पटना Live डेस्क। जिले में इन दिनों बाढ़ के कहर के बीच अब वायरल फीवर भी कहर ढाने लगा है। जहाँ बड़ी संख्या में छोटे बच्चे वायरल फीवर के चपेट में आ रहे है। जिले में इस वायरल फीवर के कहर का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता कि सिर्फ एसकेएमसीएच मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग और पीकू वार्ड में बीते चौबीस घंटे में 48 से अधिक बच्चे भर्ती हुए है। जिसमें से करीब 30 से अधिक बच्चे गंभीर हालत में पीकू वार्ड में भर्ती है।
फिलहाल SKMCH के चाईल्ड वार्ड में बीते एक सप्ताह में वायरल फीवर से पीड़ित 130 से अधिक बच्चे भर्ती हुए है। डॉ गोपाल शंकर साहनी ने बताया कि मौसम फ़लक्चुएट होने के कारण इसके मामलो में तेजी आई है। इसमे छोटे बच्चे ज्यादा इसके चपेट में आ रहे है। उन्हें 100 से लेकर एक सौ दो दिन चार तक फीवर हो जा रहा है। साथ ही सास फूलने की समस्या भी आ रही है।
वायरल फीवर के कहर को लेकर शिशु रोग के विभागाध्यक्ष और एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक डॉ गोपाल शंकर साहनी ने कहा कि इस बार हालात काफी भयावह है। पिछले तीन चार दिनों से भीषण उमस भरी गर्मी की वजह से इस मामले में काफी तेजी आई है। जहाँ बड़ी संख्या में बच्चे कोल्ड, कफ,हाइ फीवर,और सांस लेने की समस्या से जूझ रहे है। वायरल फीवर से संक्रमित बच्चों में दो से छह माह के बच्चो की संख्या सबसे अधिक है।
SKMCH के उपाधीक्षक डॉ गोपाल शंकर सहनी ने बताया कि वायरल फीवर का प्रभाव सभी पर पर रहा है,लेकिन सबसे ज्यादा इसका प्रभाव छोटे बच्चों पर ज्यादा है। डॉ गोपाल शंकर ने कहाकि जिस तरह का मौसम चल रहा है उसमें बच्चों पर अभिभावकों के द्वारा विशेष ध्यान देने की जरूरत है। SKMCH के उपाधीक्षक की माने तो खासकर स्कूल जाने वाले बच्चो पर विशेष ध्यान देने और कोरोना प्रोटोकाल का पालन करने की नसीहत दी गई। क्योंकि इस वायरल फीवर का लक्षण भी कोरोना से मिलता जुलता ही है।
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