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बड़ी खबर – बिहार पुलिस के एक डीएसपी का दीवाली में निकला दीवाला, 3 करोड़ लेकर ब्रोकर फरार

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पटना Live डेस्क। एक कहावत है “माल महाराज का मिर्जा खेले होली” चुकी अवसर दीपोत्सव का है। इसको यू लिख देता हूँ – माल डीएसपी का और ब्रोकर खेल गया दिवाली। यानी बड़ी मेहनत से पूरी लगन से दारोग़ा से सफर शुरू कर डीएसपी तक का सफर तय कर अब कुछ महिनो में रिटायर होना है। मामला है बक्सर जिले का जहां विगत चार दिनों से यह चर्चा हर आमो खास से लेकर महकमे में भी खूब चर्चा का विषय बनी हुई है।साहब का 15 वर्षो तक बेहद वफादार रहा साथी ही उनके साथ गद्दारी कर 3 करोड़ की चपत लगाकर ग़ायब हो गया है।
बताया जाता है कि साहब की तमाम कोशिशों के बावजूद अब तक ब्रोकर का कुछ अतापता नही चल पाया है। उसका मोबाइल भी लगातार बन्द है। न वो ख़ाकी वाले बाबू से बात कर रहा है ना ही वो कार्यालय ही आ रहा है। ना ही वो अपने घर पर ही मिल रहा है। उसके अचानक गायब या यूं कहें कि विलुप्त हो जाने से घबराये डीएसपी साहब ने तमाम जुगत भिडाली है पर ब्रोकर के बाबत कोई जानकारी या सूचना नही मिली है। इधर, मामले के बाबत विभाग में भी जमकर चर्चा पसर गई है।                                            उल्लेखनीय है कि डीएसपी साहब बस चंद महिनो के बाद भूतपूर्व डीएसपी हो जायेगे तब तो पैसे की उगाही और बड़ी समस्या बन जाएगी।इन्ही तमाम उलझनों में उलझे डीएसपी साहब उसकी तलाश में भिड़े हुए है। लेकिन अब तक उसका कोई सुराग नही मिला है।

गायब शागिर्द और साहब का रिश्ता 15 साल पुराना है

बताया जाता है कि ब्रोकर और साहब का रिश्ता 15 साल से भी ज्यादा पुराना है।डीएसपी के बाबत मिली जानकारी के अनुसार ज़नाब बक्सर में 15 साल पहले बतौर थानेदार फिर इंस्पेक्टर अपनी सेवाएं जिले में दे चुके है। उस वक्त से ही साहब का मुंहलगू रहा है फरार ब्रोकर। उस दौर से अब तक डीएसपी के नाजायज़ कमाई को खपाने का जरिया रहा है यही ब्रोकर। साहब के हर लूप फॉल्स से न केवल वाकिफ़ है बल्कि तमाम गलत सही करतूतों का हमराज भी।वक्त का पहिया घुमा और साहब प्रमोशन पाकर डीएसपी बनकर पुनः एक बार जिले में आ पहुचे। फिर क्या था साहब और शागिर्द की जोड़ी फिर जम गई। साहब भी अनुभवी और दारोग़ा से डीएसपी तक का सफर कर चुके है। मालूम है खाना कैसे है पचाना कैसे है। चुकी लंबे दौर से ब्रोकर हनुमान बनकर सेवा में था विश्वासपात्र बन चुका था।नोटबन्दी के दौरान साहब ने फ्यूचर प्लांनिंग के तहत जन चर्चा पर यकीन करें तो बाबू साहब बिरादरी से आने वाले डीएसपी साहब ने तकरीबन 80 लाख रुपये की ज़मीन ब्रोकर और उसकी पत्नी के नाम से खरीदी है। साथ ही विगत दिनों अपनी ठसक के अनुसार एक लक्ज़री एसयूवी भी पंडित ब्रोकर के नाम पर खरीदा है ताकि उसका लुफ़्त उठाया जा सके।
लेकिन कहते है बुरे का अंत बुरा होता है। सारथी रूपी नाजायज़ कमाई को खपाने वाले शातिर ब्रोकर “चोर पर मोर” कहावत को चरितार्थ कर दिया और रिटायरमेन्ट के नज़दीक खड़े डीएसपी को गच्चा देकर गधे की सिंह की तरह गायब हो गया है।

 

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