बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

Fact फाइंडिंग (वीडियो) पटना में डबल मर्डर और देवघर -अमित सिंह की हत्या का चितरंजन vs संजय सिह से कनेक्शन !जानिए

◆बिहटा के सिनेमा मालिक हत्याकांड में उम्र कैद की सज़ा काट रहा था कुख्यात◆बिहटा से सदिशोपुर वाया बेलाउर तक अमित सिंह था निशाने पर ◆ निर्भय सिंह की हत्या के बाद से अपने ही लोगो के आँखों मे रहा था खटक ◆पटना में डबल मर्डर में नाम आने के बाद से नीमा गांव में जारी पांडव सेना के सरगनाओ के गैंगवार में शामिल होने का मिला था सुराग ◆ सुपारी देकर कराई गई हत्या का शक, बेहद दुःसाहसी शूटर ने दिया घटना को अंजाम, हथियार फेका और हो गया फरार ◆ वकील के चेम्बर में बेधड़क एक दम सटकर सिर में मारी गोलियां, ओंस्पॉट मार गिराया

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पटना Live डेस्कराजधानी पटना के बेउर जेल से पेशी के लिए झारखंड के देवघर कोर्ट गए बदमाश अमित कुमार सिंह को कोर्ट परिसर में ही वकील से मिलने ख़ातिर चेम्बर मे बैठे होने के दौरान दनादन 3 गोलियों मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। वही घटना के बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने भी अमित को मृत घोषित कर दिया। देवघर पुलिस ने अमित सिंह के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजकर घटना की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि अपराधियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। घटनास्थल से पुलिस ने खोखा बरामद किया है।घटना की सूचना मिलते ही देवघर में मौजूद दुमका डीआइजी सुदर्शन मंडल भी देवघर एसपी सुभाष चंद्र जाट के साथ घटनास्थल पर पहुंचे।

जानकारी के अनुसार,अमित सिंह पटना का दुर्दांत अपराधी बताया जाता है। उसके ऊपर हत्या, रंगदारी समेत कई अन्य गंभीर मामले दर्ज थे। अमित को पांच पुलिसकर्मी देवघर कोर्ट लेकर आए थे। घटना के वक़्त ग्यारह बजे थे जब एडीजे-3 की अदालत में पेशी के बाद बाहर निकलने के बाद अमित अपने वकील राजीव कुमार देव के केबिन मे बैठा उनका इंतजार कर रहा था।तभी अचानक एक युवक पहुचा और बेहद करीब जाकर अमित को एक के बाद एक तीन गोली मारी। पुलिस के अनुसार, अमित को एक गोली उसकी कनपटी में सटाकर, दूसरी सिर में और तीसरी सीने में मारी गई। इससे उसकी मौत घटनास्थल पर ही हो गई। वही शूटर ने फरार होने के दौरान 3 और फायर किया और फिर कुछ दूरी पर वकालत खाना के पास पिस्टल फेक कर परिसर के बाहर भागा जहां ब्लैक पल्सर को स्टार्ट कर एक व्यक्ति हेलमेट लगाए उसका इंतजार कर रहा था। दौड़ते हुए शूटर वहाँ पहुचकर बाइक पर सवार हो गया और दोनो फरार हो गए।

कोठारी अपहरणकांड का आरोपित 

मारे गए सजायाफ्ता कुख्यात अमित को एडीजे-3 की अदालत में देवघर में वर्ष 2012 में व्‍यवसायी चंचल कोठारी के अपहरणकांड में प्रोडक्शन वारेंट पर पेशी ख़ातिर देवघर एएसआइ राम अवतार राम के साथ चार हथियार बंद पुलिसकर्मियों की सुरक्षा घेरे में देवघर लाया गया था। देवघर के बेहद चर्चित इस अपहरण की घटना में कबाड़ (स्क्रेप) कारोबारी चंचल को झारखंड पुलिस ने सकुशल बरामद कर लिया था। इसी मामले में अमित  सिंह आरोपित था।

कोर्ट में पेशी के बाद अ‍भियुक्‍त अधिवक्ता राजीव कुमार देव के केबिन में आकर बैठा था। अधिवक्ता कोर्ट में ही थे। तभी एक अपराधी आया और उसने दनादन तीन गोली उस पर दाग दी और भागने क्रम शूटर ने हवा में तीन राउंड फायरिंग की और पिस्टल छोड़कर भाग निकला। हमले में अमित कुमार सिंह के सिर पर गोली लगी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। फिर भी आनन फानन में उसे अस्पताल ले जाया गया जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। 

सुपारी किलिंग की ओर इशारा

देवघर में ढेर कर दिए गए पटना जिले के बिहटा में सिनेमा हाल मालिक निर्भय सिंह हत्याकांड में सजायाफ्ता अमित को पूरी तरफ बेख़ौफ़ और दुःसाहसी शूटर ने बिल्कुल सटकर नजदीक से तीन गोलियों मारी। एक गोली उसकी कनपटी में, दूसरी उसके सिर में और तीसरी सीने में मारी गई। यानी बचने का कोई चान्स ही नही था। मार डाला ही उद्देश्य था।

एक अपराधी द्वारा सैकड़ो लोगो की मौजूदगी में कोर्ट परिसर में हत्या करना और फिर फरार हो जाना इस बात की ओर इशारा करता है कि वो दुःसाहसी और शार्प शूटर है। इस तरह की एकदम सटीक किलिंग अमूमन सुपारी किलर्स ही करते है। फिर हथियार वारदातस्थल पर फेंक कर फरार हो जाना उसके प्रोफेशनल कॉन्ट्रेक्ट किलर होने की गवाही देता है। वही, देवघर में अमित की हत्या भी भाड़े पर किए जाने की ओर इशारा करता है क्योंकि झारखण्ड में अमित ने किसी ऐसी वारदात को मिली जानकारी के अनुसार नही दिया था जो उसकी हत्या का कारण बने।

निर्भय सिंह हत्याकांड से बना डॉन

देवघर कोर्ट में ढेर कर दिया गया अमित सिंह 15 सितम्बर 2017 को दिनदहाडे बिहटा के उदयचित्र मंदिर नामक सिनेमा हॉल मालिक व बेहद चर्चित परिवार के चश्मों चराग निर्भय सिंह हत्याकांड को अंजाम देकर अपराध जगत में सुर्खियों में आया था। अमित सिंह बिहटा के बसौढा निवासी था और पंचायत के मुखिया पप्पू सिंह का पुत्र था। उक्त घटना के बाद इसने अपराध जगत में अपनी गहरी पैठ बना ली और इसका महाकाल गैंग कुख्यात होता चला गया। रंगदारी ख़ातिर गोलीबारी के तमाम कांड को इसने अंजाम दिया व दिलाया। वही निर्भय सिंह हत्याकांड को अंजाम देकर अमित लगभग एक साल तक फरार रहा है और बड़ी मशक्कत के बाद पकड़ा गया। तब पुलिस ने इसके खौफ को खत्म करने ख़ातिर इसको नंगे बदन बाजार में घुमाया भी था।

डबल मर्डर और देवघर 

                महज 5 साल में अपराध की दुनिया विशेष कर पटना पश्चिमी के बेहद तेजी से विकसित हो रहे बिहटा,नौबतपुर, विक्रम-पाली होते हुए भोजपुर जिले तक अपने अपराध से कोहराम मचा देने वाले अमित कुमार सिंह जेल में रहते हुए बिहार के बाहर के भी अपराधियों के संपर्क में आया और फिर इसने कांट्रेक्ट किलिंग को अपना पेशा बना लिया। उल्लेखनीय है कि पुलिस ने भी सिनेमा हॉल मालिक हत्याकांड को कॉन्ट्रैक्ट किलिंग के द्वारा किया गया कांड बताया था।

पटना के बेउर जेल मे बिहटा के सिनेमा मालिक हत्याकांड में उम्र कैद की सज़ा काट रहा अमित लागातर अपने गुर्गों के जरिए अपराध जगत में अपनी दखल बनाए हुए था। इसके जेल से लगातार सक्रिय रहने के तमाम खबरे मिलती रहती थी। जिसका फलाफल यह था कि चर्चित निर्भय सिंह हत्याकांड के बाद से ही ये उनके शुभचिंतको के निशाने पर आ गया था। साथ ही साथ अपने आपराधिक कारगुजारियों की वजह से ये बिहटा से सदिसोपुर वाया भोजपुर जिले के बेलाउर तक अपराधियों और सफेदपोशों की नज़र पर चढ़ता चला जा रहा था। स्वभाव से जिद्दी और कम उम्र में जरूरत से ज्यादा मनबढ़ अमित की इलाके के ही लंबे समय से जरायम की दुनिया मे बाप -बेटा गिरोह के नाम से कुख्यात मनोज सिंह और जेल में कैद उसके बेटे माणिक की नज़रों में खटकता चला आ रहा था। उल्लेखनीय है कि वर्त्तमान में जेल में बंद माणिक को कड़ी मशक्कत के बाद झारखण्ड के हजारीबाग से एसटीएफ द्वारा गिरफ्तार किया गया था। बताया जाता है गिरफ्तारी के वक़्त बाप-बेटा साथ साथ थे पर मनोज सिंह बच निकला था। अमित सिंह साथ ही किसी की भी परवाह नही करने और बातों को नही मनाने से की वजह से अपने ही लोगो के आँखों मे खटकने लगा था।

डबल मर्डर से दहली राजधानी

इसी बीच मंगलवार 31 मई 2022 को राजधानी में सरेशाम पत्रकार नगर थाना क्षेत्र के काली मंदिर रोड में सरेशाम 2 युवकों को गोलियों से सैकड़ो लोगो के सामने भून दिया गया। मार डाले गए दोनो युवकों की पहचान अरवल से भाजपा के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा के सगे भाइयों बत्तीस वर्षीय शंभू शरण और गौतम सिंह जिनकी उम्र 28 वर्ष थी के तौर पर हुई है।

गैंगवार में हुई इस खुरेजी ख़ातिर पटना जिले के ही नीमा निवासी पांडव गिरोह के सरगना समेत संजय सिंह को ज़िम्मेदार ठहराते हुए 7 नामज़द और 2 अज्ञात लोगो पर FIR दर्ज़ कराई गई। कांड को सुपारी देकर अंजाम दिलाया गया। इस घटना की जड़ में लंबे समय से धनरूआ थाना क्षेत्र अंतर्गत पड़ने वाले नीमा गाँव के निवासी पांडव सेना के सरगना संजय सिंह और कभी साथ रहे भाजपा पूर्व  विधायक चितरंजन शर्मा के परिजनों के बीच जारी ज़मीनी विवाद है जो अब गैंगवार में तब्दील हो चुकी है। वही, पूर्व विधायक के भाइयों की हत्या को वर्त्तमान में फरार चल रहे संजय सिंह के करीबी सुधीर शर्मा की घटना से कुछ दिनों पूर्व धनरुआ थाना क्षेत्र में ही पीट-पीटकर हत्या कर दी गई थी। हालांकि, उक्त मामले में पूर्व विधायक या उनके परिवार के किसी व्यक्ति को नामजद नहीं किया गया था। लेकिन दावा किया जाता है कि पूर्व विधायक के दोनों भाइयों को मौत के घाट उतार कर सुधीर शर्मा की हत्या का बदला लिया गया।

अबतक शूटर नही चढ़े है पुलिस के हत्थे

31 मई को अंजाम पाए डबल मर्डर कांड में पटना पुलिस के हाथ अब भी खाली है। पुलिस अबतक न ही मुख्य आरोपी संजय सिंह को गिरफ्तार कर पाई है ना ही शूटरों को पकड़ पाई है। लेकिन पुलिस की जांच में डबल मर्डर में राजधानी से सटे जिले के शूटरों को सुपारी देकर हत्या कराए जाने के सुबूत मिले और कड़ियों को जोड़ते हुए पुलिस को अपनी जांच जेल में बंद अमित सिंह के पांडव सेना सरगना संजय सिंह लगातार संपर्क में होने के पुख्ता सबूत मिले। ज्यो ज्यो डबल मर्डर की जांच आगे बढ़ी अरवल के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा के दोनो भाइयों की हत्या में भी अमित सिंह की बड़ी भूमिका की पुष्टी होते जा रही थी। यानी डबल मर्डर में अमित सिंह का नाम सामने आ रहा था। वही गर पाताललोक के सूत्रों के दावे कहते है कि कांड को अंजाम देने वाले दोनो शूटर अमित कुमार सिंह के नेटवर्क के जरीए पटना पहुचे थे। इसके लिए अमित ने मोटी रकम संजय सिंह से लिया था।

पूर्व विधायक और बाप-बेटा गिरोह

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नीमा गाँव निवासी चितरंजन सिंह के परिजनों व संजय सिंह में 10 फीट के रास्ते के विवाद में अबतक 10 सालों में असमय ग्यारह लोगो की मौत हो चुकी है। दोनो पक्षो में तुर्शी तब और बढ़ गई जब 26 अप्रैल 2020 को पांडव गिरोह का सरगना रहे संजय सिंह पर नदंवा स्टेशन स्थित बाजार में सब्जी खरीद के दौरान मोटरसाइकिल सवार तीन अपराधियों ने हत्या की नीयत से फायरिंग की जिससे संजय सिंह जख्मी हो गए और साथ रहे युवक ने जवाबी फायरिंग कर हमलावरों को खदेड़ दिया था। इस घटना के बाद से दोनों गुटों में अदावत बढ़ गयी।

यही से बाप बेटा गिरोह और पूर्व विधायक के बीच नज़दीकी होने के दावे किए जाते है। इसपर मुहर लगी जा माणिक गिरफ्तार हुआ और संजय सिंह पर हमले का कारण अपने पिता पर हुई गोलीबारी में शामिल संजय सिंह से बदला लेना बताया और सहयोग में चितरंज सिह का सहयोग मिलना बताया था। लेकिन पूर्व विधायक ने इससे इनकार किया था।

36 दिन में परिवार के 4 हलाक

लेकिन तब से शुरू हुई दोनो गुटों में टकराव का फलाफल यह निकला कि महज 36 दिनों के अंदर अपने परिवार के 4 लोगों की हत्या से अरवल के पूर्व विधायक चितरंजन शर्मा समेत पूरा परिवार सन्न रह गया। पूर्व विधायक ने घटना के बबात कहा था कि पहले जहानाबाद व मसौढ़ी में चाचा अभिराम शर्मा व भतीजा दिनेश्वर शर्मा की हत्या से उबर भी नही पाये थे कि बीते 31 मई को दो सहोदर भाइयों की हत्या कर दी गई। उन्होंने किसी का नाम नहीं लेते हुये इशारे ही इशारे में गांव के संजय सिंह का उल्लेख किया।

नीमा गाँव कहे या बदलापुर

कहते है दुश्मन का दुश्मन दोस्त होता है। बाप बेटा गिरोह का झारखण्ड में नेटवर्क पहले से है। अमित और माणिक में पहले से ही जेल के अंदर भी तनातनी जारी थी। इसी बीच संजय सिंह से अमित के जुड़ाव और चितरंजन शर्मा के दोनो भाइयों की हत्या में भी अमित सिंह की बड़ी भूमिका की पुष्टी पाताललोक के सूत्र कर रहे थे। इसी बीच बेउर जेल में बंद अमित को प्रोडक्शन वारेंट पर देवघर एडीजी तीन के कोर्ट पेश करने का फरमान आ पहुचा। जेल में ये बाते छुपती नही है। अमित सिंह देवघर पेशी पर जाने को चार एक के दस्ते के साथ निकला इधर शातिरों ने उसे देवलोक भेजने का इंतज़ाम कर दिया। सब कुछ सुनयोजित था कोर्ट में पेशी के बाद अमित जैसे ही वकील के चेम्बर मे आकर बैठा भाड़े के हत्यारे ने बिल्कुल करीब जाकर कनपटी में सटाकर पहली गोली मारी,दूसरी सिर में और तीसरी सीने व पेट के बीच मार कर अमित सिंह की कहानी का चैप्टर क्लोज कर दिया।

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