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Super Exclusive – शराब माफ़िया ख़ातिर आईजी मद्य निषेध एवम उत्पाद का नया पद तो सिर्फ शराब जनित अपराध आरोपियों ख़ातिर नया जेल बनाने पर लगी मुहर, कुंदन कृष्णन को मिल सकती है कमान

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पटना Live डेस्क। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा सूबे में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबन्दी घोषित करने के बाद से जारी मुहिम को और अधिक धारदार और प्रभावशाली बनाने ख़ातिर बिहार सरकार द्वारा पुलिस विभाग में पुलिस महानिरीक्षक (मद्य निषेध एवम उत्पाद) का एक नया पद सृजन करने की कवायद के तहत केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय से अनुमति ख़ातिर किये गए पत्रचार को सफलता मिल गई है। यानी सेट्रल गवर्नमेंट ने बिहार पुलिस को आईजी के एक नए पद सृजन को अनुमति दे दी है।केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद आईजी मद्य निषेध और उत्पाद के पद ख़ातिर पुलिस मुख्यालय द्वारा कवायद शुरू कर दी गई है। साथ ही बिहार सरकार द्वारा शराब से जुड़े अपराध जैसे तस्करी, क्रय-विक्रय तथा सेवन करने इत्यादि मामलों में पुलिस द्वारा गिरफ्तार आरोपियों ख़ातिर एक नए जेल का निर्माण भी कराये जाने को सरकार ने हरी झंडी दे दी है।

पुलिस महानिरीक्षक – मद्य निषेध एवम उत्पाद

केंद्र सरकार से आईजी के एक नए पद का सृजन करने की अनुमति मिलने के बाबत स्वीकृति मिलते ही बिहार पुलिस मुख्यालय द्वारा इसकी जिम्मेदारी सौंपने ख़ातिर आईजी स्तर के आईपीएस अधिकारी की इस पद पर नियुक्ति करने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नव सृजित पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध एवम उत्पाद ख़ातिर तीन नमो पर विचार किया जा रहा है। लेकिन मुख्यतः दो नामो पर विशेष तौर पर विचार किया जा रहा है।दोनों ही आईपीएस अधिकारी स्पेशल टास्क फोर्स और एटीएस से जुड़े हुए रहे है या वर्त्तमान में एसटीएफ की कमान संभाल रहे है।

कुंदन कृष्णन पुलिस महानिरीक्षक एसटीएफ

 इस नई जिम्मेदारी ख़ातिर पहला नाम सूबे के बेहद चर्चित आईपीएस अधिकारियों में शुमार 1994 बैच के अधिकारी कुंदन कृष्णन का है। जो वर्त्तमान में एसटीएफ की कमान बतौर पुलिस महानिरीक्षक कमान संभाल रहे है। आईजी एसटीएफ कुंदन कृष्णन के बाबत एक बात बेहद मशहूर है कि तकनीक के इस ज़माने में इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस तो है ही,पर क्रिमिनल्स को पाताल से तलाशने के लिए ह्यूमन इंटेलिजेंस का बिहार में सबसे स्ट्रांग नेटवर्क भी इनके पास ही है।इसी कारण मुंह पर खरी-खरी बात करने के आदि है। कुंदन कृष्णन ने जब सेंट्रल डेपुटेशन पर आईबी में योगदान दिया तो कहा जाता है कि इस दौरान भी इन्होंने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के गढ़ में बेमिसाल काम किया था।

2016 के बेहद चर्चित दरभंगा इंजीनियर्स मर्डर केस का शार्प शूटर (बिहार का मोस्ट वांटेड क्रिमिनल) मुकेश पाठक ने जब अपने को नेपाल-गुजरात में बेहद सुरक्षित मान लिया था,तब कुंदन कृष्णन ने इसे ऐसा छकाया कि झारखंड आकर बिहार एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया था।लागतार अपराधियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने में मुतमइन रहने वाले आईपीएस कुंदन कृष्णन ने हाल के दिनों में शराब माफिया के खिलाफ मुहिम शुरू कर  झारखंड से बिहार में शराब भेजने वाले नेक्सस पर हथौड़ा मारना शुरु किया है। साथ ही हरियाणा पंजाब और यूपी से शराब तस्करी कर बिहार लाने वालो पर शिकंजा कसते हुए शराब से भरे कई कंटेनरो और ट्रको को बरामद किया है। इन तमाम उपलब्धियों को देखते हुए पूरी उम्मीद है कि बिहार के पहले पुलिस महानिरीक्षक मद्य निषेध एवं उत्पाद बनने का गौरव कुंदन कृष्णन को ही प्राप्त हो जाए।

आईपीएस सुनील कुमार झा, आईजी दरभंगा प्रक्षेत्र

        वही, दूसरा नाम 25 सितंबर 2017 तक आतंकवाद निरोधक दस्ते यानी एटीएस के आईजी रहे 1993 बैच के आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार झा का है। जो वर्त्तमान दरभंगा प्रक्षेत्र के आईजी के तौर पर कार्यरत है। यहां यह उल्लेखनीय है कि पिछले महीने की 25 सितंबर को ही गृह विभाग ने तबादले संबंधित अधिसूचना जारी कर आतंकवाद निरोध दस्ता (एटीएस) के आइजी रहे सुनील कुमार झा को दरभंगा प्रक्षेत्र का आइजी नियुक्त किया गया है।

 सिर्फ शराब मामलों में गिरफ्तारों ख़ातिर नई जेल

नीतीश सरकार पूर्ण शराराबबन्दी को बेहद कारगर और ज़मीनी स्तर पर पूर्णतया लागू करने की मुहिम लागतार चला रही है। इसी कवायद के तहत सरकार ने एक बेहद अहम फैसला लेते हुए एक नया जेल बनाने की योजना को अनुमति प्रदान कर दी है। यह जेल सिर्फ और सिर्फ शराब से जुड़े अपराध में गिरफ्तार आरोपियों के लिए बनाई जाएगी।

इस बाबत सरकार ने प्रक्रिया को पहले से ही शुरू करते हुए बक्सर जिले में स्थित “ओपन जेल” के समीप ज़मीन भी न केवल चिन्हित कर लिया है बल्कि इसी वर्ष दिसंबर महीने से नए कारागार के निर्माण की शुरुआत ख़ातिर कागजी कार्रवाई एवम प्रक्रिया पूरी तेजी से आगे बढ़ चली है।

 

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