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Fact Finding-Deoghar Court हत्याकाण्ड में ASI और सिपाही की भूमिका उजागर गुस्साए देवघर पुलिस ने गंजी टीशर्ट में हथकड़ी लगाकर भेजा जेल

झारखंड पुलिस के एक उच्चाधिकारी ने ASI और सिपाही को पूछताछ के दौरान उनके बेनकाब होते झूठ और बरगलाने की कोशिश से ग़ुस्साकर सिपाही को जमकर मारे थे ताबड़तोड़ थप्पड़,फिर तोते की तरह बोल पड़ा सिपाही ताबिश खाँ, खोल डाले सारे राज़ बेउर से लेकर कोर्ट तक

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पटना Live डेस्क। बिहार पुलिस के पहले से ही दागदार दामने पर एक बार फिर से कालिख़ पोत और दागदार करने का काम किया है पटना जिला पुलिस बल के ASI रामवतार राम और सिपाही ताबिश खाँ ने। 18 जून को देवघर कोर्ट परिसर हुई सज़ायाफ्ता अपराधी अमित सिंह की हत्या में मुखबिरी करने आरोप में ताबिश खाँ के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले है। वही ASI रामावतार राम को साज़िश की जानकारी छुपान और सिपाही द्वारा पैसे लेकर अपना मुँह बंद रखने का दोषी पाया गया है। वही विश्वप्रसिद्ध बाबा नगरी कोर्ट परिसर में हुई हत्या से सकते में पड़ी झारखण्ड पुलिस उस वक्त अपना आपा खो बैठी जब हत्याकाण्ड में यह खुलासा हुआ कि यह पूरा मामला बिहार के अपराधियों के आपसी गैंगवार का परिणाम है जिसमे बिहार पुलिस के ही ख़ाकीवालों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर काण्ड को देवघर में अंज़ाम दिलवाया है।

वही,देवघर सिविल कोर्ट परिसर से सटे वकालतखाना के पास 18 जून को पेशी के लिए प्रोडक्शन वारेंट पर बेउर जेल से पहुचे आरोपी की गोली मारकर हत्या की गई थी। इस मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया है। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब मांगा है। अदालत ने मौखिक रूप से कहा कि झारखंड में क्या हो रहा है। हर दिन ऐसी घटनाएं मीडिया में आ रही हैं।अदालत ने कहा कि अदालत परिसर में भी हत्या की वारदात को अंजाम दिया जा रहा है। अदालतों की सुरक्षा को लेकर राज्य सरकार की ओर से क्या-क्या कदम उठाए गए हैं, इसकी जानकारी कोर्ट में प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।मामले में अगली सुनवाई आठ जुलाई को होगी।

उच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान लेने से पहले से ही दबाब और क्रिटिसिज्म झेल रही देवघर पुलिस और ज्यादा दबाव में आ गई। वही दूसरी तरफ अमित हत्याकांड में पटना पहुची टीम को कोई बड़ी सफलता नही मिल रही थी। लेकिन शुरुआत यानी 18 जून से देवघर पुलिस की हिरासत में बिहार पुलिस के ASI रामवतार राम और सिपाही ताबिश खाँ के बाबत बेहद महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लग गई। ताबिश खाँ के बाबत यह जानकारी भी मिली कि वह बेहद संदिग्ध छवि का पुलिसकर्मी है जो पूर्व मे भी कई कैदियों और बेउर जेल की साज़िशों को अंजाम दिलाने में शामिल रहा है।

                       उन्होंने इन तामाम जानकारियों को पुलिस कप्तान देवघर के पास उचित माध्यम से पहुचा दिया। उधर, संदिग्ध समेत पांचों पुलिस कर्मियों का CDR भी देवघर पुलिस ने निकलवा लिया। तीन पुलिस वाले निर्दोष पाए गए वही ताबिश खाँ की करतुत बेनकाब हो गई। फिर तो गुस्साए देवघर पुलिस ने आव देखा न ताव दोनो की जमकर ख़ातिरदारी की और गिरफ्तार कर गंजी टीशर्ट में ही हथकड़ियों से जकड़ कर पैदल ही नगर थाने से उसी देवघर कोर्ट भेजा जहाँ ये लोग कैदी को लेकर पटना से पहुचे थे जिसकी इनकी जानकारी में हत्या कर दी गई। कोर्ट में कानूनी प्रक्रिया के बाद दोनों को जेल भेज दिया गया है।

 

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