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बड़ी खबर – 28 नवम्बर को डीआईजी विकास वैभव के जनता दरबार मिली थी जदयू विधायक की जबरदस्ती जमीन हड़पने की शिकायत जांच में नपे

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पटना Live डेस्क।सूबे में जदयू की सत्ता है। विधायक जी सत्ताधारी दल के विधायक है। तो जाहिर सी बात है तिकडमी चाल से जर और ज़मीन पर नज़र गड़ाए रहते है। लेकिन कभी नही सोच था कि एक बुजुर्ग महिला की शिकायत पर नप जाएंगे। मिली शिकायत की जांच करवा कर डीआईजी विकास वैभव ने न सिर्फ कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है। बल्कि फोरेंसिक जांच तक का आदेश दे दिया है। यानी विधायक जी अब कानून के लपेटे में आ कर विवादों के घेरे में फंस गए हैं विधायक जी। उन पर जबरदस्ती जमीन हड़पने का आरोप है। विधायक के खिलाफ प्राथमिकी भी बौंसी थाने में दर्ज की गई है। इस आरोप पर पुलिस ने भी फौरी एक्शन लिया है। मामले की जांच शुरू कर दी गई है। विवादित जमीन पर विधायक द्वारा कराए जा रहे निर्माण कार्य को भी पुलिस द्वारा रोक दिया गया है।खबरों के अनुसार पुलिस उपरोक्त मामले के अलावा भी जमीन संबंधी कई अन्य विवादों में विधायक की संलिप्तता की जांच कर रही है।
जमीन हड़पने का आरोप अमरपुर के जदयू विधायक जनार्दन मांझी पर लगा है। वह बांका जिला अंतर्गत बौंसी के रहने वाले हैं। सुजापुर गांव निवासी केन्दुला देवी ने विधायक जनार्दन मांझी पर जबरदस्ती उनकी जमीन कब्जाने का आरोप लगाते हुए डीआईजी विकास वैभव से न्याय की गुहार की है। डीआईजी के निर्देश पर बांका जिले की पुलिस सक्रिय हुई। बौंसी पुलिस ने इस संबंध में कार्रवाई आरंभ कर दी है। पुलिस ने उक्त जमीन पर चल रहे निर्माण कार्य को भी कल रुकवा दिया है। विवादित जमीन पर सुरक्षा बलों की तैनाती कर दी गई है।

डीआईजी विकास वैभवज्ञात हो कि गत 28 नवंबर को केन्दुला देवी ने डीआईजी विकास वैभव के जनता दरबार में आवेदन देकर बौंसी प्रखंड अंतर्गत मैनमा मौजा में उनकी 1 एकड़ 16 डिसमिल जमीन पर विधायक जनार्दन मांझी द्वारा जबरदस्ती कब्जा करने का आरोप लगाते हुए आवश्यक कार्रवाई की प्रार्थना की थी। केन्दुला देवी ने कहा था कि जमीन पर उनके द्वारा जोत आबाद किया जाता रहा है। लेकिन विधायक ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए उस पर कब्ज़ा कर लिया और वहां निर्माण कार्य करा रहे हैं। केन्दुला देवी ने कहा कि जमीन उनके पुत्र शंकर झा के नाम पर दर्ज है जबकि इससे पहले यह उनके पति के नाम से था।

उन्होंने डीआईजी विकास वैभव को कहा कि जमीनदारी के समय से ही जमीन उनके पति के नाम से थी जो उनकी मौत के बाद उनके बेटे के नाम से दर्ज हुई। डीआईजी ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बौंसी थाना इंचार्ज से इस जमीन मामले की जांच कर तुरंत रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया था। साथ ही विवादित भूखंड पर चल रहे निर्माण कार्य को रोकने का भी आदेश डीआईजी ने दिया था। बौंसी थानाध्यक्ष के अनुसार डीआईजी के आदेश पर कार्रवाई करते हुए जमीन पर चल रहे निर्माण कार्य को रोक दिया गया है तथा वहां दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है। जमीन संबंधी रिपोर्ट अंचल से मांगी गई है। अंचल से रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस बीच खबरों के अनुसार बौंसी तथा आसपास जमीन विवाद संबंधी कई अन्य मामलों में भी विधायक की संलिप्तता सामने आ रही है।पुलिस ने कहा कि इन मामलों की भी जांच की जाएगी।

 

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