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सरकार गिरने के बाद छलका कांग्रेसी नेताओं का दर्द,कहा-भरोसा नहीं हो रहा

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पटना Live डेस्कराज्य में महागठबंधन सरकार के गिरने के बाद कांग्रेसी नेताओं का दर्द उनकी जुबां पर छलक आया है. बिहार कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार महागठबंधन से यूं निकल जाएंगे इस बात का उन्हें भरोसा नहीं था. सदानंद सिंह विधानसभा में लाए गए नीतीश कुमार सरकार के विश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बोल रहे थे. सदानंद सिंह ने कहा कि, ‘मैं नीतीश कुमार को अच्छा मुख्यमंत्री मानता था. लेकिन वे महागठबंधन तोड़ देंगे इस बात का अंदाज नहीं था. गठबंधन बनाकर जिस भाजपा को रोकने के लिए वे आगे आए थे अब उसी भाजपा के साथ चले गए हैं. जिस भाजपा ने नीतीश कुमार के डीएनए का मसला उठाकर उन्हें अपमानित किया था आज नीतीश कुमार उसी की गोद में जा बैठे हैं. उन्होंने शंका जाहिर करते हुए कहा, मुझे लगता है नीतीश कुमार वहां लंबे समय तक नहीं रह पाएंगे. उन्हें एक बार फिर धर्मनिरपेक्षता की ओर आना ही होगा।

बीस महीने तक सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही बिहार कांग्रेस अब विपक्ष में बैठने को मजबूर है. शुक्रवार का इसका नमूना भी दिखा. कांग्रेस के तमाम विधायक जहां सदन में सत्ता पक्ष के सामने विपक्ष के पाले में बैठे थे तो कल तक कांग्रेस कोटे से सरकार में मंत्री रहे कांग्रेस के कई दिग्गज चेहरे विधानसभा की दर्शक दीर्घा में दिखाई पड़ रहे थे. कल तक सरकार में बतौर शिक्षा मंत्री शामिल डॉ. अशोक चौधरी तथा राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री रहे डॉ मदन मोहन झा के साथ ही कांग्रेस के दो अन्य पार्षद दिलीप चौधरी और तनवीर अख्तर भी सदन की कार्रवाई देखने के लिए दर्शक दीर्घा में मौजूद थे.

इनके अलावा संजय सिंह, सचिदानंद राय, लाल बाबू प्रसाद और विनोद नारायण झा भी यहां दिखे. दरअसल डॉ. चौधरी, मदन मोहन झा समेत अन्य पार्षद विधानसभा के सदस्य नहीं है. इस वजह से वे विपक्षी पाले की बजाय दर्शक दीर्घा में बैठे कार्रवाई देखने को मजबूर थे.

 

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