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बड़ा खुलासा(पार्ट -1) – एक साजिश एक प्रायोजित अभियान ताकि खाकी हो जाये बदनाम, कुख्यात अपराधी रच रहा है साज़िशें बेशुमार

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पटना Live डेस्क। बिहार में सुशासन है यानी कानून का राज़ है। लेकिन खाकी को इस सुशासन में लगातार निशाने पर लेकर कुछ जरायपेशा और माफिया किस्म के लोग कानून को धोखा देकर अपनी हीत साधना की लगातार कोशिश कर रहे है। इसी क्रम में पटना जिल में एक आदतन गुनहगार जो इलाके का खुद को DON कहता है। जिसके गुनाहों की बेहद लंबी और डरावनी फेरहस्ति है। खाकी के ईमानदार प्रयास को धूमिल कर अपनी गैरकानुनी सल्तनत चलाने का प्रयास के तहत साज़िशें कर रहा है। ताकि थानेदार को चलता कर सके और पुनः एक बार अपने गुनाहों की सल्तनत कायम कर सके। इस प्रयास में झूठे आरोप चस्पा कराने और समाज के कुछ प्रबुद्ध व पंचायत प्रतिनिधियों को अपने खौफ से प्रभावित कर मनमाफिक आवेदन भिजवाकर कर खाकी के ईमानदार प्रयास को बेपटरी करने का कुत्सित षड्यंत्र रच रहा है। गज़ब तो ये की जो गुनहगार CCA के तहत निषिद्ध होना चाहिए वो खादी की आड़ में न केवल छुट्टा सांढ़ बना घूम रहा है बल्कि जरयाम की घटनाओं को ताबड़तोड़ अंजाम दिला रहा है। रंगदारी वसूलने, ज़मीन कब्जे से लेकर तमाम गैरकानूनी धंधे चलाने की कोशिश कर रहा है। हद तो ये की साज़िशें जानबूझकर गैरकानूनी धंधे चला रहा है ताकि खाकी को बदनाम कर सके। साथ ही अपने ही धंधों की तस्वीरें के खुद ही शेयर कर खबर को भी प्रायोजित कर रहा है। जब पटना Live ने सच को जानने खातिर अपनी पड़ताल शुरू की जो सच पता चला वो अपने आप मे न केवल खौफनाक बल्कि खड्यत्रों की हकीकत को किरचें किरचें बयां भी कर रहा है।

एक प्रायोजित कहानी की हकीकत की पड़तालएक उद्देश्य के तहत भ्रामक खबर पढ़कर मैं हैरान हूँ। मुझे लगता है जनाबूझकर गलत खबरों के जरिये एक वरीय पत्रकार को गुमहरा किया गया और उन्होंने बिना जांच पड़ताल किये झूठी खबर प्रसारित कर दिया। जिस छोटू सिंह को शराब माफिया और कुख्यात बताया गया है, वह लड़का एक मैगजीन के संपादक महोदय का भतीजा है। दरअसल शादीब्याह के अवसर पर बंदूक के साथ ली गई तस्वीर को प्रस्तुत किया गया है। ताकि उसको आपराधिक छवि का प्रचारित किया जा सके। मिली जानकारी के अनुसार संपादक के पुत्र और उक्त युवक छोटू के बीच कुछ घरेलू विवाद हुआ था। विवाद को लेकर संपादक महोदय युवक छोटू को अपराधी बनाने पर तुले हैं। वही इस पारिवारिक विवाद और वर्चस्व की जंग में जबरिया खुसरुपुर थानाध्यक्ष को पार्टी बनाकर कर घसीट लिया गया है। जबकि सच ये है कि जब उक्त शख्स पर कानून की किसी धारा में कोई मुकदमा ही नही तो खाकी उसे क्यो गिरफ्तार करेगी ?
छोटू सिंह जब कोई गलत काम करता ही नही तो संरक्षण की बात कहां से आ गई ?                         दरअसल यह एक बेहद करीने से रची गई शातिराना साज़िश के तहत एक मुहिम का हिस्सा है जिससे में कुछ लोग अपनी व्यक्तिगत मुहिम को शामिल कर उक्त बाहुबली की नज़र में तथा उसके गुडलिस्ट में शामिल होने को प्रयासरत है।

निशाने पर खाकीवाला क्यो ?                      

दरअसल, जबसे खुसरुपुर की कमान एक बहादुर और निडर 2009 बैच के दारोगा मृत्युंजय कुमार ने संभाली है। तब से थानाक्षेत्र में जरायमपेशा और अपराधी मानसिकता के लोगों की एक नही चल रही है। दबंगों, खादी ओढ़े अपराधियों और दलालों का पैर थाना से उखड़ गया है। इन तत्वों की दुकानदारी पूर्णतय बंद हो गई है। पुलिस की सख्ती से बौखलाए यही लोग अब थानाध्यक्ष के खिलाफ लगातार साजिश रच रहे हैं। थानाध्यक्ष का रहना या जाना विषय नही है, विषय है इलाके में बहाल शांति खतरे में न पड़े। प्रखंड के फुलवरिया स्थित एक निजी इंटरनेशनल स्कूल को भी दागदार करने की कोशिश हुई है, जो बुद्धिजीवी वर्ग के लिए पीड़ादायक है। प्रखंड के लिए गौरव की बात है कि एक अच्छा शिक्षण संस्थान हमलोगों के बीच है। स्थानीय बच्चे शिक्षा पा कर सुनहरे भविष्य की ओर कदमताल कर रहे है। साथ ही सामाज और इलाके को अन्धविश्वस और अशिक्षा के मकड़जाल से बाहर निकलने में मददगार हो रहे है। बहरहाल हम कह सकते हैं कि तथ्यों की जांच परख हो तथा व्यक्तिगत आरोप कि साज़िशों को बेनकाब कर सच्चाई के साथ प्रस्तुत किया जाय। इससे समाचार और पत्रकारिता की विश्वसनीयता बनी रहे।

Will continue …. Why the Conspiracy to defame men in khaki …बतायेगे कौन है वो डॉन क्यो कर रहा है साज़िशें,… ताकि खाकी को बदनाम न किया जा सके ?

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