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Fact Findings-सिपाही और थानेदार की जोड़ी पड़ गई पुर्णिया एसपी पर भारी, दोनो के ठिकानों पर भी रेड

इसी वर्ष फरवरी महिने में ही पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने मुफस्सिल थानाध्यक्ष रहें पुअनि संजय कुमार सिंह को सदर थाना की कमान सौंपी थी,इनके घर पर और एसपी के गोपनीय शाखा के सिपाही सावन कुमार के पुलिस लाइन स्थित कमरे पर भी EoU की टीम ने डाली रेड

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पटना Live डेस्क। EOW ने भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर कोर्ट से सर्च वारंट मिलने के बाद आय से अधिक संपत्ति मामले में आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने बिहार के पूर्णिया जिले के एसपी दया शंकर के आवास पर छापेमारी की है। आईपीएस दया शंकर के यहां आय से अधि संपत्ति के सबूत मिले है।

बिहार कैडर के 2016 बैच के IPS हैं दया शंकर

बिहार के पूर्णिया जिले के पुलिस कप्तान के तौर पर तैनात दया शंकर 2016 बैच के IPS अधिकारी हैं। बिहार के कई जिले में एसपी रहे हैं। पूर्व में भी पुलिस अधीक्षक के तौर पर तैनाती के दौरान इसनके खिलाफ लगातार कई भ्रष्टाचार की शिकायतें मिलती रही है। मिली शिकायतों के बाद एडीजी नैय्यर हसनैन खां के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की गई थी। जांच में पाया गया कि आईपीएस दया शंकर ने तमाम चल-अचल सम्पत्ति बनाया है जो इनके आय श्रोत से बहुत अधिक हैं।

सदर थानाध्यक्ष के घर व पुलिस लाइन में भी रेड

 

मंगलवार को सुबह सबेरे निगरानी की विशेष टीम पुर्णिया एसपी आवास पर पहुंची।छापेमारी टीम में बिहार मिलेट्री और बिहार सशस्त्र पुलिस के जवान भी शामिल हैं। विजलेंस की टीम ने अंदर जाकर छापेमारी शुरू की तो वही दूसरी तरफ 2 अन्य टीमों ने एक ने क्रमश पुलिस लाइन में रुख किया तो दूसरी टीम में सदर थाना क्षेत्र में एक निजी आवास का रुख किया। दरअसल,पुलिस लाइन में एसपी के गोपनीय शाखा के सिपाही सावन कुमार के कमरे में रेड की गई तो वही दूसरी रेड सदर थानाध्यक्ष संजय सिंह के किराये के मकान में छापेमारी की गयी है। सदर थानाध्यक्ष संजय सिंह को इसी वर्ष फरवरी महिने में ही पुलिस अधीक्षक दयाशंकर ने मुफस्सिल थानाध्यक्ष से लाकर सदर थाना की कमान सौंपी थी। इनके बाबत मिलती लगातार शिकायतों के बावजूद पुलिस कप्तान की मेहरबानियों को लेकर लंबे समय से चर्चा शहर में आम थी।

तो वही पुलिस अधीक्षक के गोपनीय शाखा में तैनात सावन कुमार के बाबत महकमे में कहा जाता था कि सावन के पास हर ताले की चाभी है। नाम न छापने की शर्त पर सावन के बाबत एसपी कार्यालय में तैनात एक दारोगा ने बताया कि भले ही आरक्षी है सावन लेकिन उसकी धमक थानेदारों और पुलिस अधिकारियों से ज्यादा रही है। इसका नेटवर्क पूरे जिले में है।

सिपाही और थानेदार ले डूबे साहब को

भ्रष्टाचार के मामले पर मुजफ्फरपुर एसएसपी के बाद लंबे वक्त के बाद बिहार के किसी IPS के ठिकाने पर रेड हुई है। इओयू की छापेमारी की जानकारी आग की तरह चहुओर फैल गई। इसको लेकर चर्चाओं का बाज़ार सरगर्म है। वही महकमें में दबी जुबान में कहा जा रहा हैं कि साहब को सिपाही और थानेदारव ले डूबे है। इनदोनो ने गंध मचा रखा था। इन्होंने अपनी करतूतों से कोहराम मचा रखा था। ये तो होना और हो भी गया। वही दूसरी तरफ एसवीयू की इस कार्रवाई के बाद भ्रष्ट पुलिस पदाधिकारियों में हलचल है।

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