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BIG NEWS — गया कि गलियों से सत्ता के गलियारों तक और फिर ब्यूरोक्रेट्स के बंगलो तक के सफर में 2 बेटों की माँ मनीषा दयाल

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पटना Live डेस्क। बिहार में सुशासन की सरकार है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार है। महिला सशक्तिकरण के घोर समर्थक है। आधी आबादी की बेहतरी ख़ातिर हमेशा प्रयत्नशील रहते है। लेकिन वर्त्तमान में सूबे की सियासत में भूचाल का कारण मुजफ्फरपुर शेल्टर हाउस जो आधी आबादी को समर्पित था से शुरू होकर राजधानी पटना यानी मुख्यमंत्री की नाक के नीचे पहुच गया है। दरअसल, यह मामला पटना के एक एनजीओ द्वारा   संचालित आसरा होम्स में दो लड़कियों की मौत का है।मामला फिर, बिहार सरकार के उसी समाज कल्याण विभाग से जुड़ा है जिसकी आग ने सूबे की इस विभाग की मंत्री की कुर्सी निगल ली। दूध का जला छाछ भी सतर्कता से पीता है। तभी तो जैसे ही राजधानी के राजीवनगर थाना अंतर्गत नेपाली नगर में अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन के तहत संचालित आसरा गृह में दो सवासिनों पूनम 20 वर्ष और नुतप्पा उर्फ बबली उम्र 35 वर्ष की संदिग्ध मौत होने का मामला प्रकाश में आया सूबे की सरकार से लेकर पटना जिला और पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया। रविवार को डीएम कुमार रवि और एसएसपी मनु महाराज सचाई का पता लगाने को थाने से लेकर संवासिनी गृह तक दौड़ते रहे।
फिर ताबड़तोड़ गाड़िया दौड़ाने और कानूनी पहलुओं का सहारा लेकर देर शाम जिला प्रशासन के मजिस्ट्रेट की लिखित शिकायत पर राजीव नगर थाने में लापरवाही के आरोप में संस्था के संचालकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद पुलिस ने कोषाध्यक्ष मनीषा दयाल और सचिव चिरंतन को गिरफ्तार कर लिया गया। सोमवार को दोनों को पुलिस ने पूछताछ के लिए तीन दिनों के रिमांड पर लिया। कानूनी प्रक्रिया के तहत एसआईटी के गठन की भी कवायद हो गई। लेकिन इस खुलासे ने फिर एक बार सत्ता के गलियारों के भ्रष्टाचार के घुप्प अंधेरे को नारी पीपाशुओं के अभ्यारण्य के तौर पर चिन्हित कर दिया है।

खैर, बात अब मनीषा दयाल उर्फ मिली कि जो न सिर्फ पटना में आसरा गृह बल्कि कई और भी एनजीओ चलाती हैं की करते है। आसरा होम्स को चला रही हैं और अनुमाया हयूमेन रिसोर्सेज फाउंडेशन की निदेशक हैं। साथ ही मनीषा एनजीओ आत्मा फाउंडेशन की बोर्ड में सदस्य भी है।भामा शाह फाउंडेशन ट्रस्ट एनजीओ की कमिटी में भी मनीषा शामिल है। नशा मुक्ति अभियान से भी इनका घोर लगाव है तभी तो स्पर्श डी एडीक्शन एंड रिसर्च सोसायटी में बातौर काउंसलर अपनी उपस्थित दर्ज कराती है। वही पूर्व में मनीषा दयाल नव असत्तिव फाउंडेशन की प्रोजेक्ट मैनेजर रह चुकी हैं।

आइये बताये – मिली उर्फ मनीषा दयाल के बाबत      बिहार के गया शहर के चर्चित दयाल पेट्रोल पंप (इसकी भी कहानी लेकिन बाद में ) के मालिक विजय दयाल की नाजो नखरों से पली बेटी मिली उर्फ मनीषा दयाल वर्त्तमान में सूबे की सबसे चर्चित नाम बन चुकी है। मनीषा ने अपनी प्लस 2 की पढ़ाई गया शहर में ही पूरी की और फिर वर्ष 1995 में आगे की पढ़ाई ख़ातिर राजधानी पटना आ गई। दरअसल, मनीषा बचपन से डॉक्टर बनना चाहती है जैसा कि उसका दावा रहा है। इसीलिए पटना आकर मेडिकल एंट्रेंस की तैयारी ख़ातिर एक निजी संस्थान में दाखिला ले लिया। लेकिन मेडिकल की तैयारी करने आई मिली को आज़ादी की यह सतरंगी दुनिया जमकर कर रास आने लगी और फिर पढ़ाई की जगह मोहब्बत की गलियों में वो घूमने लगी। इसी बीच उसके सपनो का राजकुमार मिल गया और फिर वर्ष 1996 में पटना सिटी के बिजनेस मैन परिवार से ताल्लुक रखने वाले जीवन वर्मा की जीवन संगनी बन गई मनीषा दयाल। इश्क में गाफिल हो शादी की डोर में बंधने के बाद कुछ दिनों तक मनीषा अपने घर परिवार में रमी रहीं पर आखिरकार उसने पुनः एक बार पढ़ाई शुरू के नाम पर अपने घर की दहलीज लांघी और वर्ष 1996 में बीकॉम में दाखिला ले लिया।मनीषा अपने पति के कदम से कदम मिलाकर चलने लगी और वर्ष 1997 में गारमेंट फैक्ट्री की नींव रखी। मनीषा कंपनी में फायनांस और मार्केटिंग काम देखने लगी। फैक्ट्री से बने कपड़े बिहार के साथ ही झारखंड और पश्चिम बंगाल में निर्यात किये जाते हैं।

वर्ष 2009 में मनीषा दयाल दिल्ली स्थित स्पर्श फाउंडेशन से जुड़ीं और नशा मुक्ति की दिशा में काम करने लगीं।  वर्ष 2011 मनीषा दयाल के पिता की अकस्मात मौत के बाद वह करीब एक साल तक डिप्रेशन में रही। 2012 में मनीषा रेडक्रास और यूनिसेफ जैसी संस्थाओं से जुड़ी और महिला सशक्तीकरण और बच्चों की शिक्षा की दिशा में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने लगी। वर्ष 2016 में मनीषा दयाल महिला सशक्तीकरण , वृद्ध आश्रम , बच्चों की शिक्षा , झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाली महिला-बच्चों की मुफ्त चिकित्सा समेत कई सामाजिक काम करने वाली अनुमाया ह्यूमन रिसोर्स फाउंडेशन (एचआरएफ) से जुड़ गयी और सचिव के तौर पर काम करने लगी। मनीषा दयाल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी काम करना चाहती थी और इसी को देखते हुये उन्होंने वर्ष 2016 में कॉरपोरेट क्रिकेट लीग का आयोजन किया जिसे अभूतपूर्व सफलता मिली।

मनीषा की माया  और मॉडलिंग … जारी है।

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