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BiG Breaking – डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय की छापेमारी में राजधानी के दो थानेदारो पर गिरी गाज, हुए निलम्बित

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पटना Live डेस्क। बिहार के 51वें पुलिस प्रमुख यानी डीजीपी के तौर पर अपनी नियुक्ति के साथ ही 1987 बैच के बिहार कैडर के IPS गुप्तेश्वर पाण्डेय जबरदस्त एक्शन मोड में आ गये है। सूबे में कानून -व्यवस्था के मोर्चे पर कार्रवाई शुरू कर दी है। कुर्सी संभालते ही बेहतर पुलिसिंग,क्राइम कंट्रोल एवं उसकी मॉनिटरिंग के लिए उन्होंने खुद मैदान में उतरने का संदेश अवाम और पुलिस वालों को दे दिया था। डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने साफ शब्दों में कह दिया था कि वो खुद फील्ड में निकलेंगे। कभी भी और कहीं भी वो अचानक पहुंच सकते हैं। अगर उस दरम्यान किसी प्रकार की उन्हें लापरवाही मिली तो दोषी पुलिस कर्मियों को किसी भी सूरत में बख्शने वाले नहीं हैं।अपनी इस घोषणा को डीजीपी अक्षरशः लागू भी रहे है।

                        इसी क्रम में शनिवार रविवार की दरमियानी रात डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने पुनः एक बार औचक निरीक्षण की अपनी मुहिम के तहत राजधानी के दो थानों एसके पुरी और गर्दनीबाग जा पहुचे। रात्रि वेला में अचानक डीजीपी को देख दोनो थानों के स्टाफ सकते में आ गए। इस खबर के आम होते ही पटना पुलिस के तमाम अधिकारियों में हड़कंप मच गया।आनन फानन में सेंट्रल रेंज के डीआईजी राजेश कुमार, सिटी एसपी सेंट्रल अमरकेश दारपिनेनी और सचिवालय डीएसपी गर्दनीबाग थाने पहुचे। जब तक वरीय पुलिस अधिकारी थाने में पहुचते, डीजीपी ने पूरा थाना परिसर खंगाल डाला और स्टेशन डायरी समेत अन्य फाइलों को पेश करने का फरमान थाना स्टाफ को दे दिया था।           

गर्दनीबाग और एसके पूरी थानेदार पर गिरी गाज

अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत शनिवार की देर रात खुद डीजीपी ने औचक निरीक्षण के दौरान दोनों ही थानों में न केवल रोज़मर्रा के कार्य निष्पादन में काफी सारी खामियां पकड़ी बल्कि थाने की डेली स्टेशन डायरी में भी एंट्री लंबित होने पर नाराजगी जाहिर की। हद तो तब हो गई जब डीजीपी ने थाना हाजत में बंद एक युवक के बाबत जब जानकारी मांगी तो थानेदार समेत मुंशी तक बगले झांकने लगे।                                                                  दरअसल, थाना हाजत में बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के एक युवक को दोपहर से बन्द करके रखा गया था, डीजीपी ने स्वयं जब उक्त युवक से बात की तो सारा माजरा उनके समझ मे आ गया। दरअसल थानों में अक्सर ऐसा होता है कि मामूली सी बात पर बिना किसी कानूनी प्रक्रिया अपनाए शख्स को हाजत में घंटो बंद कर रखा जाता है फिर थाने में तैनात पुलिस वाले अवैध वसूली कर उसे छोड़ देते है। शायद इसी प्रक्रिया के तहत युवक को थाना हाजत में रखा गया था, जिसे डीजीपी ने पकड़ लिया।                                        फ़िर क्या था,महज एक घण्टे के दरम्यान दोनो थानों के औचक निरीक्षण करते हुये डीजीपी ने फैसला ऑ द स्पॉट करते हुए एसकेपुरी और गर्दनीबाग के थानेदारों को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया। साथ ही ओडी ड्यूटी पर लापरवाही बरतने वाले 2 अन्य पुलिसकर्मी को भी निलंबित कर दिया।

जारी रहेगा औचक निरीक्षण  

नवनियुक्त डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने अपनी कथनी को करनी में तब्दील करते हुए शनिवार और रविवार की दरमियान रात को औचक निरीक्षण कर राजधानी पटना में 2 थानेदारो समेत 4 पुलिसकर्मियों को निलम्बित कर महकमे को स्पष्ट संदेश दे दिया है।ड्यूटी मुस्तैदी से करना होगा,लापरवाही बिल्कुल बर्दाश्त नही की जाएगी। हर हाल में अपराध और अपरधियों के खिलाफ मुहिम जारी रहनी चाहिए।

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