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बीजेपी एमएलसी का सुझाव,सरकारी स्कूलों में पढ़ें सरकारी अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के बच्चे

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पटना Live डेस्क. बीजेपी एमएलसी नवल किशोर यादव ने राज्य की शिक्षा व्यस्था में सुधार लाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सुझाव भेजा है. बतौर नवल किशोर यादव अगर इन सुझावों पर अमल किया गया तो सूबे की शिक्षा व्यवस्था में बहुत बड़ा परिवर्तन सामने आएगा. उन्होंने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि शिक्षा की गुणवत्ता के लिए वो समाज के साथ चलें. ऐसा कानून बनाया जाए कि सरकारी स्कूलों में जन प्रतिनिधि,अधिकारी,पदाधिकारियों के साथ-साथ वैसे सरकारी कर्मचारियों के बच्चे पढ़ें जो सरकारी खजाने से वेतन पाते हैं. विधानपार्षद ने सरकार की शिक्षा में सुधार के लिए उठाए गए कदमों की सराहना करते हुए कहा सरकार सिर्फ पचास साल के उपर के अयोग्य शिक्षक को क्यों हटाना चाहती है? अगर 25 साल का शिक्षक भी अयोग्य  है तो उसे भी हटाया जाए. नवल किशोर यादव ने सुझाव देते हुए कहा कि सरकारी नौकरी करने वाले,जनप्रतिनिधियों के बच्चे सरकारी स्कूल में पढ़ें. 50 साल के अयोग्य शिक्षक ही क्यों, 25 साल के अयोग्य शिक्षकों को भी बाहर का रास्ता दिखाया जाए.सिर्फ अयोग्य शिक्षक ही नहीं,बल्कि अयोग्य अधिकारी और जनप्रतिनिधियों को भी हटाया जाए.

इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि समुचित व्यवस्था के बावजूद भी शिक्षकों को सात महीने में वेतन क्यों मिलते हैं इसका भी पता लगाया जाना चाहिए. पढ़ाई के सिवाय शिक्षकों से अन्य काम लेना बंद होने चाहिए. मुख्यमंत्री बिहार के विकास के लिए कृतसंकल्पित हैं, वो गांव के लोगों को भी जोड़ें. बहरहाल भाजपा के एमएलसी का यह सुझाव निश्चित तौर पर सुनने में तो काफी अच्छा लगता है, लेकिन क्या पुलिस-प्रशासन के अधिकारी, सरकारी कर्मचारी और जनप्रतिनिधि अपने बच्चों की पढ़ाई सरकारी स्कूल में करायेंगे, ये बड़ा सवाल है.

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