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बड़ी खबर – नीतीश सरकार की शराब बंदी को फेल करता थानेदार गिरफ्तार, एसएसपी गया राजीव मिश्र ने स्वयं रकम किया बरामद

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पटना Live डेस्क। बिहार की सुशासन सरकार की सूबे में जारी पूर्ण शराबबंदी को 2 वर्ष बीत चुके है लेकिन जिन कंधों पर इसको लागू करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है वही कंधे यानी खाकी इसकी सफलता में पालित लगाने को लेकर लगातार सुर्खियों में है। इसी कड़ी में फिर एक बार एक खाकी वाले को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल सख्त कानून के बाद भी सूबे में शराब पीने-पिलाने का दौर क्यों नहीं थम रहा एक बार फिर खुल गया है। शनिवार की एक घटना ने साफ कर दिया है कि शराब बंदी क्यो सूबे में असफल हो रही है। इस कि बानगी दिखी गया जिले में जहां एसएसपी ने चाकंद के थानाध्यक्ष को शराब माफिया को छोडऩे के एवज में रिश्वत लेते स्वयं गिरफ्तार किया और थानेदार के  आवास से 1लाख 16 हजार रुपये नकद बरामद किया।
एसएसपी गया राजीव मिश्र की इस कार्रवाई के बाद जहां शराब माफिया में हड़कंप है, वहीं इस खेल में शामिल स्थानीय प्रभावशाली लोगों व संबंधित पुलिस पदाधिकारियों में भी बेचैनी है। गया के चाकंद थानाध्यक्ष पवन कुमार को एसएसपी राजीव मिश्रा ने खुद गिरफ्तार किया। शराबबंदी के बाद भी बेखौफ शराब माफिया के बारे में एसएसपी तक लगातार सूचनाएं पहुंच रही थीं। सूत्रों का कहना है कि इस बाबत विगत दिनों एसएसपी को एक ऑडियो भी उनके पास पहुचाया गया था जिसमे गिरफ्तार थानेदार और शराब माफिया के बीच की डीलिंग दर्ज थी।                               इस बाबत एसएसपी ने बताया कि थानाध्यक्ष को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है।चूंकि  रिश्वत के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, इसलिए चाकंद थाने में ही डीएसपी विधि व्यवस्था संजीव प्रभार ने प्राथमिकी दर्ज कराई है।                                             पूरी घटना के बाबत मिली जानकारी के अनुसार गिरफ्तार चाकंद थानाध्यक्ष ने शुक्रवार की रात नगर प्रखंड गन्नु बिगहा गांव से शराब से लदा एक ट्रक के साथ 4 तस्करों को पकड़ा था। पकड़े गए शराब की खेप के साथ 4 लोगो मे 2 लोगो को थानेदार ने एक स्थानीय नेता सह जनप्रतिनिधि के कहने पर छोड़ दिया साथ ही साथ पकड़े गए ट्रक छोडऩे के लिए शराब माफिया से थानेदार ने 3 लाख रुपये की डीलिंग भी  कर ली। डीलिंग होने के बाद थानेदार को तस्करों ने 50% राशि यानी डेढ़ लाख रुपये कैश का भुगतान कर दिया और बाकी रकम सुबह देने की बात तय हो गई।
लेकिन इसी बीच पहले से ही एसएसपी के राडार पर रहे थानेदार चाकंद थानाध्यक्ष पवन कुमार के बाबत पैसे लेकर शराब माफिया को छोड़ने और डीलिंग की सटीक जानकारी अपने सूत्रों द्वारा मिली।फिर क्या था एसएसपी ने एएसपी संजय भारती एवं डीएसपी संजीव प्रभार के साथ पवन कुमार के आवास पर धावा बोलते हुये थानाध्यक्ष के सरकारी आवास की सघन तलाशी ली। इस छानबीन में अखबार में लपेट कर आवास के एक कमरे में बिस्तर के नीचे रखे1.16 लाख रुपये बरामद कर लिए। फिर क्या था पुख्ता सबूत और कैश से उनके माफिया से डीलिंग की बात साबित हो गई। तत्काल ही एसएसपी द्वारा थानेदार को गिरफ्तार करवा लिया गया।
गिरफ्तार पवन से पूछताछ कर उस जनप्रतिनिधि के बारे में भी जानकारी ली जा रही है, जिसने शराब तस्करों को छोडऩे की पैरवी की थी।उम्मीद जताई जा रही है कि इस मामले में जल्द ही कुछ और लोग गिरफ्तार किए जा सकते हैं।
दरअसल यह सरकार की पूर्ण शराबबंदी की मुहिम को पलीता लगाने की न तो यह पहली घटना है ना ही आखरी होने का दावा किया जा सकता है। पूर्व में राजधानी पटना में पिछले वर्ष 28 मार्च 2017 को पटना जिले के गौरीचक थाने के मुंशी पंकज सिंह का शराबी को छोड़ने के एवज में घूस लेते वीडियो वायरल होने के बाद एसएसपी मनु महाराज ने उसे सस्पेंड कर दिया था।।

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