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निखिल -प्रिया मामले में सीबीएसई ने दिया चौकाने वाला रिपोर्ट,जान के दंग रह जाएंगे आप पढ़े

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रविश कुमार मणि, वरीय संवाददाता

पटना Live डेस्क। बिहार के कोंग्रेसी पूर्व मंत्री की पीडि़त बेटी का दोनों सर्टिफिकेट को सीबीएसई ने सही बता पीडि़ता की मुश्किलें बढ़ा दिया हैं। चुकी लड़की ने पटना हाईकोर्ट में शपथ पत्र दी थीं कि मैं सिर्फ मुजफ्फरपुर की पारा माउंट स्कूल में रेगुलर रूप से पढ़ी हैं । जबकि आरोपी पक्षों ने लड़की के दो सर्टिफिकेट का हवाला देते हुये जांच की मांग किया था।
पूर्व मंत्री की बेटी ने बीते वर्ष दिसंबर माह में एससी/एसटी थाने में कांड संख्या 26 /2016 दर्ज करायी थीं । पुलिस ने पीडि़ता को नाबालिग मानते हुये पोक्सो की धारा लगाया था। आरोपियों ने पटना हाईकोर्ट में याचिका दें राहत देने की मांग किया था और कोर्ट को बताया था की लड़की बालिग है।दो-दो सर्टिफिकेट कोर्ट में दिखाया गया ,जिसमें पीडि़ता की एक ही सत्र में दो रिजल्ट जारी करना एवं दोनों में अलग-अलग जन्मतिथि हैं । जबकि पीडि़ता ने हाईकोर्ट में शपथपत्र दी थी की मैं सिर्फ मुजफ्फरपुर की पारामाउंट स्कूल में पढ़ती हुूँ।


मामले की जांच कर रहें एसआईटी ने पीडि़ता की दोनों सर्टिफिकेट की सत्यता के लिए मुजफ्फरपुर पारामाउंट स्कूल एवं पटना नेट्रोडम स्कूल को पत्र लिख जानकारी मांगी थी।साथ ही सीबीएसई से भी रिपोर्ट की मांग की गयी थीं । पारामाउंट स्कूल ने जो टीसी उपलब्ध कराया वह सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर कन्या मध्य विद्यालय निकला ।कन्या मध्य विद्यालय ने अपने रिपोर्ट में खुलासा किया की पीडि़ता कभी यहां पढ़ी नही हैं । इधर फर्जी टीसी पाएं जाने के बाद पारा माउंट स्कूल के निदेशक ने कहां की फर्जी टीसी लड़की अपने किसी मुंह भोले भाई के साथ लेकर आयीं थीं । लेकिन अरूण ठाकुर की बातें एसआईटी को गले नही उतर रही । इधर सीबीएसई ने वेबसाइट पर लोड दोनों सर्टिफिकेट को सही बताया हैं ।

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सीबीएसई की रिपोर्ट के बाद स्पष्ट हो गया हैं की लड़की पटना स्थित नेट्रोडम स्कूल में पढाई की हैं ।फिर किस स्थिति में लड़की ने पटना हाईकोर्ट में यह बतायी की वह सिर्फ मुजफ्फरपुर स्थित पारामाउंट स्कूल में पढ़ी हैं।पीडि़ता की दोनों सर्टिफिकेट सही पाएं जाने पर यह मामला लोगों को अजब लग रहा हैं की एक छात्रा एक ही सत्र 2010-12 में दोनों जगहों पर परीक्षा में कैसे शामिल हो सकती हैं । यहीं नही जब छात्रा दोनों जगहों पर रेगुलर रही हैं तो क्या वह पलक झपकते ही पटना से मुजफ्फरपुर एवं मुजफ्फरपुर से पटना कैसे पहुंच जाती थी।जबकि पटना से मुजफ्फरपुर की दूरी करीब 65 किलोमीटर हैं। इस तरह सीबीएसई की रिपोर्ट ने खुद ही सीबीएसई को कठघरे में खड़ा कर दिया हैं कि एक ही सत्र में एक छात्रा एक ही समय दोनों जगहों पर कैसे शामिल हो सकती हैं। सुत्रों की मानें तो निखिल -प्रिया प्रकरण में सीबीएसई की भूमिका संदिग्ध होना प्रतीत तो होता ही है।सीबीएसई में यह गोरख धंधा लम्बे अरसे से चल रहा हैं।

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