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Super Exclusive (वीडियो)विजिलेंस के खौफ से एक सरकारी दफ्तर में तालाबंदी का सा माहौल,मुख्य दरवाजा 24 घंटे रहता है बंद 

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पटना Live डेस्क। क्या आप ने कभी ऐसा देखा या सुना है कि एक अहम सरकारी इदारे(ऑफिस) का दरवाजा एक अन्य सरकारी महकमे के खौफ से इस कदर ख़ौफ़ज़दा हो गया हो कि उसने अपने दफ्तर के मुख्य दरवाजे बंद कर लिए हो? नही न? यकीनन आप ने नही सुना होगा लेकिन यकीन मानिए ये वो सच है जिससे पटना Live न केवल आपको वाकिफ़ करने जा रहा है बल्कि बाकायदा बन्द दरवाजे की हकीकत से भी आपको रूबरू कराने जा रहा है।

दरअसल,बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम की स्थापना 29 जून 1974 को कम्पनी एक्ट 1956 के तहत की गई थी। निगम का आथोराइजड कैपिटल 100.00 लाख एवं Paid Up कैपिटल 10.00 लाख है। वर्ष- 1974 से लेकर अब तक की अवधि में काफी उतार चढ़ाव के दिन निगम को देखने पड़े है। वर्ष 2003 में राज्य सरकार द्वारा बिहार के बंद किये जाने वाले 18 निगमों की सूची में बिहार पुलिस भवन निर्माण निगम को भी रखा गया था। राज्य सरकार ने अप्रैल 2007 में इसे पुनर्जीवित किया और निगम के माध्यम से निर्माण हेतु संसाधन एवं राशि उपलब्ध कराई जिसके फलस्वरूप निगम द्वारा अनेक प्रतिष्ठित भवनों, पुलिस प्रांगण, आवासीय एवं गैर आवासीय भवनों का निर्माण किया गया। वर्तमान में निगम, कारा विभाग, अग्निशमन विभाग, सैनिक कल्याण विभाग, नागरिक सुरक्षा एवं गृह रक्षा वाहिनी सहित वाणिज्य कर विभाग के लिए भी भवनों का निर्माण कर रहा है।

घूसखोरी में विजिलेंस ने कई को दबोचा

लेकिन समय के साथ सरकारी इदारे में घूसखोरी का ऐसा दीमक लगा कि अबतक विजिलेंस के द्वारा जेई से लेकर सचिव तक को ठेके में कमीशन के तौर पर मोटी रकम उगाही करने आरोप में धर दबोचा गया है। इसी क्रम में विजिलेंस ब्यूरो ने विगत वर्ष बिहार राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम के सचिव/सहायक सचिव कर्मलाल को 1 लाख रुपए घूस लेते गिरफ्तार किया। वह 3.77 करोड़ रुपए के ठेका की एवज में घूस की पहली किस्त ले रहे थे। उनके कंकड़बाग कॉलोनी मोड़ स्थित आवास पर तलाशी में खासी चल-अचल संपत्ति व इसके दस्तावेज बरामद किए गए। दस्तावेजों के आकलन के बाद उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज हो सकता है। कर्मलाल बहुत दिनों तक पटना के विभिन्न थानों में पदस्थापित रहे; थानेदार रहे। रिटायर होने के बाद कांट्रैक्ट पर राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम में काम कर रहे थे।

वही, 14 जनवरी वर्ष 2017 में बिहार पुलिस भवन निर्माण विभाग के कनीय अभियंता पंकज प्रसाद को पटना से आई विजिलेंस की टीम ने 20 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार कर लिया था। बिहार पुलिस भवन निर्माण विभाग के कनीय अभियंता पंकज प्रसाद को पटना से आई विजिलेंस की टीम ने मंगलवार को 20 हजार रुपये घूस लेते गिरफ्तार कर लिया। कनीय अभियंता को विजिलेंस ने जमालपुर में बनाए गए कार्यालय सह आवास से ही गिरफ्तार किया। इसके बाद टीम के सदस्य श्री प्रसाद को अपने साथ लेकर पटना चले गए। इसकी पुष्टि टीम का नेतृत्व कर रहे डीएसपी गोपाल पासवान ने की।

विजिलेंस की बड़ी कार्रवाईयो के बावजूद खाजपुरा स्थित बिहार भवन निर्माण निगम में घूसखोरी बंद नहीं हुई है। संवेदकों द्वारा कार्य पूरा करने के बाद भी बिल का भुगतान तब तक नही किया जाता जब तक चढ़ा नही चढ़ाया जाता है। हद तो ये की बिना रिश्ते लिए निगम कर्मचारियों द्वारा सवेदक को अग्रिम राशि (पीई) का भी भुगतान नही किया जाता है। जिसका फला फल यह हुआ है की वर्तमान में निर्माण से जुड़े संवेदकों ने कांट्रैक्ट पर राज्य पुलिस भवन निर्माण निगम के।घूसखोर कर्मचारियों के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए विजिलेंस विभाग को तमाम शिकायतों की जानकारी दी है। मिली शिकायतों पर विजिलेंस दस्ता भी पैनी नज़र बनाये हुए है।

लेकिन इसी बीच विजिलेंस दस्ते की रेड होने की जानकारी पुलिस भवन निर्माण निगम के स्टाफ व पदाधिकारियो  को हो गई। जिसका फलाफल यह हुआ कि विजिलेंस रेड के खौफ़ से पुलिस भवन निर्माण निगम के खाजपुरा स्थित दफ्तर का न केवल मुख्य दरवाज़ा विगत एक सप्ताह से बंद कर दिया गया है। जिससे तमाम कामकाज ठप्प हो गया है।

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