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BiG News – बिहार में 2 IPS पर कार्रवाई, नालन्दा के SP रहे विवेकानंद और मोतिहारी के SP रहे सुनील पर हुई कार्रवाई, आदेश जारी

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खाकी में इंसान डेस्क।बिहार कैडर के 2 IPS पर गृह विभाग ने कार्रवाई करते हुए आदेश जारी कर दिया है। गृह विभाग की कार्रवाई की जद में आने वाले में नवादा के तत्कालीन राजद विधायक राजवल्लभ यादव द्वारा एक लड़की से रेप मामले में नालंदा के तत्कालीन 2012 बैच के आईपीएस (एसपी)विवेकानंद पर गृह विभाग ने कार्रवाई की है। इस संबंध में गृह विभाग ने संकल्प जारी कर दिया है।

दअरसल, नालंदा के तत्कालीन एसपी विवेकानंद पर आरोप था कि नाबालिक लड़की से विधायक राजवल्लभ यादव द्वारा बलात्कार किए जाने के मामले को उन्होंने रूटीन तरीके से लिया। साथ हीं मीडिया में गैरजिम्मेदाराना बयान दिया। इतना हीं नहीं एसपी विवेकानंद ने कार्रवाई में शिथिलता बरती थी।

जिसके आलोक में तत्कालीन डीआईजी शालीन ने नालंदा एसपी की लापरवाही की पूरी रिपोर्ट मुख्यालय को सौंपी थी।उसके बाद गृह विभाग ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई शुरू की थी।

विभागीय कार्रवाई में गृह विभाग ने कहा है कि नालंदा के तत्कालीन एसपी विवेकानंद के वेतन के समयमान में एक वर्ष के लिए एक स्तर की कटौती किए जाने की शास्ति इस निदेश के साथ अधिरोपित की जाती है कि सेवा के सदस्य कटौती की इस अवधि के दौरान कोई वेतन वृद्धि अर्जित नहीं करेंगे।तथा यह कटौती उनके वेतन की भावी वेतनवृद्दि को स्थगित नहीं करेगी।

वही, दूसरे IPS है मोतिहारी के तत्कालीन एसपी सुनील कुमार पर कार्रवाई हुई है। इस संबंध में गृह विभाग ने अपना संकल्प जारी कर दिया है। वर्तमान में वे आईजी के सहायक के तौर पर पदस्थापित हैं।

दअरसल, तत्कालीन एसपी और वर्तमान में पुलिस महानिरीक्षक के सहायक सुनील कुमार पर आरोप था कि उन्होंने अनियमित तरीके से थानाध्यक्षों का स्थानांतरण एवं पदस्थापन किया है। साथ हीं एक हीं जाति के पुलिस पदाधिकारियों को थाने में थानाध्यक्ष के तौर पर पदस्थापित किया है। पुलिस हस्तक के अनुसार पुलिस अवर निरीक्षकों को कार्यपालक दंडाधिकारी की सुविधा नहीं देने समेत कई आरोप लगे थे।सुनील कुमार पर लगे आरोपों के बाद उनके जवाब मांगा गया ।जवाब से संतुष्ट नहीं होने पर उके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के लिए विभागीय कार्रवाई शुरू की।

गृह विभाग ने उनके खिलाफ 5 सितंबर 2016 को विभागीय कार्रवाई शुरू की।विभाग ने बचाव में उनसे स्पष्टीकरण पूछा ।उसके बाद विभागीय संकल्प 17 मार्च 2017 द्वारा संचालित विभागीय कार्यवाही में आयोग द्वारा संसूचित परामर्श के आलोक में गैर संचयी प्रभाव से एक वर्ष की अवधि के लिए वेतन वृद्दि रोके जाने की शास्ति अधिरोपित करने का आदेश जारी किया गया है।

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