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BiG News – मुंगेर की ज़रखेज माटी की गूंज पहुची अमरीकी सीनेट तक, बिहार की बेटी बनी सीनेटर

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पटना Live डेस्क। एक बार फिर बिहार की ज़रखेज माटी की धमक दुनिया के सबसे ताकतवर देश मे पुनः एकबार देखने को मिली है। दरअसल बिहार की बेटी मोना दास अमेरिका में सीनेट की सदस्य निर्वाचित हुई हैं। वह डेमोक्रेटिक दल की सदस्य हैं। मोना मूलरूप से मुंगेर जिले के हवेली खड़गपुर अनुमंडल के दरियापुर गांव की रहनेवाली हैं। मोना दास वाशिंगटन राज्य की 47वें जिले की सीनेटर निर्वाचित हुई हैं। वह पहली बार चुनाव में खड़ी हुई थीं।

14 जनवरी को लिया शपथ 

बिहार के मुंगेर की मूल निवासी मोना दास अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी से सीनेट की सदस्य निर्वाचित हुईं हैं।उन्हें यह सफलता पहली बार में ही मिली है।उन्होंने गोरे को पराजित किया है जो लगातार आठ वर्षों से जीत रहा था।राजनीति में यह मुकाम उन्‍होंने जनसेवा व हौसले के बल पर पाया है। 14 जनवरी को मोना ओलंपिया में शपथ लिया। डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य मोना ने अमेरिकी सीनेट में हिंदू धर्मग्रंथ गीता के साथ अपने पद ख़ातिर शपथ ग्रहण की।डेमोक्रेट दास ने ‘महिला कल्याण, सबका मान’ और ‘जय हिंद और भारत माता की जय’ चुनावी संदेश में देकर लोगों का समर्थन हासिल किया। मोना अब अमेरिकी नागरिक हैं, हालांकि मुंगेर जिले के नक्सल प्रभावित हवेली खडग़पुर अनुमंडल के दरियापुर गांव को अपनी इस बेटी पर गर्व है।          मोना सिनसिनाटी विवि से मनोविज्ञान में स्नातक हैं। उन्होंने पिंचोट विवि से प्रबंधन में स्नातकोत्तर की डिग्री ली है। मोना के पिता सुबोध दास इंजीनियर हैं और अमेरिका में रहते हैं। इनके दादा डाॅ. जीएन दास जाने माने चिकित्सक थे। अमेरिका में रहने वाले उनके इंजीनियर पिता सुबोध दास का गांव से जुड़ाव अब भी कायम है।मोना दास मुंगेर के पूर्व सिविल सर्जन डॉ. गिरिश्वर नारायण दास की पौत्री है।मोना दास के सीनेटर बनने से इलाके में खुशी की लहर है। गांव में रह रहे परिजनों की माने तो मोना ने पूरी दुनिया में अपने गांव दरियापुर का नाम रोशन कर दिया है।।गांव में मोना दास के परिवारजनों ने कहा अब बिटिया एक बार गांव आए जाए, यही तमन्ना है।                        मोना की दादी चमेली देवी ने बताया कि दो वर्ष पूर्व सुबोध दास एक शादी समारोह में शामिल होने दरियापुर गांव आए थे। वे अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं। पति डॉ. जीएन दास भी वहीं रह रहे हैं। फोन पर सुबोध, अन्य पुत्रों व मोना से बातचीत होती रहती है।।मोना के पिता सुबोध दास ने ही बेटी के सीनेट सदस्य चुने जाने की सूचना दी थी।                                वही मोना के पिता सुबोध दास मोना दास के पिता अमेरिक के सेंट लुईस में इंजीनियर हैं। तो सगे चाचा अजय दास अमेरिका में इंजीनियर हैं। एक और चाचा विजय दास वहीं डॉक्टर हैं। बाद में वे मोना व उसकी मां को साथ लेकर अमेरिका चले गए। मोना के भाई सोमदास का जन्म अमेरिका में हुआ था। मोना लगभग 12-14 वर्ष की उम्र में दरियापुर गांव आईं थीं।उसके बाद से वे यहां नहीं आ पाईं हैं। मोना और उनके छोटे भाई सोम की शादी अमेरिका में हुई है।बड़ी होने पर मोना ने अमेरिका के सिनसिनाटी विश्वविद्यालय से मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री ली।आगे उसने पिंचोट विवि से प्रबंधन में स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की।

 लेकिन जन सरोकार व जनसेवा में अत्यधिक रूचि रहने के कारण वे प्रबंधन से अधिक राजनीति में आगे बढ़ती चली गईं। राजनीति की राह आसान तो नहीं रही, लेकिन जनसेवा के बल पर जनसमर्थन बढ़ता गया। साथ ही बढ़ता गया हौसला।परिणाम भी समाने है। वे अब सीनेटर बन गईं है।मोना दास ने कहा कि सीनेटर के रूप में गांव में सुविधाएं पहुंचाना और साथ साथ लड़कियों के लिए शिक्षा मुहैया कराना उनकी जिम्मेदारी होगी। उन्होंने कहा की जल्द वह अपने गांव और बिहार आएंगी।

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