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BiG News(वीडियो)- उग्र भीड़ के गुस्से का शिकार हुए पटना पुलिस के जवानों ने अगर न दिखाई होती हिम्मत और थानेदार ने साहस तो राजधानी में बिछ जाती कई लाशें

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पटना Live डेस्क। राजधानी पटना के कदमकुआं थाना क्षेत्र के राजेन्द्र नगर ओवरब्रिज के नीचे रविवार की देर शाम दो गुटों में मारपीट की सूचना जैसे ही थानाध्यक्ष को मिली तो उन्होंने फौरन नज़दीक पेट्रोलिंग कर रहे क्विक मोबाइल दस्ते को घटनास्थल की ओर रवाना किया और खुद भी घटना स्थल की ओर रवाना हो गए। वही थानेदार के आदेश पर क्वीक मोबाइल दस्ते के 5 जवान फौरन राजेन्द्रनगर ओवर ब्रिज के नीचें पहुचे। घटनास्थल पर उस वक्त दो ग्रुप के बीच जमकर खदेड़ा खदेडी हो रही थी। दोनो पक्षो में जमकर ईट पत्थर और रोड़ाबाजी हो रही थी। साथ ही भीड़ में शामिल शोहदे दहशत फैलाने के उद्देश्य से ताबड़तोड़ फायरिंग भी कर रहे थे। मौके पर सैकड़ो लोगो की उग्र भीड़ दंगा कर रही थी। दंगाई भीड़ और माहौल की तुर्शी को देखते हुए भी कदमकुआं थाना के पांचों जवानों ने जबरदस्त हिम्मत दिखाई और पत्थरबाज़ी कर रही भीड़ को संभालने की कवायद के तहत उपद्रवी भीड़ के बीच मे जा पहुचे और उपद्रव पर उतारू भीड़ को समझाने की कोशिश करने लगे। वही पुलिसवालों को देखकर भीड़ में शामिल उपद्रवियों ने फायरिंग करना तो बन्द कर दिया। नही तो ताबड़तोड़ फायरिंग में कई लोगो की जान जा सकती थी।
लेकिन इसी बीच उपद्रवी भीड़ में शामिल असामाजिक तत्वों ने पुलिस वालों पर ही हमला बोल दिया और पांचो पुलिसवालों पर टूट पड़े। जाावनों पर लाठी डंडे और पत्थर से जमकर प्रहार करने लगे। उपद्रवी भीड़ पुलिसवालों पर पूरी तरह लुझ गए। वही भीड़ में शामिल शरारती तत्वों ने पुलिसकर्मियों से उनकी पिस्टल छिनने की कोशिश भी की। लेकिन अचानक हुए हमले से भी धैर्यं न खोते हुए पुलिसकर्मियो ने जैसे तैसे हाथ पैर चलाकर खुद को और सरकारी पिस्टल को बचाया लेकिन भीड़ के हमले में 3 पुलिसवाले को काफी अंदरूनी चोटें आइए है। वही बकौल चश्मदीदों के एक जवान को तो भीड़ में शामिल असमाजिक तत्वों ने लात घूसों और लाठी डंडों से इतना पीटा की वो ज़मीन पर गिर पड़ा। जिसकी पहचान संतोष नामक जवान के तौर पर हुई है। उसके ज़मीन पर गिर जाने के बावजूद उसपर हमले किये गए।
वही, इसी बीच थानाध्यक्ष घटनास्थल पर पहुच गए। तबतक पूरा इलाका रणक्षेत्र में तब्दील हो चुका था। दोनो तरफ से ईट पत्थरों की बरसात जारी थी। लेकिन पुलिस की जिप्सी देखकर भीड़ थोड़ी ठिठक गई। जिसका फायदा ये हुआ कि सभी क्वीक मोबाइल जवान भीड़ के चंगुल से निकलने में कामयाब हो गए।लेकिन भीड़ की मारकुटाई के शिकार जवानो की बदहवासी और पीड़ा उनके चेहरे बयान कर रहे थे।
वही,तबतक भीड़ ने कदमकुआं थानेदार के वाहन की तरफ रुख कर ईट पत्थर फेकना शुरू कर दिया। महज 3 सिपाहियों के साथ थानेदार कदमकुआं ने भीड़ से दंगाई भीड़ के कुछ देर सामना करने की कोशिश की पर सैकड़ो दंगाई के दो तरफ़ा हमले से कबतक मुकाबला कर पाते समझदारी दिखाते हुए पीछे हटे और फौरन वरीय अधिकारियों को उपद्रव की जानकारी देकर सहायत की गुहार लगाई।
वही, थानाध्यक्ष ने दूसरी तरफ भीड़ के चंगुल से किसी तरह खुद को बचाने में कामयाब रहे पुलिसर्मियों के हालात की जानकारी लेकर उन्हें फौरन राजेंद्र नगर सरकारी अस्पताल जाकर ईलाज कराने को कहा। फिर पुनः एक बार सेे साहस का परिचय देते उपद्रव की तरफ रुख किया। पुलिस जिप्सी की मौजूदगी को देख भीड़ का उपद्रव थोड़ा कम हुआ। पथराव में रुक गया, पर दोनो तरफ से भीड़ मोर्चे पर एक दूसरे के खिलाफ जमी रही।

                             वही, दूसरी तरफ उपद्रवी भीड़ का शिकार हुए जवान राजेन्द्र नगर अस्पताल पहुचे तो उनके हालात उनकी पीड़ा बयान कर रहे थे। चेहरे पर बदहवासी साफ झलक रही थी। अस्पताल में सभी का मुआयना किया गया और फिर पेनकिलर दिए गए। वही जवान सन्तोष के पीठ पर कंधे के पास जहां लम्बा कट का निशान दिखाई दिया। पीठ पर हमले की वजह से लाल लाल चकते थे, तो कन्धा सूज गया था। पेनकिलर के इंजेक्शन देने के बाद उसे सुबह एक्सरे करने की सलाह डॉक्टर ने दी है।                          
वही जब पटना Live संवाददाता  अस्पताल पहुचा तो घायल जवान सन्तोष लंगड़ाता हुए बाहर निकल रहा था और उसके चेहरे पर भीड़ के हमले की पीड़ा साफ साफ झलक रही थी। कई बार पूछने पर उसने बताया कि ….

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