बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

Exclusive – बक्सर केंद्रीय कारा का हाल देखिए मोबाइल से बतियातें कुख्यात का रुआब देखिए

218

पटना Live डेस्क। बिहार की जेलों में बंद कुख्यात कैदियों के पास से अक्सर छापेमारी के दौरान मोबाइल जैसी चीजे बरामद होती रहती है। फिर भी जेल में बंद कुख्यात अपराधियों द्वारा मोबाइल द्वारा जेल से गिरोह चलाने और रंगादरी मागने की भी बाते अक्सर सुर्खिया बटोरती रहती है। लेकिन अमूमन हर जेल अधीक्षक ये दावा करते है कि उनके जेल परिसर में मोबाइल या विशेष सुविधा कैदियों को नही दी जाती है। लेकिन हकीकत अक्सर उन दावो की न केवल धज़्ज़िया उड़ा देते है। इसी कड़ी में पटना Live को सूबे के एक केंद्रीय कारागार में कैद एक हत्यारोपी कुख्यात अपराधी की ठाटबाट और मोबाइल से अपने गुर्गो से बात करने का अहम सुबूत मिलें है।
बिहार के केंद्रीय कारागार बक्सर में कैद एक हत्यारोपी कैदी की अपने वार्ड में पूरे ठाटबाट से अपने बेड पर बैठकर मोबाइल पर अपने गुर्गे से बात करने की यह तस्वीर जेल में उसके रूतबे की तस्दीक करती है। ज़मीन पर बिछे बिस्तर पर बैठकर मोबाइल से बात कर रहा यह शख्स बक्सर के औद्योगिक थाना क्षेत्र के मझारिया गाँव निवासी हवलदार सिंह है।

।साफ धुली चादर पर बैठ कर टीशर्ट और उजले लोअर पहनें बैठ मोबाइल पर किसी से बातचीत में मशगूल हवलदार सिंह  लगभग एक साल से हुकहा के पूर्व पैक्स अध्यक्ष ददन सिंह पर जानलेवा हमला करने के जुर्म में गिरफ्तार कर जेल में भेजा गया है। ठाटबाट देखकर कर आप सोचने को मजबूर हो जाएंगे कि ये कुख्यात जेल के अपने वार्ड में है या अपने घर में बैठा है? हवलदार पुराना अपराधी है जिस पर कई और मामले भी दर्ज़ है। इसके दबदबे का अंदाज़ा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि इसने अपनी पत्नी को अपने पंचायत खुटहाँ से मुखिया निर्वाचित करवाने में सफलता पाई थी।

                          उल्लेखनीय है कि यह वही बक्सर सेंट्रल जेल है जहाँ से इसी साल एक जनवरी को 5 सज़ायाफ्ता कैदी दीवार फांद कर फरार हो गए थे। इस मामले में 3 कक्षपाल निलंबित भी हुए थे। लेकिन हालात अब भी वही ढाक के तीन पात है। कहने को बक्सर जेल केंद्रीय कारागार है पर इसकी सुरक्षा भगवान भरोसे जबकि जबकि हाल ही में सहरसा जेल से कुख्यात अपराधी पप्पू देव को भी बक्सर ही भेजा गया है। अमूमन यहां बिहार की तमाम जेलों से दुर्दान्तों अपराधियों को भेजा जाता है। अब आप ही तय करे कि क्या ये जेल है या फिर अपराधियों की सुरक्षित ऐशगाह है?

 

 

 

 

 

Comments are closed.