बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

BiG News – बनारस में सपा-बसपा को लगा जोर का झटका, मोदी के खिलाफ तेज बहादुर की उम्मीदवारी रद्द,जमकर हुई नोकझोंक

218
  • दो नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी देने पर नोटिस देकर 24 घंटे में बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर प्रस्तुत करने को कहा गया
  • पीएम मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से सपा प्रत्याशी के तौर पर किया था नामांकन
  • अब वाराणसी से पीएम मोदी के खिलाफ गठबंधन प्रत्याशी होंगी शालिनी यादव
  • बीएसएफ से खाने पर विवाद के कारण हुए थे बर्खास्त
  • पहले निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर वाराणसी में कर रहे थे चुनाव प्रचार

पटना Live डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ वाराणसी सीट से सपा बसपा के संयुक्त प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने वाले बीएसएफ के बर्खास्त सिपाही तेज बहादुर यादव के लोकसभा चुनाव लड़ने के सपने पर पानी फिर गया है। निर्वाचन अधिकारी द्वारा जारी किए गए दो नोटिसों का जवाब देने बुधवार दोपहर 11 बजे तेज बहादुर यादव अपने वकील के साथ आरओ से मिलने पहुंचे। जिसके बाद निर्वाचन अधिकारी तेज बहादुर के नामांकन पत्र को खारिज कर दिया। अब शालिनी यादव सपा की तरफ से चुनावी मैदान में मोदी को टक्कर देंगी।

नामांकन पत्र के नोटिस के जवाब देने के दौरान तेज बहादुर के समर्थकों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई, जिसके बाद पुलिस ने समर्थकों को कचहरी परिसर से बाहर कर दिया। प्रेक्षक प्रवीण कुमार की मौजूदगी में नामांकन पत्रों की जांच शुरू हुई। जांच के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी सुरेंद्र सिंह द्वारा यादव को बीएसएफ से बर्खास्तगी के संबंध में दो नामांकन पत्रों में अलग-अलग जानकारी देने पर नोटिस देकर 24 घंटे में बीएसएफ से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेकर प्रस्तुत करने को कहा गया है।

तेज बहादुर को कहा गया है कि यादव बीएसएफ से प्रमाणपत्र लेकर आएं, जिसमें यह स्पष्ट हो कि उन्हें नौकरी से किस वजह से बर्खास्त किया गया। जांच में पाया गया कि यादव ने पहले नामांकन में ‘भारत सरकार या राज्य सरकार के अधीन पद धारण करने के दौरान भ्रष्टाचार या अभक्ति के कारण पदच्युत किया गया’ के सवाल पर हां में जवाब दिया और विवरण में 19 अप्रैल, 2017 लिखा है।

दूसरे नामांकन में शपथ पत्र प्रस्तुत कर पहले नामांकन में गलती से हां लिख दिया गया, बताया है। शपथ पत्र में बताया कि तेज बहादुर यादव सिंह पुत्र शेर सिंह को 19 अप्रैल, 2017 को बर्खास्त किया गया, मगर भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा पद धारण के दौरान भ्रष्टाचार एवं अभक्ति के कारण पदच्युत नहीं किया गया है।

Comments are closed.