पटना Live डेस्क. बिहार के कई जिलों में बाढ़ का कहर जारी है.बाढ़ के चलते अबतक राज्य में मरने वालों की तादाद बढ़कर 161 हो गई है. सिर्फ कोसी और सीमांचल इलाके में अबतक 108 लोगों की मौत हो गई है. सबसे ज्यादा मौत अररिया जिले में हुई है. बाढ़ से बिहार के 21 जिले प्रभावित हैं,जबकि इऩ 21 जिलों में 14 जिले बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हैं. गोपालगंज जिले में गंडक की तेज धार में एक युवक बह गया वहीं,पूर्वी चंपारण में बाढ़ के पानी में डूबने से 2 बच्चों की मौत हो गई.
पूर्णिया में बाढ़ के पानी में डूबने से तीन की मौत की खबर है. अमौर के सूरजापुर में महिला समेत दो की मौत हो गई है, वहीं, सिमलबाड़ी नगरा टोला में एक युवक की मौत हो गई है.
गोपालगंज में सिधवलिया के सदौवा गांव के पास मुख्र्य तटबंध टूटने के बाद गंडक नदी का पानी सुबह एन एच पार कर तेजी से सिधवलिया प्रखंड मूख्यालय की तरफ बढ रहा है. सिधवलिया के रामपुर से सदौवा हाई स्कूल तक एन एच पर तीन फीट पानी बह रहा है. हाईवे पर वाहनों का आवागमन बंद करा दिया गया है.
एनडीआर,एफ की टीम बाढ में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुटी है. इस बीच हाइवे पार करते समय सदौवा गांव निवसी मंतोश पानी की तेज धारा में बह गया. वहीं सरयू के बढ़ते जलस्तर ने चिंता बढ़ा दी है. खतरे के निशान से ऊपर बह रही सरयू नदी, तटबंधों पर दबाव बढ़ गया है, कई जगहों पर कटाव जारी है, जिसकी वजह से गोपालगंज पर खतरा बढ़ गया है. जिलाधिकारी ने अभियंताओं की टीम को बाढ़ग्रस्त इलाकों में रवाना किया है.
पूर्वी चंपारण के एनएच-104 पर बाढ़ के पानी का हो रहा है बहाव, कई जहगों पर पानी का अत्यधिक हो रहा है बहाव जिससे दर्जनों गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. बाढ़ राहत और बचाव में जवान जुटे हुए हैं. एनडीआरएफ की 27, एसडीआरएफ की 16 टीमें राहत कार्य में लगी हुई हैं, वहीं सेना के 2186 जवान बचाव कार्य में लगे हुए हैं. सहरसा के सौरबाजार के कई गांवों में बाढ़ का पानी अचानक आधी रात को प्रवेश कर गया है. 2008 के बाद पहली बार इस गांव में बाढ़ का पानी पहुंचा है.
प्रशासन ने बाढ़ग्रस्त इलाकों के लिए हेल्पलाइन नंबर 1070 जारी किया है. इस नंबर पर डायल कर बाढ़ग्रस्त इलाके के लोग फोन कर अपनी परेशानी बता सकते हैं. प्रशासन की तरफ से बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव सहायता पहुंचाने की कोशिश की जा रही है. राजधानी पटना से आपदा प्रबंधन विभाग, जल संसाधन विभाग पल-पल की जानकारी ले रहा है. वहीं मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री भी बाढ़ प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर खुद जानकारी ले रहे हैं.
राज्य में करीब 75 लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं. राहत और बचाव का कार्य जारी है. अबतक 2लाख 74 हजार लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. राहत में 504 राहत शिविर चलाए जा रहे हैं.
राज्य में मुजफ्फरपुर, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, दरभंगा, मधुबनी, सीतामढ़ी, शिवहर, सुपौल एवं मधेपुरा जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. बिहार सरकार ने बचाव कार्य में एनडीआरएफ की 4 अतिरिक्त टीमों को तैनात किया है. 2000 जवान पहले से ही मोर्चा संभाले हए हैं. बचाव कार्य में 3 हेलिकॉप्टर भी लगाए गए हैं, जो प्रभावित इलाकों में खाने के पैकेट सप्लाई कर रहे हैं.
अररिया, किशनगंज, कटिहार, पूर्णिया में हालात अब भी बेकाबू हैं. वहीं पश्चिम चंपारण में सोमवार रात पिपरा-पिपरासी बांध दो स्थानों पर क्षतिग्रस्त हो गया. इससे दर्जनों गांवों में पानी भर गया. मधुबनी के झंझारपुर में कमला नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. खगड़िया में बागमती नदी खतरे के निशान से करीब पौने तीन मीटर ऊपर बह रही है.
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