पटना Live डेस्क। उत्तर प्रदेश का निज़ाम बदला फिर
यूपी पुलिस का हुक्काम बदला गया यानी यूपी पुलिस की कमान बतौर डीजीपी सुलखान सिंह को सौंपी दी गई। नये डीजीपी के चार्ज लेते ही यूपी पुलिस ने पूर्वाचल के सबसे बड़े बाहुबली रहे पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के हाता पर रिलायंस कंपनी के 98 लाख रुपए लूट मामले में शनिवार शाम छापेमारी की। वहां से 6 लोगों को हिरासत में लिया। बाद में इनमें से 5 लोगों को छोड़ दिया। इस दौरान एक गार्ड की पिटाई भी हुई।वहीं हरिशंकर तिवारी के बेटे और बसपा के एमएलए विनय शंकर तिवारी ने कहा है कि उनकी फैमिली को बेवजह फंसाया जा रहा है। उनके घर बिना सर्च वारंट के आई थी। पुलिस प्रदेश सरकार बदले की भावना से कार्रवाई कर रही है।
यूपी में नये निज़ाम के आने के महज एक महीने के अंदर गोरखपुर पुलिस ने “बाबा का हाता”
में दबिश देकर वो काम कर दिया है जो शायद किसी ने अब तक सोचने की जहमत भी नही उठाई थी। सूबे की सियासत में मजबूत दखल रखने वाले हरिशंकर तिवारी के बाहुबल के जोर का अंदाज़ा इस बात से पता चलता है कि उनकी एक आवाज़ से पूरा पूर्वांचल कांपने लगता है। वहां गोरखपुर की पुलिस ने उनके धर्मशाला बाजार स्थित घर पर एसपी सिटी हेमराज मीणा के नेतृत्व में शनिवार को छापा मारा। पंडित हरिशंकर तिवारी के घर पर अचानक छापेमारी से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।
जहां आम आदमी तो क्या पुलिस भी जाने में कतराती है,वहां गोरखपुर पुलिस ने ऐसा कारनामा कर दिया जो पूरे गोरखपुर में चर्चा का विषय बनने के लिए काफी था। उल्लेखनीय है कि 14 मार्च 2017 को रिलायंस कंपनी के अकाउंट में जमा होने जा रहे 98 लाख रुपए की गोरखपुर में लूट हो गई थी। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई की और बलिया के रहने वाले छोटू चौबे को अरेस्ट किया। वहां से पुलिस ने छोटू के कब्जे से 31 लाख रुपए बरामद किया था। बाद में पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि बाकी के 67 लाख रुपए वहां के क्रिमिनल बैकग्राउंड के विजय यादव के पास हैं। उसके बारे में एक शख्स सोनू पाठक को जानकारी है। वह हरिशंकर तिवारी के यहां रहते हैं।यह जानकारी मिलते ही एसपी सिटी हेमराज ने कई थानों की फोर्स के साथ शनिवार शाम 4.17 बजे हरिशंकर तिवारी के घर यानी “बाबा का हाता” पर छापेमारी की।
हरिशंकर तिवारी के घर छापेमारी में पुलिस ने उनके ट्रैक्टर ड्राइवर मनोज, गायों की देखभाल करने वाले प्रकाश, विधायक हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी के सहयोगी सत्यम,उनके ड्राइवर गुड्डु और अशोक सहित रसोइया बहादुर को हिरासत में ले लिया। बाद में इनमें से 5 लोगों को छोड़ दिया। इस मामले में पुलिस की पूछताछ जारी है।
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