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Fact Finding (Video) सुशासन की बिहार पुलिस का आतंकवाद निरोधक दस्ता(ATS) ने किया कमाल 16 दिन से लापता कुत्ते को ढूढ निकाला!

◆6 फरवरी 2022 को कुत्ता लापता हो गया,तो मैडम ने लोकल थाने पहुची FIR करने को तो मुंशी ने झिड़क दिया कहा कि आदमी मिल नही रहा है कुत्ता ढूढते चले। ◆ खैर,बात चुकी दिवंगत पूर्वआईएएस के घर की थी और उनकी पत्नी के दिल का टुकड़ा कुत्ता लापता हो गया था। ◆ वैसे एटीएस को वैश्विक समस्या यानी आतंकवाद व आतंकवादी गतिविधियों को जड़ से समाप्त करनें के उद्देश्य से गठित किया गया हैं। 

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पटना Live डेस्क।बिहार की सुशासन पुलिस के तमाम हैरतअंगेज करतूतों व कारनामो की लंबी और कालजयी लिस्ट है। अमुमन अपने अजीबोगरीब कारनामो से पूरे देश में चर्चा बटोर लेने वाली बिहार पुलिस ने पुनः एक बार लगभग अद्वितीय कारकर्दगी का मुज़ाहिरा किया है। हद तो देखिए एक कुत्ते को तलाशने ख़ातिर एक बेहद उम्दा ढंग से ट्रेंड व हथियारों से लैस आतंकवाद निरोधक दस्ते (Anti-Terrorism Squad) यानी ATS को काम पर लगा दिया। ये बात अलग है कि कुत्ता ओह माफ़ कीजिएगा वो कुत्ता नही है दरअसल वो टॉमी है क्योकि साड्डा कुत्ता उनका कुत्ता टॉमी कहलाता है। खैर, ATS ने पूरी लगन से व मेहनत से लगभग 15 दिन बाद मैडम का कुत्ता बरामद करते हुए उनके सुपुर्द कर दिया। मैडम ने तहे दिल से ATS दस्ते का आभार व्यक्त किया।

एक बार वर्षो पहले यूपी सरकार के मंत्री रहे आज़म खान की भैंसे चोरी हो गई तो तत्कालीन सरकार ने UP पुलिस महकमे को फ़रमान दे दिया भैंसे ढूढ कर लाओ। खबर फ़ैली तो यूपी पुलिस व सरकार को जवाब देना मुश्किल हो गया। पर इसी बीच वक्त के मयार में यूपी पुलिस से बिहार पुलिस कमजोर है के?का बड़ा सवाल सुनकर उठ बैठा। बड़ा है तो जवाब भी करार मिला और ऐसा मिला कि यूपी पुलिस कोसो दूर पिछड़ गई है। सीधे सीधे बिहार पुलिस ने अपने सबसे बढ़िया ट्रेनिंग व हथियारों से लैस फ़ोर्स यानी ATS को ही मैदान में कुत्ता ढूढने ख़ातिर उतार दिया गया। है न कमाल की बात।

कब और क्यो हुआ ATS का गठन

एटीएस की स्थापना वर्ष 1990 में मुंबई पुलिस के अतिरिक्त आयुक्त आफताब अहमद खान द्वारा की गई थी। एटीएस को गठित करने का मुख्य उद्देश्य मुंबई में बढ़ती हुई अपराधिक गतिविधियों को रोकना है। वर्ष 1990 से पहले मुंबई अपराध और गैरकानूनी गतिविधियों का गढ़ माना जाता था, जिसके कारण राज्य में अवैध और गैरकानूनी कार्यों को समाप्त करने के लिए आतंकवाद-निरोधी दस्ते की स्थापना की गयी थी। हालाँकि वर्तमान में एटीएस की शाखाएँ देश के लगभग सभी राज्यों में है।

एटीएस दस्ते नें देश में होनें वाले आतंकी हमलों को रोकनें में अहम् भूमिका निभाई है। इसका मुख्य कार्य देश के किसी भी हिस्से में राष्ट्रविरोधी तत्वों के बारें में जानकारी प्राप्त करनें के साथ ही केंद्रीय सूचना एजेंसियों जैसे आईबी, रॉ के साथ सूचनाओं का साझा करना तथा उन्हें साथ समन्वय स्थापित करना है। वर्तमान समय में आतंकवाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी समस्या बन चुका है। जिसने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रुप से लगभग सभी देशों को प्रभावित किया है। भारत सरकार द्वारा एटीएस का गठन आतंकवाद को जड़ से समाप्त करनें के उद्देश्य से किया गया है।

“समरथ को न दोष गोसाई”

26/11 मुम्बई हमले के बाद से देशभर में सभी राज्य को ATS बनाने लेकर केंद्र सरकार ने फरमान जारी किया साथ ही समुचित फण्ड भी मुहैया कराई गई आधुनिकरण के तहत।एटीएस को गठित करने का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद गतिविधियों को अंजाम देने वाले लोगो की जानकारी प्राप्त कर उनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही करना है। लेकिन बिहार की सुशासन सरकार द्वारा ATS को दी जाती है कुत्ता ढूढने जैसी बेहद बड़ी जिम्मेदारी। क्योकि मामल जुड़ा था एक दिवंगत आईएएस के घर से। उक्त आईएएस की पत्नी डॉली खन्ना को कुत्तों से बेहद लगाव है। उन्होंने राजेन्द्र नगर स्थित अपने घर मे कई कुत्ते पाल रखे है और सभी का खूब खयाल रखती है। लेकिन पीछे महीने 6 फरवरी को उनका सबसे प्यार कुत्ता खो गया।

कदमकुआं थाना ने दिखाई बेरुखी 

दरअसल, बिहार कैडर के एक दिवंगत आईएएस का परिवार राजेन्द्र नगर रोड नम्बर 11 में रहता है। पति की असमय निधन के बाद से पत्नी डॉली खन्ना कुत्तों की देख रेख और उनका लालन पालन कर अपना समय व्यतीत करते है। इसी बीच 6 फरवरी 2022 को उनका सबसे प्यारा कुत्ता लापता हो गया। तो मैडम ने काफी ढूढ़ा पर कुत्ता नही मिला तो इलाके के लोकल थाने पहुची और कुत्ते के खोने का FIR करवाया कर ढूढने की गुहार लगाई। कुत्ते के खोने का मामला सुनकर थाने में मौजूद शख्स ने उनको झिड़कते हुए बोला केतना आदमी गायब होता है त मिल नही रहा है आपका कुत्ता ढूढते चले। यही काम है पुलिस का। खैर थाने की बेरुख़ी को देखर मैडम वापस लौटी और खुद से तमाम कोशिशों व कुत्ते का कलर पोस्टर चारो ओर दीवारों पर लगवाकर ढूढने लगी। इसी बीच पति के दोस्त वगैरह से संपर्क कर अपनी समस्या बताई तो सीधे ATS को ही कुत्ते को ढूढने कि जिम्मेदारी सौप दी गई फिर क्या हुआ … देखिए सुनिए

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