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पटना हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस रहे दीपक मिश्रा देश के 45वें चीफ जस्टिस होंगे

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पटना Live डेस्क। सुप्रीम कोर्ट के सबसे सीनियर न्यायाधीश दीपक मिश्रा भारत के 45वें चीफ जस्टिस होंगे। न्यायमूर्ति जे एस खेहर की जगह पदभार संभालेंगे। कानून मंत्रालय ने अधिकारिक अधिसूचना जारी करते हुए नए चीफ जस्टिस की नियुक्ति की घोषणा की।न्यायमूर्ति मिश्रा चीफ जस्टिस के पद पर 13 महीने तक रहेंगे। वे 28 अगस्त को अपना कार्यभार संभालेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के बेहतरीन न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति मिश्रा की गिनती होती है। सीनियर न्यायधीश कई बड़े फैसलों का हिस्सा रहे हैं। उन्होंने मुंबई विस्फोट के दोषी याकूब मेमन जैसे चार अपराधियों को फांसी की सजा सुनाई थी। चीफ जस्टिस के तौर पर राम मंदिर और बाबरी मस्जिद जैसे विवादित मुद्दों उनके हाथ में होंगे। इसके अलावा वे कई बड़े मुद्दे जैसे कावेरी जल विवाद, सेबी-सहारा विवाद, बीसीसीआई सुधार, पनामा पेपर लीक और निजता का अधिकार मामला जैसे अहम मुद्दों पर फैसला करने वाली बेंचों का हिस्सा होंगे।

कई हाई कोर्ट्स में रहे हैं न्यायाधीश

साल 1996 में मिश्रा को ओडिशा हाई कोर्ट का अतिरिक्त न्यायाधीश बनाया गया था और इसके बाद उनका तबादला मध्य प्रदेश हाई कोर्ट में मार्च 1997 में हुआ था. साल 2009 में मिश्रा पटना हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश बने और इसके बाद वे दिल्ली हाई कोर्ट में मई 2010 में मुख्य न्यायाधीश चुने गए।

न्यायमूर्ति मिश्रा दिल्ली हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के तौर पर सेवा देने के बाद प्रमोट होकर 10 अक्तूबर 2011 को सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे। उन्होंने उस बेंच की अध्यक्षता की थी जिसमें साल 2015 में याकूब मेमन की फांसी की सजा पर अंतिम फैसला करने के लिए अभूतपूर्व रूप से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा आधी रात के बाद एक बजे खुला था।

न्यायमूर्ति मिश्रा तीन न्यायाधीशों वाली उस बेंच की भी अध्यक्षता कर चुके हैं, जिसने निर्भया मामले में दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा सामूहिक दुष्कर्म के लिए अपराधियों की दी गई फांसी की सजा को बरकरार रखा था।

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