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मुजफ्फरपुर महापाप — नीतीश कुमार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा और पति की अग्रिम जमानत याचिका खारिज, कभी भी गिरफ्तारी की लटकी तलवार

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पटना Live डेस्क। बिहार की सियासत की चूले हिला देने वाले मुजफ्फरपुर शेल्टर होम यौन उत्पीड़न मामले में सीबीआई के रडार पर आईं बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चंद्रशेखर वर्मा पर गिरफ्तारी अब कभी भी हो सकती है। दरअसल, बेगूसराय के चेरियाबरियारपुर थाना कांड सं 143 /18 आर्म्स एक्ट के मुकदमे में पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा एवं पति चन्देश्वर वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका को एडीजे-5 की कोर्ट ने खारिज कर दिया है।
विगत 17 अगस्त को मंजू वर्मा और चंद्रशेखर वर्मा के बेगूसराय के चेरिया बरियारपुर स्थित आवास पर सीबीआइ की छापेमारी के दौरान बरामद सभी 50 जीवित कारतूस अवैध पाए गए थे। इस मामले में सीबीआइ के डीएसपी ने मंजू वर्मा और उनके पति के खिलाफ अवैध हथियार व कारतूस रखने की चेरिया बरियारपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। बेगूसराय पुलिस ने जब्त किए गए सभी कारतूस को जांच के लिए पटना स्थित विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) भेज दिया था।
दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, चेरिया बरियारपुर स्थित मंजू वर्मा के ससुराल से कुल 50 जीवित कारतूस मिले थे। इनमें 19 सशस्त्र बलों के एसएलआर राइफल में इस्तेमाल होने वाले कारतूस हैं, जिनकी बिक्री पूरे देश में अवैध है। मंजू वर्मा या उनके पति चंद्रशेखर वर्मा इन कारतूसों की बरामदगी के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। अब न्यायालय द्वारा अग्रिम जमानत खारिज होने के बाद पति पत्नी की गिरफ्तारी कभी भी हो सकती है।

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