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BiG Breaking -Most Wanted खान ब्रदर्स फेम इंटरस्टेट कुख्यात अयूब खान गिरफ़्तार जानिए कब,कहाँ और क्यो?

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पटना Live डेस्क। बिहार के बेहद चर्चित जिलों में शुमार सिवान में अब मोहम्मद शहाबुद्दीन (Md. Shahabuddin) के निधन के बाद भी लगातार समाचारों में सुर्खियां बटोर रहा है।दरअसल,वर्त्तमान में जिले को सुर्खियों में लाने में सिवान के ही मूल निवासी दो सगे भाइयों जो अंडरवर्ल्ड में खान ब्रदर्स (Khan Brothers)के नाम से कुख्यात व विख्यात को जाता है। दोनों सगे भाइयों का बेहद लम्बा चौड़ा आपराधिक इतिहास रहा है। बिहार समेत ओडिशा उत्तरप्रदेश, झारखंड व अन्य राज्यों में भी इनके ऊपर लूट, डकैती, अपहरण, हत्या के प्रयास, रंगदारी और हत्या जैसे दर्जनों संगीन घटनाओं को अंजाम देने के मुकदमे दर्ज है। इन्ही खान ब्रदर्स की कुख्यात जोड़ी के बड़े भाई यानी अयूब खाँ को पुलिस की स्पेशल टास्क फ़ोर्स (Special Task Force) ने शनिवार को उसवक्त धर दबोचा जब वो कथित तौर पर गंगटोक से वाया पूर्णिया होते हुए बिहार के अपने लथित तौर पर मुजफ्फरपुर जिले के अपने ठिकाने पर लौट रहा था। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के बाद पटना से गई एसटीएफ की टीम को कुख्यात अयूब खाँ को पूर्णिया जिले के बायसी थाने के दालकोला चेकपोस्ट पर गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली। एसटीएफ ने अयूब को एक निजी गाड़ी से गिरफ़्तार कर लिया और अपने साथ लेकर किसी अज्ञात स्थान पर लेकर चली गई।

जहाँ उससे पूछताछ की जा रही है। अयूब की गिरफ्तारी से कयास लगाया जा रहा है कि सीवान नगर थाना क्षेत्र से 7 नवम्बर से बेहद रहस्यमय तरीके से लापता किए गए तीन युवकों अंशु सिंह,विशाल सिंह और परवेन्द्र यादव के बाबत न केवल खुलासा हो जाएगा बल्कि इनके अपहरण की गुत्थी सुलझने की भी संभावना है। अब तक इन युवकों का कोई अता-पता नहीं मिला है।

लापता विशाल और अयूब खान

दरअसल सीवान से 7 नवंबर से लापता 3 युवकों के मामले में पुलिस ने परिजनों के लिखित आवेदन पर तहक़ीक़ात शुरू की तो घटना के 18 दिनो के बाद 25 नवंबर के दिन बुधवार को पुलिस ने कड़िया जोड़ते हुए सिवान के नगर थाना क्षेत्र के शुक्ल टोली के रहने वाले एक युवक संदीप को धर दबोचा और जब पुलिसिया स्टाईल में पूछताछ की तो उसने बताया कि लापता विशाल सिंह,अंशु सिंह,परमेंद्र और मैं खुद भी अयूब खा के लिए काम करते थे।

बक़ौल संदीप अयूब खा ने विशाल को एक काले रंग की स्कॉर्पियो भी दे रखी थी।विशाल सिंह अपने अन्य साथियों के साथ अयूब खा के बताए गए ठिकानों से पैसे वसूलने का काम करता था। उसने बताया कि विशाल सिंह ने विगत कुछ महीनों से अयूब के नाम पर रंगदारी भी माँगने लगा था और वसूली के रकम लेकर भी पूरे पैसे नहीं देता था। पैसों में बेईमानी तो करने ही लगा साथ ही साथ अपनी मनमर्जी से आपराधिक वारदातें करने लगा था और जल्द ही अयूब को ही टपकाने की भी बातें करने लगा था।पुलिस के अनुसार संदीप ने पूछताछ में बताया कि विशाल सिंह और अयूब खान के बीच अच्छी बनती थी। लेकिन समय के साथ विशाल अब अयूब खा को रास्ते से हटाने की बात भी करने लगा। विशाल के प्लानिंग की जानकारी अमरेंद्र ने अयूब खान को दे दी। इन तमाम बातों की जानकारी अयूब खान को हुई तो वो गुस्से से बिफ़र उठा और विशाल सिंह को खत्म करने की साज़िश में जुट गया।
इस बीच एक दिन विशाल सिंह व महफूज के बीच मोबाइल पर बातचीत में एक बार फिर विशाल ने अयूब खान को मार देने की बात कही जिसे महफूज ने रिकॉर्ड कर लिया और फिर रिकार्डिंग को अयूब खान के मोबाइल फोन पर भेज दिया। दोनों के बीच दूरियां बढ़नी पहले से ही शुरू हो गयी थीं। इस रिकॉर्डिंग के बाद तो अयूब ने विशाल को ठिकाने लगाने का प्रोग्राम फिट कर लिया।विशाल इन बातों से अनजान था कि अयूब को सब कुछ पता चल गया है।
बकौल संदीप के घटना वाले दिन यानी 7 नवम्बर को मैं,विशाल,अंशु स्कोर्पियो पर सवार होकर इकट्ठे निकले जिसे उसका ड्राइवर परमेंद्र चला रहा था। बड़हरिया थाना क्षेत्र के बीबी के बंगरा गांव मंसूर मियाँ के घर पहुचे। वहा पहले से ही अयूब खान सहित 15 से ज्यादा लोग मौजूद थे।

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