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बाइक सवार आतंकियों द्वारा अनंतनाग में अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला, 7 तीर्थयात्रियों की मौत, 19 अन्‍य घायल

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पटना Live डेस्क।एक बार फिर कश्मीर में आतंकियों  ने अमरनाथ यात्रियों पर हमला किया है।हमले में साात लोगों की मौत हो गई है और 17 जख्मी हुए हैं।जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों ने अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाया है। आतंकियों ने सोमवार को अनंतनाग जिले के बानटिंगू में दो अलग-अलग जगहों पर तीर्थयात्रियों और उनकी सुरक्षा में लगे पुलिस दल पर हमला किया। जम्मू-कश्मीर पुलिस के आईजी मुनीर खान के मुताबिक हमले में 7 लोगों की मौत हुई है जबकि 19 लोग घायल हुए हैं।


वही दुूसरी तरफ हादसे का शिकार हुई बस के बाबत सुरक्षाबलों ने कहा कि वह काफिले का हिस्सा नहीं थी। न ही अमरनाथ श्राइन बोर्ड में उसका रजिस्ट्रेशन हुआ था।इस वजह ये आतंकियों का आसान निशाना बने।सुरक्षाबलों का कहना है कि हमारे काफिले के साथ जो भी बस या ट्रक में यात्री होते हैं, उनकी सुरक्षा पुख्ता होती है।हमारी कोशिश होती है कि सुबह छह बजे बालटाल से वो निकल जाए और दोपहर 12 बजे तक जवाहर टनल को पार कर लें यानी जम्मू इलाके में दाखिल हो जाएं।
जे एंड केे पुलिस के मुताबिक बस सोनमार्ग बालटाल से आ रही थी। तीर्थयात्री दर्शन करके वापस घर लौट रहे थे।पुलिस ने दावा किया है कि बस ड्राइवर ने नियमों का उल्लंघन किया।नियमानुसार शाम 7 बजे के बाद किसी भी यात्रा वाहन को हाईवे पर जाने की अनुमति नहीं है। जम्‍मू कश्‍मीर के पूर्व मुख्‍यमंत्री उमर अब्‍दुल्‍ला ने ट्वीट कर इस हमले की निंदा की। उन्‍होंने इसे बेहद दुखदाई समाचार बताते हुए कहा कि ‘इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है,पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी सहानुभूति है और घायलों के लिए मैं दुआ करता हूँ।वही जम्मू कश्मीर के मंत्री नईम अख्‍तर ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा, यह कश्‍मीर के इतिहास पर लगा काला धब्‍बा है। ऐसा पहली बार हुआ है जब यात्रियों को निशाना बनाया गया है। आतंक के खिलाफ अभियान जारी रहेगा।’
पवित्र अमरनाथ यात्रा की शुरुआत कड़ी सुरक्षा के बीच 29 जून को पहलगाम और बालटाल दोनों ही रोस्‍तों से हुई थी। उत्तरी कश्‍मीर के बालटाल कैंप के रास्‍ते से अमरनाथ गुफा की ओर जाने के लिए 6000 से ज्‍यादा श्रद्धालुओं को इजाजत दी गई थी जबकि दक्षिण कश्‍मीर के पहलगाम के परंपरागत रास्‍ते से करीब 5000 यात्री गुफा की ओर चले थे। इस वर्ष करीब 1.2 लाख श्रद्धालुओं ने इस यात्र के लिए पंजीकरण कराया है।45 दिनों तक चलने वाली इस यात्रा के लिए सुरक्षा के इंतजाम के तहत सैटेलाइट ट्रैकिंग सिस्‍टम, ड्रोन का इस्‍तेमाल, मोबाइल बंकर वाहन और रोड ओपनिंग पार्टी की जम्‍मू से पहलगाम और बालटाल जाने वाले पूरे रास्‍ते के लिए व्‍यवस्‍था है।आपको ये बता दें कि सुरक्षा एजेंसियों ने पहले ही अमरनाथ यात्रा पर आतंकी खतरे को लेकर आगाह किया था।पिछले साल हिज्बुल कमांडर बुरहान वानी के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद से ही घाटी में हालात खराब हैं. इसी साल अमरनाथ यात्रा के दौरान वानी की पहली बरसी भी पड़ी थी। खुफिया रिपोर्ट्स के बाद अमरनाथ यात्रा की जबरदस्त सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं। सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के करीब 80 हजार जवानों को यात्रा की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है बावजूद आतंकी हमला करने में सफल हो गए। ये सुरक्षाबलों के लिए बड़ी चुनौती है क्योंकि अभी यात्रा खत्म नहीं हुई है।

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