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Super Exclusive (CCTv फुटेज) सृजन घोटाला में चर्चित हुई डिप्टी CM सुशील मोदी की बहन रेखा मोदी के FIR का सच, तोडा मोबाइल चप्पल से पीटा, देखिए

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शशि यादव, ब्यूरो कोर्डिनेटर, पटना

पटना Live डेस्क। बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी की चचेरी बहन रेखा मोदी एक बार फिर चर्चा में है। इस बार रेखा मोदी ने राजधानी पटना के बेहद चर्चित प्रतिष्ठित ज्वेलरी दुकान चांद बिहारी अग्रवाल के खिलाफ कोतवाली थाने में खुद के साथ दुर्व्यवहार, मारपीट और धोखाधड़ी की लिखित शिकायत दर्ज कराई है।कोतवाली थाना पुलिस ने रेखा मोदी के लिखित शिकायत पर ज्वेलरी दुकान के कर्मचारी सुनील कुमार एवं मिथलेश कुमार को पकड़ कर हिरासत में रखें हुये है। वही, दूसरी तरफ ज्वेलरी दुकानदार ने भी रेखा मोदी के खिलाफ मारपीट, धमकी और तमाम बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए FIR दर्ज कराया है। चुकी मामला बेहद हाइ प्रोफ़ाइल है। कोतवाली पुलिस मामले की जांच में में पूरी सतर्कता के साथ हर पहलू की जांच में जुट गई है। वही मिली जानकारी के दोनों पक्षो के बीच 65 लाख रुपये के भुगतान को लेकर विवाद है।

वही, दूसरी तरफ चाँद बिहारी अग्रवाल के मालिक पंकज अग्रवाल ने रेखा मोदी के द्वारा दर्ज कराई गई FIR और अपने 2 स्टाफ की गिरफ्तारी के बाद गुरुवार को कोतवाली थाना पहुचकर कर मय सुबूत (सीसीटीवी फुटेज) अपना पक्ष रखते हुए मामला दर्ज कराया है। साथ ही पटना Live संवाददाता से बातचीत करते हुए बताया कि दरअसल रेखा मोदी द्वारा उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है। खुद बुधवार की देर शाम 8 बजे रेखा मोदी दो आदमियों के साथ दुकान सह आवास व्हाइट हाउस पहुची और मेन गेट में ताला जड़ दिया फिर बाकायदा चादर बिछाकर बैठ गई। इस दौरान उन्होंने सभी से गाली-गलौज करते हुए जमकर अपशब्द कहे। साथ ही उल्टा उन्होंने मेरे स्टाफ से दुर्व्यवहार करते हुए उसका न केवल मोबाइल पटक पटक कर तोड़ा बल्कि उसे चप्पल से पीटा। फिर खुद ही पुलिस बुलाकर जमकर हंगामा किया। अपने आरोपो को पुख़्ता करते हुए उन्होंने एक Cctv फुटेज भी साझा किया है।

सृजन महाघोटाले में पड़ चुका है  IT रेड

बिहार के चर्चित सृजन घोटाले में आयकर विभाग की टीम ने 6 सितंबर 2018 को पटना, भागलपुर, पूर्णिया और कटिहार में छापेमारी की। ये छापेमारी उन लोगों के ठिकानों पर हुई है, जो सृजन घोटाले से जुड़े और जिन्होंने इनकम टैक्स नहीं चुकाया था। लेकिन जिन लोगों पर आयकर का छापा पड़ा, उनमें एक नाम ऐसा भी था जिसकी वजह से बिहार की सियासत में हंगामा मच गया। वो नाम है रेखा मोदी का, जो बिहार के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के बड़े नेता सुशील मोदी की दूर की बहन हैं।

कौन है रेखा मोदी

बकौल डिप्टी सीएम सुशील मोदी के रेखा मोदी दो दर्जन चचेरी, फुफेरी और मौसेरी बहनों में एक। रेखा ने सुशील मोदी के उप मुख्यमंत्री रहते हुए उनके ऊपर जुलाई 2010 में घरेलू हिंसा का एक झूठा केस कर दिया था।व्यवहार न्यायालय में दर्ज इस मामले को न्यायालय ने खारिज कर दिया था।न्यायालय के इस आदेश के खिलाफ रेखा मोदी ने अपील दायर की है।

रेखा पर एक दर्जन से ज़्यादा मुकदमें

साल 2010 में रेखा मोदी ने पटना में तैनात एक महिला डीएसपी शीला ईरानी की वर्दी फाड़ दी थी। इस कांड में उन पर मुकदमा हुआ और वो गिरफ्तार भी की गई थीं। वो एक हफ्ते तक जेल में रहीं। रेखा मोदी के खिलाफ अलग-अलग न्यायालयों में लगभग एक दर्जन से ज्यादा मुकदमे चल रहे हैं।

सृजन घोटाला क्या है ?

बता दें कि ये घोटाला बिहार के भागलपुर में सामने आया था। जहां सृजन महिला आयोग नाम की संस्था ने बैंक और ट्रेजरी अधिकारियों के साथ मिलकर करोड़ों रुपए के गबन को अंजाम दिया।

इस पूरे घोटाले की सरगना या मास्टरमाइंड मनोरमा देवी नामक महिला हैं जिनका इस साल फ़रवरी में निधन हो गया। मनोरमा देवी की मौत के बाद उनकी बहू प्रिया और बेटा अमित कुमार इस घोटाले के सूत्रधार बने। मनोरमा देवी और उनकी संस्था सृजन को शुरू के दिनों में कई आईएएस अधिकारियों जिसमें – अमिताभ वर्मा, गोरेलाल यादव, के पी रामैया शामिल हैं, ने बढ़ाया। गोरेलाल यादव के समय एक अनुसंशा पर दिसंबर 2003 में सृजन के बैंक खाते में सरकारी पैसा जमा करने का आदेश दिया गया।

उस समय बिहार की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी थीं, रामैया ने 200 रुपये के महीने पर सबौर ब्लॉक में एक बड़ा जमींन का टुकड़ा सृजन को दिया।किसी जिला अधिकारी के कार्यकाल में अगर सर्वाधिक सृजन के खाते में पैसा गया तो वो था वीरेंद्र यादव जिसके 2014 से 2015 के बीच करीब 285 करोड़ सृजन के खाते में गया। वीरेन्द्र भी लालू यादव के करीबी माने जाते हैं। अभी तक की जांच में ये पाया गया कि सरकारी राशि को सरकारी बैंक खाता में जमा करने के बाद तत्काल अवैध रूप से साजिश के तहत या तो जाली दस्तखत या बैंकिंग प्रक्रिया का दुरुपयोग कर ट्रांसफर कर लिया जाता था जब भी किसी लाभार्थी को चेक के द्वारा सरकारी राशि का भुगतान किया जाता था तो उसके पूर्व ही अपेक्षित राशि सृजन द्वारा सरकारी खता में जमा कर दिया जाता था।

मनोरमा देवी सृजन के खाते में जमा पैसा को बाजार में ऊंचे सूद पर देती थी या अपने मनपसंद लोगों को जमीन, व्यापार या अन्य धंधे में निवेश करने के लिए देती थी। पूरे साजिश में शामिल अधिकरियों का भी वो पूरा ख्याल रखती थी। उन्हें करोड़ तक कमीशन या आभूषण दिए जाते थे। वर्ष 2018 में नोटबन्दी के बाद सृजन के काम काज पर भी असर पड़ा। माना जा रहा है कि पैसा फंस जाने के कारण असल मुश्किलें शुरू हुईं।

वही, जुलाई 2017 में भागलपुर प्रशासन ने एक जमीन का अधिग्रहण किया, जिसके भुगतान के लिए पैसे की जरूरत थी। जब पैसा निकालने के लिए डीएम आदेश तितरमारे की ओर से बैंक में चेक लगाया गया तो पैसा न होने की वजह से वो बाउंस हो गया। चेक बाउंस होने के बाद भागलपुर डीएम ने केस दर्ज करवाया। इसके बाद मामला खुला तो खुलता ही चला गया और दबाव बढ़ने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सीबीआई जांच का आदेश देना पड़ा।

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