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भारी बारिश के चलते बिगड़े बाढ़ के हालात,उफनाई महानंदा के चलते किशनगंज शहर में घुसा पानी

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पटना Live डेस्क. नेपाल में हो रही लगातार बारिश के चलते बिहार के कोसी और सीमांचल इलाकों में बाढ़ के हालात गंभीर होते जा रहे हैं. बाढ़ के चलते अभी तक राज्य में 90 लोगों की जान जा चुकी है. जानकारी के मुताबिक राज्य के 90 प्रखंडों की करीब 80 लाख जनता बाढ़ के बुरी तरह प्रभावित है. जान माल की सुरक्षा के लिए लोग उंची जगहों पर पलायन कर रहे हैं. बाढ़ से अबतक विभिन्न जिलों में 90 से अधिक लोगों के मरने की सूचना है. सबसे ज्यादा अररिया में मौत हुई है. सीतामढ़ी में छह, किशनगंज में पांच, मधेपुरा में चार, कटिहार में तीन और सहरसा में दो लोगों के डूबने की सूचना है.

अररिया में अलग-अलग स्थानों पर कुल 30 लोग डूब गए हैं, जिनमें से 10 लापता बताए जा रहे हैं. जोगबनी में नहर के पानी से 15 लाशें निकाली गई हैं, जिनमें से नौ लोगों की पहचान हो गई है. सिकटी, पलासी व जोकीहाट प्रखंडों की स्थिति खराब है. बकरा, नूना, कनकई, रतवा व परमान नदियों में उफान से स्थिति भयावह हो गई है. बिजली, दूरसंचार व यातायात व्यवस्था ठप है. अररिया का नेपाल से सड़क और रेल संपर्क भंग हो चुका है.

किशनगंज शहर में करीब दो से तीन फीट तक पानी बह रहा है. बाढ़ क चलते किशनगंज में चार लोग बहे हैं, जिनमें से दो की लाशें मिली हैं. जिले में 400 गांव डूबे हुए हैं. इनमें से 200 गांवों की हालत अधिक खराब है. किशनगंज रेलवे स्टेशन के पास ट्रैक पर दो फीट पानी बह रहा है. बाढ़ के कारण उत्तर पूर्वी भारत का संपर्क देश के शेष इलाकों से कट चुका है.

पूर्णिया जिले में भी बाढ़ की स्थिति भयावह हो गई है. बायसी व डगरुआ अधिक प्रभावित हैं. एनएच 31 पर पानी आने के कारण डंगराहा पुल का पीलर ध्वस्त हो गया है. इससे पूर्णिया का किशनगंज और पश्चिम बंगाल से सड़क संपर्क भंग हो गया है. एनएच 31 पर भी आवागमन बाधित है. पुल के दोनों ओर लगभग 20 हजार ट्रक फंसे हुए हैं.

लगातार हो रही बारिश के कारण सुपौल में कोसी समेत इसकी सहायक तिलयुगा, बिहुल और सुरसर नदियों में उफान है.कई सड़कें कट गई हैं. सुपौल से अररिया जाने वाले एनएच 327 ई पर जदिया हाईस्कूल के निकट पुलिया धंस जाने से आवागमन बाधित हो गया है.

कोसी में उफान से सहरसा में तटबंध के अंदर के गांव पूरी तरह बाढ़ से घिर चुके हैं. जिले के चार प्रखंडों की 40 पंचायतें बाढ़ से प्रभावित हैं. नवहट्टा के एन 6 स्पर पर अब भी कोसी का दबाव बना हुआ है. यहां अलग-अलग घटनाओं में डूबकर पांच की मौत हुई है.

बाढ़ के कारण जिले के तीन दर्जन गांवों की स्थिति दयनीय बनी हुई है. मधेपुरा व मुरलीगंज शहर के भी 200 से अधिक घरों में पानी प्रवेश कर गया है. एनएच 106 पर भी एक फीट पानी बह रहा है. यहां चार लोग डूबे हैं.

 

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