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BiG News-पुलिस मुख्यालय से लेकर पटना समेत कई जिलो में तैनात IPS अधिकारियों और बड़ी संख्या में DySp/SDPO के तबादले की तैयारी 

पटना समेत मुख्यालय में तैनात एडीजी लेवल के अधिकारियों समेत जिलो में तैनात आईपीएस अधिकारियों के तबादले की तैयारी अंतिम दौर में साथ ही साथ 40 से ज्यादा SDPO/डीएसपी के तबादले की लिस्ट तैयार,CM के स्वस्थ होने के बाद लगेगी अंतिम मुहर

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पटना Live डेस्क। सूबे में बढ़ते अपराध और बेलगाम हो चुके अपराधियों पर लगाम लगाने में लगातार मिल रही असफलता से सुशासन पर उठ रहे सवाल से क्षुब्ध वर्त्तमान सरकार बहुत जल्द बड़ा फैसला लेने की कवायद कर रही है। विश्वस्त सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सूबे के कई जिलों में ताबड़तोड़ बढ़ते घटब अपराध और ख़ाकी की लापरवाही के किस्से को लगातार समाचारों की सुर्खियां बनने को अतिगम्भीरता से लेते हुए पहले तो शासन द्वारा इशारे-इशारों में वार्निंग दी गई पर जब नतीजा ढाक के तीन पात रहे तो बड़ा एक्शन लेने की मुकम्मल तैयारी को अमलीजामा पहनाने की तैयारियां शुरू कर दी गई। सबसे पहले उन अधिकारियों के बाबत जानकारी की इकट्ठा की गई जो लंबे समय से एक ही जोन में जमे है। तमाम शिकायतों की पोटली लिए लगातार जमे हुए है।तय हुआ कि सूबे के पुलिस उपाधीक्षको को बड़ी संख्या में इधर से उधर किया जाए। मिली जानकारी के अनुसार 40 डीएसपी के तबादले की लिस्ट तैयार है बस मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर होने है।

डीएसपी/ एसडीपियों के तबादले की तैयारी को अभी अमलीजामा पहनाने की कवायद अंजाम पाती इसी बीच SSP मानवजीत सिंह ढिल्लो ने PFI की RSS से तुलना कर मुसीबत मोल ली। विवादित बयान के बाद मानवजीत सिंह पर पुलिस हेडक्वार्टर ने भी सख्ती दिखाई। एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि उनसे पूछा जाएगा कि आखिर उन्होंने इस तरह का बयान क्यों दिया? पटना में संदिग्ध आतंकियों की गिरफ्तारी पर मानवजीत सिंह ढिल्लो कहा था कि जिस तरह आरएसएस की शाखा में स्वयं सेवकों को शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है, उसी तरह पकड़े गए लोगों को भी मस्जिद में प्रशिक्षण दिया जा रहा था। इस बयान के बाद बिहार की सियासत में भूचाल आ गया है।

सरकार में शामिल भाजपा को उत्तेजित कर दिया और पार्टी ने खुलकर एसएसपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। पूर्व से ही राजधानी समेत सूबे में बढ़ते अपराध और सुशासन पर उठते सवाल से हलकान राज्य सरकार उस वक्त दोहरे दबाव में आ गई जब भाजपा के तमाम छोटे से लेकर बड़े बड़े नेताओं ने ताबड़तोड़ बयानबाजी करते हुए एसएसपी पटना को पद से हटाने की माँग शुरू कर दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए विवादित बयान के बाद मानवजीत सिंह पर पुलिस हेडक्वार्टर ने भी सख्ती दिखाई। एसएसपी पटना ने सफाई भी दी पर कुछ भी काम नही आया सिर्फ बयानबाजी बंद हो गई पर सूत्रों का दावा है कि बिहार भाजपा एसएसपी पटना को हटाए जाने पर अडिग है और लगातार सरकार पर दबाव डाल रही हैं।

नतीजतन अपने सहयोगी दल भाजपा के इस आक्रामक रुख से हलकान सरकार ने फिर कानून व्यवस्था की समीक्षा के नाम पर पुलिस मुख्यालय से जिलावार डेटा तलब कर लिया और फिर पुलिस मुख्यालय से लेकर जिलो तक मे अच्छे परफॉर्मेंस न करने वाले आईपीएस अधिकारियों पर गाज़ गिराने की कवायद के तहत तबादलों की रणनीति को अख्तियार कर लिया है। पीएचक्यू (PHQ) को स्पष्ट कह दिया गया है विवाद से दूर रहकर परफॉर्मेंस करने वाले अधिकारियों को तवज़्ज़ो दिया जाए और लापरवाह अधिकारियों को जिलों से रुख़सत करने की प्रक्रिया अपनाई जाए। इसके बाद अब तय हो गया की जल्द ही बड़े पैमाने पर तबादले किए जाने की तैयारी अंतिम दौर में है।

मिल रही जानकारी के अनुसार पटना में तैनात आईपीएस अधिकारी समेत पुलिस मुख्यालय में तैनात एडीजी लेवल के अधिकारियों समेत जिलो में तैनात आईपीएस अधिकारियों के तबादले की सूची तैयार है। जानकारों का कहना हैं कि CM के स्वस्थ होने के बाद पहले पहल 40 से ज्यादा SDPO/डीएसपी के तबादले की लिस्ट फाइनल होंगी तदुपरांत आईपीएस अधिकारियों के तबादले पर मुहर लगेगी। साथ ही साथ बिहार पुलिस के अंग जीआरपी में भी तबादलों की लिस्ट तैयार है।

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