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बड़ी खबर – एक करोड़ के इनामी माओवादी नेता अरविंद जी की हार्ट अटैक से मौत !

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धर्मेंद्र रस्तोगी, ब्यूरो कोर्डिनेटर, सारण

पटना Live डेस्क। भाकपा माओवादी के शीर्षस्थ नेता अरविंद जी की मौत हो गयी है। उनकी मौत की वजह हार्ट अटैक बताया जा रहा है। अरविंद जी पर सरकार ने एक करोड़ रुपये इनाम की घोषणा कर रखी है।।वह भाकपा माओवादी के पोलित ब्यूरो सदस्य है और उनकी उम्र करीब 80 वर्ष है।वह बिहार के जहानाबाद का रहने वाला था। देश के नौ राज्यों की पुलिस को उनकी तालाश है। वह आंध्रप्रदेश, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में संगठन के लिए काम कर चुके हैं।पिछले कई सालों से अरविंद जी लातेहार , गुमला, लोहरदगा और गढ़वा इलाके में पुलिस के लिए चुनौती बने हुए थे।नक्सली सूत्रों ने अभी तक उनकी मौत की पुष्टि नहीं की है।

मौत की पुष्टि कराने में जुटी सुरक्षा एजेंसियां

रविंद जी की मौत की खबर मिलने के बाद सुरक्षा एजेंसिया और खुफिया एजेंसियांं इसकी पुष्टि कराने में जुट गयी है। झारखंड पुलिस के प्रवक्ता एडीजी अभियान आरके मल्लिक ने इस बारे में बताया कि अरविंद जी की मौत की सूचना प्राप्त हुई है। सूचना के सत्यापन की कोशिश की जा रही है। पुलिस के एक अन्य अधिकारी के मुताबिक अरविंद जी की मौत की खबर के बाद संगठन में हड़कंप मचा हुआ है।उनकी मौत कहां पर हुई है,इस बारे में अभी तक जानकारी नहीं मिल पायी है।
झारखंड में बुढ़ा पहाड़ को बनाया ठिकाना

भाकपा माओवादी के पीएलजीए मारक दस्ता में सक्रिय सदस्य रहे अरविंद जी और कुख्यात नक्सली सुधाकरण समेत कई नक्सलियों ने इस पहाड़ को अपना ठिकाना बनाया। भाकपा माओवादी के पीएलजीए मारक दस्ता में सक्रिय रहा अरविंद जी 2011 में भाकपा माओवादी का सेंट्रल कमेटी सदस्य बनकर लातेहार पहुंचा और बड़ी-बड़ी घटनाओं को अंजाम देकर चर्चा में आया। वहीं छत्तीसगढ़ का रहने वाला नक्सली सुधाकरण मार्च 2016 में अपनी पत्नी नीलिमा के साथ लातेहार आया।पुलिसिया अभियान के कारण वह लातेहार से नहीं निकल पाया और यहीं से नक्सली गतिविधियों को अंजाम देने लगा। इनके जमावड़े के बाद झारखंड और छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सल विरोधी अभियान में तेजी लाया और कभी इन्हें एक स्थान पर टिकने नहीं दिया।इसके बाद इन्होंने बुढ़ा पहाड़ को अपना ठिकाना बना लिया। बूढ़ा पहाड़ में इनका डेरा बनने के बाद सुरक्षा बलों का पुलिसिया अभियान भी तेज हुआ।

जिद की जिंदगी में नहीं रहा पोलित ब्यूरो अरविंद दा

भाजपा माओवादी का पोलित ब्यूरो सदस्य सह पीएलजीए का सदस्य सह बिहार के जहानाबाद निवासी अरविंद जी वर्ष 2013 में बिहार सरकार के दबिश के कारण एवं बहुत दिनों से पोलित ब्यूरो की बैठक नहीं होने के कारण झारखंड के लातेहार में गया से चतरा होते हुये लातेहार जिला के मनिका थाना क्षेत्र के कुमंडी जंगल में पहुंचा था और वर्ष 2013 की जनवरी माह में उत्पात मचाते हुये भीषण मुठभेड़ कर जनवरी 7-11 तक लगातार उत्पात मचाते हुये 11 जवानों को ढेर कर चार जवानों के पेट में पहली बार बम प्लांट किया था।इस मामले में लातेहार पुलिस ने 4/13 एवं 9/13 का मामला दस्ता सहित दर्ज किया था, जिसके बाद झारखंड पुलिस की दबिश अरविंद सहित उसके सहयोगी दस्ते पर बढ़ी और वो लातेहार से नहीं निकल पाया।उसके बाद उसने अपना शरणस्थली बुढ़ा पहाड़ को बना लिया। बताया जाता है कि अरविंद जी को लंबे समय से बेहतर शहरी दवा एवं शहरी भोजन नहीं मिल पा रही थी और उनकी तबीयत लगातार बिगड़ रही थी। सुबह 10 अचानक उनको हार्ट अटैक आया, जिससे उनकी मौत होने की सूचना आ रही है।

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