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Good News-बिहार पुलिस सेवा की जाबाज़ व कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी शीला ईरानी को UPSC ने दिया बेहतरीन व यादगार तोहफ़ा

जन्मदिन के ही दिन अधिसूचना जारी IPS कैडर में किया गया प्रोन्नत

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पटना Live डेस्क।वर्ष 2020 के आखरी महीने का पहला दिन बिहार पुलिस सेवा के 42वीं बैच के 8 अधिकारियों के लिए बेहद खुशियों भरी सौगात लेकर आया। लेकिन इस लिस्ट में शामिल एक अधिकारी ख़ातिर तो अबतक का सबसे सबसे बेहतरीन तोहफ़ा साबित हुआ है।

                     दरअसल में पिछले महीने की 14 तारीख (अक्टूबर) को ही संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) कमेटी की बैठक में इन आठो बीपीएस अधिकारियों के प्रोन्नति का निर्णय लिया गया। यानी उक्त बैठक में ही बिहार पुलिस सेवा के आठ (08) उपअधीक्षकों के आईपीएस बनने का रास्ता साफ हो गया था।अतःअब 6 पुलिस उपअधीक्षको (DySP) प्रमोट होकर आईपीएस (IPS) बन गए है। इसके बाबत सेंट्रल होम मिनिस्ट्री की तरफ से मंगलवार (एक दिसम्बर) को ही नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।

आईपीएस कैडर में प्रोन्नत सभी बिहार पुलिस सेवा के 42वीं बैच के अधिकारी हैं। संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा जारी अधिसूचना में बिहार पुलिस सेवा के कुल 8 अधिकारी को आईपीएस बनाया गया है। लेकिन इस लिस्ट में शामिल 6 को तो आईपीएस कैडर में प्रोन्नति का तोहफा मिल गया है। लेकिन इन 6 नवप्रोन्नत अधिकारियों में शामिल एकमात्र महिला अधिकारी हैं शीला ईरानी है। वर्तमान में ये पटना नगर निगम में असिस्टेंट कमिश्नर का पद संभाल रही हैं।

बिहार पुलिस सेवा की 2000 बैच की बेहद जाबाज़ और कर्मठ अधिकारी में शीला ईरानी को संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) बेहद प्रोन्नति का यह बेहद यादगार तोहफ़ा दिया है।दरअसल,एक दिसंबर यानी शीला ईरानी का जन्मदिन और जन्मदिन के ही दिन सेंट्रल होम मिनिस्ट्री द्वारा “बर्थडे गिफ्ट” के तौर पर अधिसूचना जारी कर बतौर IPS प्रोन्नत किया गया है। यानी यह दिन अब डबल खुशियों की सौगत वाला साबित हुआ है।

शीला ईरानी -आत्मविश्वास से लबरेज

अमूमन किसी राज्य में पुलिस सेवा के अधिकारी को प्रशासनिक सेवा में तभी लिया जाता है जब उसकी कार्यशैली से राज्य के प्रमुख प्रभावित हों। पटना शहर को स्वच्छ और अतिक्रमण मुक्त बनाने की कमान संभाल रहीं अपर नगर आयुक्त शीला ईरानी पुलिस सर्विसेज से हैं और 2018 में यहां हुई पोस्टिंग से पहले बीएमपी-01 में अपर पुलिस अधीक्षक के पद पर थीं।

माना जाता है कि इनकी कार्यकुशलता और मजबूत छवि के कारण बिहार के मुख्यमंत्री ने राजधानी को स्मार्ट सिटी के तौर पर स्वच्छ, अतिक्रमण-मुक्त, अवैध निर्माण पर रोक आदि कार्यों के सुचारू संचालन के लिये शीला ईरानी पर विश्वास किया। शीला पटना नगर निगम में नियुक्ति के साथ ही शहर को स्वच्छ रखने और यातायात सुगम करवाने को लेकर प्रयासरत हैं। डोर टू डोर कचरा संग्रहण की बेहतर व्यवस्था को शुरू करवाने के साथ ही वे सड़कों पर कचरा फेंकने वालों पर भी सख्त कार्रवाई के लिये चर्चित हैं। लेडी सिंघम के नाम से पटना में फेमस शीला ईरानी अवैध कब्जा करने वाले बड़े से बड़े माफियाओं पर कार्रवाई से नहीं घबरातीं।

शीला ईरानी का जन्म एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। पिता ज्वाइंट लेबर कमिश्नर थे और उन्होंने हमेशा अपने बच्चों को उच्च मानवीय मूल्यों की शिक्षा दी। शीला की स्कूलिंग गिरिडीह के कार्मेल स्कूल से हुई और उन्होंने पटना वीमेंस कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। वर्ष 2000 में ये पुलिस सर्विसेज में आ गयीं।

 रिपब्लिक डे परेड का किया नेतृत्व

एसपी रैंक की अधिकारी शीला पटना की ट्रैफिक डीएसपी व टाऊन डीएसपी के पोस्टिंग के दौरान अपनी सख्त और ईमानदार छवि के लिये मशहूर रही हैं। वर्ष 2002 में शीला ईरानी बिहार की पहली महिला पुलिस अधिकारी बनीं जिन्होंने रिपब्लिक डे पर गांधी मैदान में परेड का नेतृत्व किया।अपने विशिष्ट कार्यों के लिये शीला ईरानी को इंटरनल सिक्योरिटी अवॉर्ड और क्राइम कंट्रोल के लिए डीजीपी से प्रशस्ति पत्र भी प्राप्त हो चुका है। अपने बीस साल के कार्यकाल में उन्होंने अपनी मजबूत कार्यशैली, ईमानदारी और कड़क छवि की छाप छोड़ी है।

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