BiG News- यूपी के पूर्व CM कल्याण सिंह का 89 साल की उम्र में लखनऊ के SGPGI अस्पताल में निधन, लंबे समय थे बीमार
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता कल्याण सिंह का शनिवार देर रात निधन हो गया।उन्होंने लखनऊ के एसजीपीजीआई अस्पताल में अंतिम सांस ली। पिछले डेढ़ महीने से बीमार चल रहे कल्याण सिंह की स्थिति लगातार गंभीर बनी हुई थी।
पटना Live डेस्क। भाजपा के वरिष्ट नेता और राजस्थान व हिमाचल के राज्यपाल रहे व लंबे समय से बीमार चल रहे उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल रहे कल्याण सिंह का शनिवार को निधन हो गया।बीते 2 दिनों से कल्याण सिंह की तबीयत काफी नाजुक बनी हुई थी। अलग-अलग विभागों के विभागाध्यक्ष लगातार उनकी निगरानी रख रहे थे। अस्पताल में पूर्व मुख्यमंत्री के परिवारजन भी मौजूद थे। कल्याण सिंह के इलाज में दिल, गुर्दा, डायबिटीज, न्यूरो, यूरो, गैस्ट्रो और क्रिटिकल केयर मेडिसिन विभाग समेत 12 विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगातार निगरानी में लगी हुई थी। लेकिन तमाम प्रयासों के बावजूद भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह (Kalyan Singh) का शनिवार को निधन (Death) हो गया। 89 साल के कल्याण सिंह पिछले डेढ़ महीने से लखनऊ स्थित एसजीपीजीआई अस्पताल में भर्ती थे। एक महीने पहले सांस लेने में तकलीफ होने के बाद उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।
अलीगढ़ में हुआ था जन्म
कल्याण सिंह का जन्म 5जनवरी 1932 को उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ के अतरौली में हुआ था। उनके पिता का नाम तेजपाल लोधी और माता का नाम सीता देवी था।कल्याण सिंह ने बीए और एलएलबी की पढ़ाई की थी। साल 1952 में कल्याण सिंह की शादी रामवती देवी से हुई। दोनों की एक बेटी प्रभा वर्मा और एक बेटा राजवीर सिंह है।राजवीर सिंह बीजेपी के सांसद हैं।वहीं, कल्याण सिंह के पोते संदीप सिंह यूपी की योगी सरकार में मंत्री हैं।
सियासी सफर
कल्याण सिंह 2 बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कई बार अतरौली के विधानसभा सदश्य के रूप में चुने गए। साथ ही साथ ये उत्तर प्रदेश में लोक सभा सांसद और राजस्थान और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। कल्याण सिंह वर्ष 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और दूसरी बार 1997 में मुख्यमंत्री बने थे। ये प्रदेश के प्रमुख राजनैतिक चेहरों में एक इसलिए माने जाते हैं, क्योंकि इनके पहले मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान ही बाबरी मस्जिद की घटना घटी थी।कल्याण सिंह ने राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाई थी।
राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले कल्याण सिंह ने छह दिसंबर,1992 को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।इसी दिन अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विध्वंस किया गया था। अगले दिन केंद्र सरकार ने भी यूपी की कल्याण सिंह सरकार को बर्खास्त कर दिया था।इसके बाद, सितंबर 1997 से लेकर नवंबर, 1999 तक कल्याण सिंह फिर यूपी के सीएम बनाए गए।
राजस्थान के राज्यपाल रह चुके कल्याण सिंह बीजेपी के संस्थापक नेताओं में शामिल थे। जब से वे अस्पताल में भर्ती हुए थे तब से कई वरिष्ठ नेता उनसे मिलने अस्पताल आए थे।इनमें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल शामिल हैं। खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी फोन पर कल्याण सिंह का हालचाल जाना था। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कई बार कल्याण सिंह का हालचाल जानने के लिए अस्पताल आए थे।
कल्याण सिंह के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर बताया, ”मैं काफी दुखी हूं।कल्याण सिंह जी…राजनेता, अनुभवी प्रशासक, जमीनी स्तर के नेता और महान इंसान थे।उत्तर प्रदेश के विकास में उनका अमिट योगदान है।मैंने उनके पुत्र श्री राजवीर सिंह से बात की और संवेदना व्यक्त की है।ओम शांति।”
I am saddened beyond words. Kalyan Singh Ji…statesman, veteran administrator, grassroots level leader and great human. He leaves behind an indelible contribution towards the development of Uttar Pradesh. Spoke to his son Shri Rajveer Singh and expressed condolences. Om Shanti. pic.twitter.com/ANOU2AJIpS
— Narendra Modi (@narendramodi) August 21, 2021
पीएम मोदी ने आगे कहा भारत के सांस्कृतिक उत्थान में उनके योगदान के लिए आने वाली पीढ़ियां हमेशा कल्याण सिंह जी की आभारी रहेंगी।वह दृढ़ता से भारतीय मूल्यों में निहित थे और हमारी सदियों पुरानी परंपराओं पर गर्व करते थे।
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