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मोतिहारी: भ्रष्टाचारियों की करतूत देख डीएम ने खोया आपा, एडीएसओ को लगायी जमकर फटकार,100 ग्राम हल्दी कहकर दे रहे हल्दी 12 ग्राम!

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कुबेर पाण्डेय,संवाददाता,पूर्वी चम्पारण

पटना Live डेस्क. सूबे का 19 जिला इन दिनों गंभीर बाढ़ की चपेट में है…कहीं पानी उतर रहा है..तो कहीं पानी चढ़ रहा है..कहीं नदियों ने लोगों को राहत दी हैं..तो कहीं लोगों के दर्द को बढ़ाया है…राज्य सरकार इन इलाकों में बड़े पैमाने पर बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत का काम चला रही है..कोई अपने घर-बार को छोड़कर सरकारी व्यवस्था की मदद से अपनी जिंदगी चला रहा है..तो किसी का घर-द्वार सब छिन गया है.. अपने आशियाने लौटने की आस में लोग कभी आसमान को निहारते हैं..तो कभी उफनाई नदियों को देखते हैं…किसी तरह गुजर बसर कर रहे इन बाढ़ पीड़ितों पर दोहरी मार है..एक तो अपनी जगह से दूर किसी तरह जान बचाने की कवायद..वहीं दूसरी तरफ सरकार की तरफ से मिल रही राहत में भी भ्रष्टाचारियों की करतूत…जो थोड़ा बहुत सरकार की तरफ से इन बाढ़ पीड़ितों को मिल रहा है उसमें भी भ्रष्टाचारियों की गिद्ध दृष्टि है…वो उनका भी निवाला छीनने पर उतारु हैं..मामला मोतिहारी का है..जहां सरकार बाढ़ पीड़ितों के लिए बड़े पैमाने पर राहत कैंप चला रही है..जहां इनलोगों के बीच फूड पैकेट का वितरण किया जा रहा है..लेकिन इन फूड वितरण पैकेट में भी बांटने वाले भ्रष्टाचार कर रहे हैं..सरकार की तरफ से यह साफ निर्देश है कि इन फूड पैकेटों में सौ ग्राम हल्दी का पैकेट होना चाहिए…लेकिन घूसखारों ने यहां भी रास्ता निकाल लिया…और इन पैकेटों में सौ ग्राम हल्दी की जगह महज बारह ग्राम हल्दी का पैकेट बनाकर उसे पीडितों के बीच बांट रहे हैं..यह खेल काफी दिनों से चल रहा है..लेकिन इस बात की जानकारी किसी तरह मोतिहारी के डीएम रमण कुमार को मिल गयी…बस फिर क्या था..बिना बताए जिलाधिकारी ने इन राहत केंद्रों का औचक निरीक्षण कर दिया…जिलाधिकारी रमण कुमार ने जो वहां की हालत देखी उससे वो भी भौंचक्का रह गए…और सोचने पर मजबूर हो गए कि आखिर इस आपदा की घड़ी में भी लोग इस तरह का रवैया अपना सकते हैं… दरअसल वहां बाढ़ पीड़ितों को सौ ग्राम हल्दी की जगह महज बारह ग्राम हल्दी दिया जा रहा था..साथ ही प्रशासन की तरफ से यह कहा जा रहा था कि बाढ़ पीड़ितों के बीच सारे पैकेटों का वितरण किया जा चुका है… इस मामले को देख डीएम रमण कुमार आपे से बाहर हो गए..और उन्होंने वहां मौजूद एडीएसओ को जमकर खरी-खोटी सुनाई..यहां तक की मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक डीएम ने एडीएसओ को ‘गधा’ कहकर पुकारा और कहा कि, ‘अरे गधे एडीएसओ, इधर आओ… बेवकूफ कहीं का… मेरे को बोला सारे पैकेट सेंटर से निकल गए हैं… क्या रखा हुआ है तुम्हारे यहां… तुम्हारे जेब से काटकर हम देंगे सरकार के खाते में पैसा जमा कराएंगे..हालांकि एडीएसओ इस दौरान अपनी सफाई देते रहे लेकिन व्यवस्था से नाराज डीएम ने उनकी एक नहीं सुनी…यही हाल है व्यवस्था का..यही हाल है प्रशासन में बैठे चंद घूसखोरों का जो लोगों का केवल खून चूसना जानते हैं…वो लोगों का उनका वाजिब हक भी नहीं देना चाहते..

इस विनाशकारी बाढ़ के चलते बिहार में मरने वालों की संख्या 500 से ज्यादा हो चुकी है… बिहार में आई बाढ़ से 19 जिलों किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सीतामढी, शिवहर, समस्तीपुर, गोपालगंज, सारण, सिवान, सुपौल, मधेपुरा, सहरसा एवं खगड़िया की एक करोड़ 71 लाख 64 हजार आबादी प्रभावित हुई है.. बाढ़ से सबसे अधिक अररिया में 95 लोग, सीतामढी में 47, पूर्णिया में 44, पश्चिमी चंपारण में 42, कटिहार में 40, दरभंगा में 37, पूर्वी चंपारण में 32, मधेपुरा में 29, मधुबनी में 28, किशनगंज में 24, मुजफ्फरपुर में 21, गोपालगंज 20, सुपौल में 16, सारण में 13, खगड़िया में 10, सहरसा में 8, शिवहर 6 तथा समस्तीपुर में 2 व्यक्ति की मौत हुई है..राज्य में बाढ़ प्रभावित इलाके से सुरक्षित स्थान पर पहुंचाये गए 854936 लोगों में से 106650 व्यक्ति अभी भी 115 राहत शिविरों में शरण लिए हुए हैं… बाढ़ से प्रभावित लोगों के लिए सरकार हसंभव मदद की कोशिश कर रही है.. राज्य सरकार ने कई शिविर लगाए हैं और बाढ़ पीड़ित लोगों को राहत सामग्री बांट रही है…

 

 

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