बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

(वायरल ऑडियो)बिहार की भोजपुर पुलिस की बेशर्मी और रिश्वत खोरी का सच सुनिए और अपना सर पीट लीजिये …..खैर, एसपी ने कर दीया है सस्पेंड

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पटना Live डेस्क।अक्सर बिहार पुलिस के तमाम वरीय अधिकारी सूबे के तमाम खाकी वालो को विशेषकर थानेदारों और थाने में पदास्थित पुलिसवालों को पीपुल्स फ्रेंडली होने की हिदायतें देते रहते है। लगता है इस तमाम हिदायतों को भोजपुर जिला पुलिस के आरा मुफ्फसिल थाना के थानेदार श्रीकांत पासवान और दरोगा मोहन लाल प्रसाद ने कुछ ज्यादा ही तवज़्ज़ो देने की ठान ली है। ये बात अलग है कि इस हिदायत को अपने वसूली अभियान खातिर उपयोग में लाते है।देखिये पीपुल्स फ्रेंडली होने का सुबूत देते हुए बाकायदा फ़ोन कर पैसे की उगाही करते है।                    दरअसल,बिहार के भोजपुर जिले के आरा मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 01/18यानी साल का पहला मुकदमा दर्ज होते ही थानेदार श्रीकांत और एसआई मोहन लाल प्रसाद ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए एक आरोपी 65 साल के वृद्ध ललन चौधरी को ग्राम चंदा से 3 जनवरी को दबोच लिया। गिरफ्तार बुजुर्ग को थाने में ही तकरीबन 24 घण्टे तक कैद रखने के बाद 4 जनवरी को उनकी बहू से फ़ोन पर सम्पर्क कर बुजुर्ग को और अन्य को छोड़ने के एवज में 10 हजार रुपये रिश्वत की मांग की।इस पूरी बातचीत को महिला ने रिकॉर्ड कर लिया और वायरल कर दिया है।

दारोगा और महिला-10 हजार दीजिए-5 ले लीजिए

दारोगा बोला,हजार-दो हजार रुपए दिखाने से काम नहीं चलेगा दस हजार रुपए दीजिए। महिला बोली, मैं गरीब परिवार से हूं पांच हजार रुपए लेकर पिता जी को छोड़ दीजिए।फोन पर बातचीत का यह अंश,अारा मुफस्सिल थाना के एक दारोगा व एक महिला के बीच का है।यह आॅडियो क्लिप सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।मामला आरा के एक गांव में हुए मारपीट मामले में गिरफ्तारी से जुड़ा है।इधर, रिकॉर्डिंग में एक दारोगा अपना नाम मोहन जी बता रहा है। वह अपने को केस का अनुसंधानकर्ता बताते हुए पकड़े गए आरोपी ललन चौधरी की बेटी और बहू से फोन पर रिश्वत की मांग कर रहा है। दोनो की बातचीत मोबाइल पर बातचीत का जो ऑडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ हैं उसमें आईओ दारोगा से महिला बोल रही हैं कि सरपंच साहब को भेजे हैं। सरपंच का नाम सुनते ही दारोगा बिदक जाता है। दारोगा फोन पर ही महिला से कहता हैं कि सरपंच बड़का दलाल है।किसी दूसरे आदमी को भेजिए।
महिला बोल रही है कि बुढ़ी एवं उनके भाई भी गए हैं। दारोगा कहता हैं कि बुढ़ी हजार-दो हजार रुपए दिखा रही है,उससे नहीं होगा।दस हजार रूपए देना होगा। तीनों को बेल दे देंगे। इस पर महिला बोलती हैं कि मैं गरीब परिवार से हूं,पांच हजार रुपए लेकर छोड़ दीजिए।पति विदेश गए हैं।पैसा का दिक्कत है। यह सुनकर दारोगा मान जाता है।भेंट करने के लिए बोलता है। आरा मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 01/18 यानी साल का पहला मुकदमा दर्ज होते ही थानेदार श्रीकांत और एसआई मोहन लाल प्रसाद ने ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए दारोगा माेहन लाल प्रसाद एवं पुलिस इंस्पेटर ने चंदा गांव के 65 वर्षीय ललन चौधरी को 3 जनवरी को गिरफ्तार किया गया था। उसे 24 घंटे से अधिक समय तक थाने में बंद कर 4 जनवरी को उनके घर पर फोन कर छोड़ने के एवज में दस हजार रुपए की डिमांड की गई थी। बताते चलें कि 31 दिसंबर 2017 को गांव में जमीन बंटवारे के विवाद में दो गुटों के बीच मारपीट में ललन चौधरी की गिरफ्तारी हुई थी।

SP ने जांच के बाद किया निलंबित इधर,भोजपुर एसपी अवकाश कुमार ने इस वायरल वीडियो के बाबत बताया कि मामले में आरा के सदर एसडीपीओ संजय कुमार को जांच का आदेश दिया गया था। मंगलवार को जांच रिपोर्ट समर्पित किए जाने के बाद  जांच में दोषी पाए जाने पर संबंधित दाराेगा के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई कर दी गई है।

 

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