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अब मीड लेवल अधिकरियों के बड़े पैमाने पर तबादले की तैयारी,निज़ाम बदलते ही जबरदस्त ऐक्शन में नई बिहार सरकार

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पटना  Live डेस्क। अमूमन यह परिपाटी चली आ रही है। राजतंत्र हो या लोकतंत्र निज़ाम बदलता है तो सबसे पहले उसके मातहत काम करने वाले प्रशासनिक अधिकारियों के चेहरे बदल जाते हैं। क्योंकि निजाम हुक्म की तमील करते हुए फैसले को अमलीजामा पहनाने का जिम्मा इन्हीं अधिकारियों के कंधे पर होता है। बिहार में भी कुछ दिन पहले ऐसा हीं हुआ। महागठबंधन में टूट के बाद जदयू ने जैसे हीं एनडीए का दामन थामा तो सबसे पहले पुलिस और प्रशासनिक महकमे में भारी उच्चस्तरीय फेर-बदल हुई।

इसी परिपाटी के तहत भाजपा के सहयोग से बनी सूबे की नई सरकार ने 44 आईपीएस और दो दर्जन से ज्यादा आईएएस अधिकारियों को इधर से उधर कर दिया। सरकार के इस कदम से जहां कई अधिकारियों के चेहरे खिल उठे तो कइयों के चेहरे पर मायुसी छा गई। ये बात अलग है कि यहां निज़ाम नहीं बदला, पर सत्ता का समिकरण और मिजाज बदला तो ऐसा करना जरुरी हो गया। क्योंकि तबादले के गर्भ में बहुत कुछ छुपा है। खैर तबादले की ये ख़बर अब पुरानी हो गई है। लगभग सभी अधिकारियों ने अब अपनी-अपनी कमान संभाल ली है।
लेकिन इस बीच अंदरखाने से जो संकेत मिल रहे वो बिल्कुल नए है। दरअसल आईएएस औरआईपीएस के इस तबादले के बाद सरकार की नज़र अब बिहार प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों पर है। सुत्रों के मुताबिक बीपीएससी अधिकारियों के तबादले की कवायद तेज हो गई है। कहा ये भी जा रहा है की अंदर हीं अंदर उन अधिकारियों की लिस्ट तैयार की जा रही है जो मौजुदा सरकार के विश्वस्त हैं और राजद के पैरोकार। तबादले का ये नोटीफिकेशन कभी भी जारी हो सकता है। बता दें अभी कुछ महिने पहले हीं ग्रामिण कार्य विभाग द्वारा 137 प्रखंड विकास पदाधिकारियों का तबादला किया गया था। तब प्रदेश में महागठबंधन की सरकार थी।

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