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BiG News (वीडियो) जीत के जश्न खातिर छोटे सरकार के घर लगा पंडाल, नतीजें से पहले बाहुबलि को यकीन जीत चुके है मोकामा की जंग,देखिए

कैदी वैन से नामांकन भरने पहुंचे थे मोकामा के 'छोटे सरकार' अनंत सिंह, RJD ने दिया है टिकट जिधर हम रहते है सरकार उसकी का बनता है ये कहना रहा है छोटे सरकार अनंत सिंह का

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पटना Live डेस्क।बिहार विधानसभा चुनाव 2020 का रिजल्ट भले हो 10 तारीख को आना है लेकिन तमाम समाचार माध्यमो पर एक्जिट पोल्स सत्ता परिवर्तन की ओर इशारा कर रहे है। लेकिन एग्जिट पोल्स के चारो खाने धड़ाम होने के इतिहास को देखते हुए तमाम सियासी दलों और उनके समर्थकों के बीच ऊपापोह के हालात है। लेकिन तमाम सियासी असमंजस के बीच राजधानी में एक विधायक के आवास पर जीत के जश्न की तैयारियों को फिनिशिंग टच दिया जा रहा है। दरअसल, विधायक जी को रिजल्ट से पहले ही अपने पास होने का पुख़्ता और पक्का यक़ीन है। तभी तो अपने समर्थकों के सम्मान में भोजभात की।तैयारी कर ली गई है।

गंगा किनारे बसे मोकामा शहर की बात की जाए तो जो एक नाम जो वहां के लोगों की जुबान पर सबसे पहले आता है वो है अनंत सिंह उर्फ ‘छोटे सरकार’ का। विधानसभा चुनाव 2015 में निर्दलीय अनंत सिंह ने जीत दर्ज की थी। इस बार आरजेडी(राष्ट्रीय जनता दल) के टिकट पर चुनाव मैदान में उतरे हैं। पिछले चुनाव में आरजेडी ने अनंत सिंह के आपराधिक इतिहास को मुद्दा बनाया था लेकिन राजनीतिक बाजी ऐसी पलटी कि इस विधानसभा चुनाव में उन्हें ही टिकट थमा दिया। विगत वर्ष 2015 मे बतौर निर्दलीय उम्मीदवार उन्होंने महागठबंधन के प्रत्याशी नीरज कुमार को शिकस्त दी थी।

कैदी वैन में नामांकन करने पहुंचे थे अनंत सिंह

कभी नीतीश कुमार के बेहद करीबियों में शुमार रहे अनन्त सिंह का सियासी सफर बेहद उठापठक और बदलते रिश्तों की बुनियाद पर समय के साथ आगे बढ़ा है। बिहार की सियासत में वैसे तो कई बाहुबली नेताओं का समय के साथ कद बढ़ा भी लेकिन खत्म भी हो गया। लेकिन हम बात कर रहे हैं मोकामा के ‘छोटे सरकार’ यानी की बाहुबली अनंत सिंह की जो पांचवीं बार विधामसभा चुनावी मैदान में RJD के टिकट पर मोकामा विधानसभा से ताल ठोक रहे है। अपनी जीत के प्रति आश्वस्त है। तभी तो पटना स्थित उनके विधायक आवास पर जीत के जश्न खातिर तमाम तैयारियों को फाइनल टच दिया जा रहा है।

अनंत सिंह का अबतक का सियासी सफर

अनंत सिंह को इस क्षेत्र के लोग ‘छोटे सरकार’ के नाम से बुलाते हैं। बिहार विधासभा चुनाव 2020 में ‘छोटे सरकार’ को आरजेडी से टिकट मिला। जेल में बंद मोकामा के ये बाहुबली विधायक कैदी वैन से नामांकन भरने के लिए बाढ़ अनुमंडल मुख्यालय पहुंचे। यह पहली बार नहीं है जब अनंत सिंह जेल में रहकर ही चुनाव लड़ रहे हैं।

बता दें कि अनंत सिंह अबतक मोकामा के सियासी महाभारत में लगातार चार बार जीत दर्ज करा चुके है। वर्त्तमान में यानी 2015-2020 विधानसभा के कार्यकाल में निर्दलीय विधायक के तौर पर जीत दर्ज कर मोकामा का प्रतिनिधित्व कर रहे है।

उल्लेखनीय है कि अनन्त ने पहली बार वर्ष 2005 के फरवरी महीने में हुए विधानसभा चुनाव में जदयू के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज की परन्तु सरकार न बन पाने की वजह से पुनः वर्ष 2005 में ही हुए दूसरी बार अक्टूबर में जदयू की टिकट पर चुनावी जीत दर्ज की। फिर वर्ष 2010 में भी जेडीयू के टिकट पर चुनाव जीते। लेकिन समय के साथ जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार से बदले सियासी रिश्तों की वजह से अपनी राह अलग कर ली। तदुपरान्त 2015 में उन्होंने निर्दलीय पर्चा भर दिया और जीत हासिल की।

जेल में बंद हैं अनंत सिंह

अनंत सिंह इस वक्त अवैध एके- 47 रायफल की कथित तौर पर बरामदगी के मामले में जेल में बंद हैं। बता दें कि बीते साल अगस्त में एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें अनंत सिंह का रिश्तेदार दो एके- 47 राइफल के साथ दिख रहा था। बाद में पुलिस ने उनके मोकामा स्थिति लदमा गांव में दबिश देकर यहां से एके- 47 रायफल बरामद की थी।अनंत सिंह ने इसी केस में सरेंडर किया था, फिलहाल वह पटना के बेउर जेल में बंद हैं।

मोकामा के ‘छोटे सरकार’ अनंत सिंह

बताया जाता है कि बिहार के बाढ़ इलाके में राजपूत और भूमिहारों का खूनी इतिहास रहा है रात को लोग घरों से निकलने से भी डरते थे।ऐसे में अनंत सिंह भूमिहार समुदाय के रक्षक के रूप में उभरे। अनंत सिंह की किस्मत के सितारे उस वक्त चमक उठे जब नीतीश कुमार ने साल 2005 में जनता दल यूनाइटेड के टिकट पर उन्हें मोकामा विधानसभा से चुनाव मैदान में उतार दिया।

अनंत सिंह को टिकट मिला, तो उनके आपराधिक इतिहास को लेकर भी खूब चर्चाएं हुईं। इसके बावजूद अनंत सिंह मोकामा विधानसभा सीट से जीतने में कामयाब रहे।

इसके बाद छठ पर धोती बांटना, रोजगार के लिए गरीबों को तांगे देकर मदद करना और रमजान के दिनों में इफ्तार का इन्तज़ाम करना। उनके घर पर लोगों का जमावड़ा लगने लगा और वो खुद ही लोगों की समस्या सुलझाने लगे जिससे पूरे इलाके में उनकी छवि गरीबों के मसीहा की बन गई और वो लोगों के छोटे सरकार बन गए।

अपनी दबंग छवि और मोकामा के आवाम के बीच अपनी जनसुलभता के लिए विख्यात अनन्त सिंह की अपने विधानसभा क्षेत्र मव समाज के हर वर्ग में मजबूत पैठ है। इसकी का फलाफल रहा है कि तमाम विषम परिस्थितियों में भी लगातार चार बार जीत दर्ज कराते हुए विधायक निर्वाचित होते रहे है। वही, इस बार भी अनन्त सिंह जेल में निषिद्ध रहने के बावजूद राजद की टिकट पर चुनाव लड़कर अपनी जीत के प्रति न केवल आश्वस्त है बल्कि बाकायदा राजधानी पटना में उनके विधायक आवास पर “जीत के जश्न” खातिर तमाम तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। साथ ही उनके समर्थकों का कहना है कि विधायक जी अमुमन जिस जिस पार्टी में रहते है सरकार उसकी का बनता है।

उल्लेखनीय है कि तीन चरणों मे बिहार विधानसभा 243 सीटों खातिर मतदान सम्पन्न हो चुका है। उम्मीदवारों की जीत हार और अगले 5 साल खातिर बिहार की सत्ता पर काबिज कौन सा गठबंधन होगा इसका निर्णय आगमी 10 नवम्बर को होगा लेकिन अनन्त सिंह के आवास पर जश्न की तैयारी इस बात को स्पष्ट कर रहा है कि पाँचवी बार भी मोकामा का महाभारत जितने को लेकर पूरी तरह आश्वस्त है। अब 10 नवम्बर को देखना है कि आखिर छोटे सरकार का अपने मतदाताओ पर भरोसा कितना खरा साबित होता है या ….

 

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