मनोज/मुजफ्फरपुर
पटना Liveडेस्क. इस साल अच्छी बारिश हुई तो किसानो के चेहरे दमक उठे. जरूरत के हिसाब से पानी मिला तो खेतों मे धान की फसल भी लहलहाने लगी थी. खेतिहर भी अच्छी पैदावार को ले हिसाब-किताब में जुट गए थे. लेकिन, बागमती ने बर्बादी की ऐसी पृष्ठभूमि तैयार की कि सब जलप्लावित हो गया. इसके बाद तो नारायणी व बूढ़ी गंडक ने ऐसा रौद्र रूप धरा कि छह प्रखंडो की 30 पंचायतो की हरियाली अथाह पानी में जलमग्न हो गई. आज करीब ढाई लाख से अधिक की आबादी के सामने रोटी-रोटी के लाले हैं. बाढ़ की विभीषिका देखने जब निकलते हैं तो गायघाट के मैठी टोल प्लाजा से आगे बढ़ने के बाद मंजर बदल जाता है. पानी के अंदर खेत व फसल गुम हो गए है. बेनीबाद चौक से आगे कटरा के बर्री, नवादा, अदामा, बकुची, गंगेया, माधोपुर, चंदौली, औराई के बलीगढ़, माधोपुर, रामखेतारी, राजखंड, गायघाट के शिवदाहा, शिवदाहा बरैल, जहागीरपुर, महेशवाड़ा, बठवाड़ा, तेजौल, बरूआरी लदौर केवटसा, पारू के फतेहाबाद, उस्ती, देवरिया, सोहासी, सिंगाही, साहेबगंज के माधोपुर हजारी, बासुदेवपुर सराय, बंगरा निजामत, रूपछपरा व हुस्सेपुर पचायत व मीनापुर के जामिन मठिया, बड़ा भारती, हरका, हरशेर, नंदना व धारपुर आदि में हजारों हेक्टेयर मे लगी फसलें बाढ़ के पानी में पूरी तरह डूब चुकी हैं.
प्रभावित इलाके
प्रखंड: छह (औराई, कटरा, गायघाट, साहेबगंज, पारू व मीनापुर)
पंचायत: 30
गांव: 52
सड़क संपर्क भंग गांव: 27
प्रभावित लोग: करीब ढाई लाख
प्रभावित पशु: 5978
फसल: 16 हजार हेक्टेयर
कहां कितना नुकसान
कृषि विभाग से मिले आंकड़े के अनुसार करीब 21 करोड़ से अधिक के फसल का नुकसान हुआ है।
प्रखंड : हेक्टेयर
– औराई : 5350
– कटरा : 4726
– पारू : 2076
– गायघाट : 1493
– साहेबगज : 1968
– मीनापुर : 300
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