पटना Live डेस्क।19 साल तक कांग्रेस अध्यक्ष पद संभालने के बाद आखिरकार अपनी सियासी पारी को सोनिया गांधी ने अपनी रिटायरमेंट की घोषणा कर दी है। उनकी अध्यक्षता में कांग्रेस ने लगातार दो लोकसभा चुनाव 2004 और 2009 जीते। सोनिया कांग्रेस की अगुवाई वाले यूपीए (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) की चेयरपर्सन भी रहीं। कांग्रेस पार्टी की कमान बेटे राहुल गांधी को ‘सौंपने’ के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को राजनीति से रिटायरमेंट का ऐलान कर दिया। सोनिया से जब पत्रकारों ने पार्टी में उनकी भावी भूमिका को लेकर सवाल पूछा, तो उन्होंने अपने रिटायरमेंट की बात कही। बता दें कि पिछले काफी वक्त से सोनिया गांधी सक्रिय राजनीति से दूर चल रही थीं। उन्होंने हाल में संपन्न हुए गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भी प्रचार नहीं किया था। इस बीच उनके खराब स्वास्थ्य की खबरें भी आती रहीं।
कांग्रेस में यह बदलाव देश की सबसे पुरानी पार्टी में नए युग का आगाज माना जा रहा है। गौरतलब है कि 11 दिसंबर को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को निर्विरोध तरीके से पार्टी का अध्यक्ष चुन लिया गया था। इस शीर्ष पद के लिए केवल राहुल ने ही नामांकन किया था। शनिवार को राहुल कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर कार्यभार संभाल सकते हैं।सोनिया गांधी से शुक्रवार को जब पत्रकारों ने पूछा कि राहुल के अध्यक्ष बनने के बाद पार्टी में उनका रोल किस तरह का रहेगा, तो उनका जवाब था, ‘मैं रिटायर हो रही हूं।’ सोनिया गांधी ने ऐसे समय में रिटायरमेंट की घोषणा की है। जब कांग्रेस पार्टी के सामने अ पना जनाधार बढ़ाने की बड़ी चुनौती है। गौरतलब है कि कांग्रेस ने स्वतंत्रता के बाद से आधी सदी से अधिक समय तक देश पर शासन किया है, लेकिन बीजेपी का कद बढ़ने के साथ ही देशभर की सियासत में कांग्रेस सिकुड़ती चली गई। एक समय पूरे देश पर कांग्रेस का नियंत्रण था, लेकिन वर्तमान में सिर्फ 5 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में उसकी सरकार है। नेहरू-गांधी परिवार के वंशज 47 साल के राहुल गांधी के सामने अब पार्टी की खोई हुई प्रतिष्ठा को लौटाने की चुनौती है।
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