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शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा को हाईकोर्ट ने रखा बरकरार,3 बेटों को खोने वाले चंदा बाबू रोते हुए बोले-‘सरकार बदली तो बढ़ गई न्याय की उम्मीद’

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विजय/सिवान

पटना Live डेस्क। सिवान के बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड में हाईकोर्ट ने शहाबुद्दीन की उम्रकैद की सजा को बरकरार रखा है. शहाबुद्दीन को उम्रकैद की सजा बरकरार रखने के फैसले के बाद राजीव रौशन के पिता चंदा बाबू ने हाई कोर्ट के फैसले पर खुशी जाहिर की है. फैसले के बाद चंदा बाबू की आंखों से खुशी के आंसू निकल आये. फैसला आते ही चंदा बाबू ने कहा कि सूबे में सरकार बदली है तो हमें राहत की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि इस केस में न्यायपालिका जिस तरह से फैसला सुना रही है और सबों का सहयोग मिल रहा है उससे मेरा भरोसा बढ़ रहा है. अपने दो बेटों को एक साथ गंवान वाले चंदा बाबू ने कहा कि हमारे दोनों बच्चे सीवान की आजादी के लिये शहीद हुए थे और अब ऐसा लग रहा है कि मेरा सीवान सच में आजाद हो गया है.


गौरतलब है कि चंदा बाबू के दो बेटों की तेजाब से नहलवाकर हत्या कर शव को गायब तक कर दिया गया था. जिसके बाद राजीव रौशन के पिता ने शहाबुद्दीन समेत आधा दर्जन लोगों पर नामजद एफआईआर दर्ज करवाया था. इस हाईप्रोफाइल हत्याकांड की सुनवाई के लिए सिवान जेल में एक स्पेशल कोर्ट बनाया गया था जिसमें इस मामले की सुनवाई होती थी. उसी दौरान सिवान में बने स्पेशल कोर्ट ने मामले के मुख्य आरोपी और बाहुबली सांसद शहाबुद्दीन के खिलाफ आजीवन कारावास का फैसला सुनाया था. फैसले के बाद शहाबुद्दीन के वकील के द्वारा हाईकोर्ट में अपील की गई थी. शहाबुद्दीन की इसी अपील पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने स्पेशल कोर्ट द्वारा दिये गए सजा को बरकरार रखा. हाईकोर्ट के फैसले पर चंदा बाबू ने खुशी जताई और साथ ही कहा कि अगर शहाबुद्दीन सुप्रीम कोर्ट जाता है तो मैं चाहूंगा की सुप्रीम कोर्ट द्वारा इसे फांसी की सज़ा सुनाई जाय.

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