बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

डॉ नीतू नवगीत के लोकगितों की धूम दर्शको के वाह वाह के बीच बहती रही स्वर लहरियों से उठी माटी की सोंधी खुशबू

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मनोज कुमार उर्फ बाबुल,ब्यूरो कॉर्डिनेटर

पटना Live डेस्क। ग्रामीण हस्तशिल्प और  उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए पटना के गांधी मैदान में लगाए गए सरस मेला में दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी और लोगों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा बिहारी व्यंजनों का भी खूब लुत्फ उठाया। साप्ताहिक आयोजन में ग्रामीण हस्तशिल्प और उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न नदियों के नाम पर चार विशाल मंडप लगाए गए जहां महिला स्वयंसेवी समूह तथा गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा विभिन्न स्थानों की प्रदर्शनी लगाई गई।लोगों के मनोरंजन के लिए कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें प्रतिदिन बिहार के प्रसिद्ध कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
इसी क्रम में बिहार के प्रसिद्ध लोक गायिका नीतू कुमारी नवगीत ने भी अपने लोक गीतों की प्रस्तुति से लोगों का भरपूर मनोरंजन किया और उन्हें बिहार के गांव की सोंधी महक से सरोबार किया। उन्होंने अपने कार्यक्रम की शुरुआत में सबसे पहले गणेश वंदना मंगल के दाता रउआ बिगड़ी बनाई जी से की और उसके बाद अनेक पारंपरिक गीत पेश किए। सरस मेला को केंद्र में रखते हुए उन्होंने गाया- आग लागे सैंया जी, तोहरी नौकरिया कि पटना सरस मेलवा हम कैईसे जयबे ना।
फिर,चंपारण सत्याग्रह के शताब्दी वर्ष को याद करते हुए उन्होंने गांधी गान पेश किया –सत्य की राह दिखाई दियो रे लाठी वाले बापू,अहिंसा का अलख जगाए दियो रे लाठी वाले बापू                                         इसके बाद उन्होंने कोयल बिना बगिया ना शोभे राजा, हमारा आम अमरैया बड़ा नीक लागेला ,पिया मेहंदी लिया द मोती झील से जाके साइकिल से ना, सैयां झांके नथुनिया हमार नजरिया डाल डाल के,पटना शहर के नौकरिया जिया जर गईल हमार सहित अनेक लोकगीत पेश किए। साथ ही उन्होंने अपने नए एल्बम बिटिया है अनमोल रतन के गीतों को भी पेश किया और लोगों से अपील की कि शादी में दहेज ना लें और बेटियों को भी आगे बढ़ने का पर्याप्त अवसर दें ..

  सांस्कृतिक कार्यक्रम में डॉ नीतू कुमारी नवगीत के साथ हारमोनियम पर राकेश कुमार,तबला पर संतोष कुमार, नाल पर मनोज कुमार सुमन, बैंजो पर अशोक कुमार, कैसियो पर सुरजीत कुमार ने संगत किया।

 

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