल) डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की सरकारों को 24 (पुलिस थानों में रजिस्ट्रेशन के) घंटे के भीतर अपनी वेबसाइटों पर FIR अपलोड करने का निर्देश दिया है। दुर्गम इलाकों के लिए यह समयावधि 72 घंटे रखी गई है क्योंकि वहां इंटरनेट कनेक्टिविटी में काफी दिक्कत आती है। जस्टिस दीपक मिश्रा और जस्टिस सी.नगाप्पन की बैंच ने ये निर्देश दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने छापेमारी,महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों जैसे संवेदनशील मामलों में वेबसाइट पर एफआईआर अपलोड करने में छूट प्रदान की है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि आरोपी इस बात का लाभ नहीं उठा सकते कि उनके खिलाफ दर्ज एफआईर वेबसाइट पर अपलोड नहीं की गई है।

सबसे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दिया था आदेश

उत्तराखण्ड स्थित यूथ लॉयर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (वाईबीएआई) की याचिका पर कोर्ट ने ये निर्देश जारी किए हैं। गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 में उत्तर प्रदेश पुलिस को अपनी वेबसाइट पर एफआईआर की कॉपी डालने का निर्देश दिया था। इसी तरह का एक आदेश दिल्ली हाईकोर्ट ने 2010 में जारी किया था। अब सुप्रीम कोर्ट ने इसका दायरा बढ़ाते हुए पूरे देश में इसे लागू करने का निर्देश दिया है।

मामले पर सुनवाई के दौरान सुझाव दिया गया था कि सभी राज्यों को 48 घंटे में अपनी वेबसाइटों पर (FIR) एफआईआर दर्ज करने की अनुमति दी जानी चाहिए। वाईबीएआई का कहना था कि यह जरूरी है कि प्रत्येक आरोपी को एफआईआर की कॉपी दी जानी चाहिए ताकि वह कानूनी सलाह ले सकें। पीआईएल एक पब्लिक डॉक्यूमेंट है लेकिन आम लोगों के लिए पुलिस से एफआईआर की कॉपी प्राप्त करना आसान नहीं है,इसलिए अगर एफआईआर वेबसाइटों पर अपलोड कर दी जाती है तो यह पब्लिक इंटरेस्ट में होगा।

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