बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

(Video) पत्नी माँग रही “जहर” तो बेबस,लाचार व मजबूर दरोगाजी लगे फफक फफक रोने,सच जानकर आप भी …

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पटना Live डेस्क। कहते है हजारो की भीड़ में एक खाकीवाले कि मौजूदगी यह विश्वास दिलाने के लिए काफी है कि वोलोग सुरक्षित है।लेकिन यह ख़ाकीवाला आज हजारो हज़ार की भीड़ में बिलकुल अकेला व बेबस हो गया है। दरअसल, बावर्दी दिखाई दे रहे दारोग़ाजी इतने बेबस लाचार हो गए है कि अपनी पीड़ा बताते बताते फफक कर रो पड़ते है।साथ मे मौजूद पत्नी गभीर रूप से बीमार है।डायलिसिस के जरिए जिंदगी चल रही है। वही दरोगा पति अपनी सेवा के आखरी पड़ाव पर है।अब महज ढाई साल और नौकरी बची है।लेकिन हालात इस कदर बिगड़ गए है कि दरोगा जी और उनकी बीमार पत्नी ही विपदा की इस घडी में एक दूसरे का सहारा है।चुकी समय के साथ इस दम्पति ने अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर दिया है। वही इकलौता बेटा देश की सीमाओं की सुरक्षा में तैनात है। वर्त्तमान समय मे कश्मीर में तैनात है।

पत्नी बीमार डायलिसिस पर टिकी है सांसे 

इधर,पटना में इलाजरत पत्नी को छोड़कर नालन्दा जाने का फरमान विभाग ने दे दिया है। मजबूरियां ऐसी है कि तबादले की वजह से नालन्दा जाना होगा। इधर, पत्नी को जब से इस बात की जानकारी हुई है वो बदहवास होकर “जहर” मांग रही ताकि खा कर अपनी इहलीला समाप्त कर ले।आप समझ सकते है हालात कितने गंभीर है। वही तमाम कोशिशों के बावजूद कोई हल नही निकल रहा है।बीमार पत्नी के टूटे पैर संग दरोगाजी पुलिस मुख्यालय व DGP साहब तक अपनी फरियाद लेकर मिल चुके है। पर नतीजा सिफर रहा है।

विपदा देख और सुनकर भवुक हो गए मृत्यंजय 

थकहार कर दारोगा पृथ्वी राज सिंह सपत्नी (बीमार व टूटे पैर से रिसते मवाद) बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह के पास पहुचे है। अपनी विपदा का बखान करते हुए एसआई सिंह खुद ही फफक फफक कर रोने लगे। एक तो उम्र के इस पड़ाव में पत्नी गंभीर रूप से बीमार हैं। वही दरोगाजी के ऊपर से तबादले की तलवार लटकी हुई है सो अलग। बीमार पत्नी की कोई सेवा टहल करने वाला नही है पति ही एकमात्र सहारा है। बीमार लाचार और बेबस हालात के हाथों मजबुर दम्पत्ती पर संकट विकट है। अपने साथी पुलिस कर्मी की मजबूरी व विपदा के बावजूद पुलिस विभाग द्वारा संवेदनहीनता सुनकर भावुक #बिहार_पुलिस_एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह का कहना रहा की …..

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