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नई राजनीतिक पारी की तलाश में लगे शरद क्या ‘सहज विरासत रैली’ कर नीतीश को करेंगे असहज?

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पटना Live डेस्क नीतीश कुमार से नाराज शरद यादव फिलहाल मानते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. शरद अपनी आगामी योजनाओं के लिए अपने समर्थकों से मिल रहे हैं तो वहीं वो सम्मेलनों का आयोजन भी कर रहे हैं. 19 अगस्त को जेडीयू ने पटना में अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाई है. लेकिन ठीक उससे पहले शरद यादव 17 अगस्त को एक रैली करने जा रहे हैं जिसका नाम ‘सहज विरासत रैली’ का नाम दिया गया है. इस रैली में कई बड़े विपक्षी नेताओं,सामाजिक कार्यकर्ताओं,किसानों,दलितों,अल्पसंख्यकों और समाजवादी परिवार के सदस्यों के शामिल होने की बात की जा रही है. इस रैली के मकसद के बारे में बोलते हुए जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव ने कहा है कि भारत में सबको साथ लेकर चलने की राजनीति जरूरी है. समन्‍वय की इस विरासत को बचाने को हम वचनबद्ध हैं.

उल्लेखनीय है कि शरद यादव ने हाल ही में जदयू सुप्रीमो नीतीश कुमार के भाजपा के साथ बिहार में नई सरकार बनाने के फैसले को दुर्भाग्‍यपूर्ण बताया था. इसके बाद उन्‍होंने दिल्‍ली में विपक्षी दलों के सम्‍मेलन की घोषणा की थी. शरद यादव का यह सम्‍मेलन पार्टी सुप्रीमो नीतीश कुमार द्वारा पटना में 19 अगस्‍त को बुलाई गई राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दो दिन पहले हो रही है. शरद यादव, जो इन दिनों विपक्ष के तमाम बड़े नेताओं से विमर्श में जुटे हैं, 10 अगस्‍त से बिहार का तीन दिवसीय दौरा भी करने वाले हैं. बताया जा रहा है कि इस दौरान वे जनता की नब्‍ज टटोलेंगे.

शरद यादव इस बिहार यात्रा के फीडबैक तथा 17 अगस्‍त को दिल्‍ली में आयोजित ‘सहज विरासत बचाओ सम्‍मेलन’ के निष्‍कर्षों को पटना में होने वाली जदयू की राष्‍ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उठाएंगे या नहीं, यह फिलहाल नहीं कहा जा सकता. लेकिन, इसे लेकर कयासों का बाजार अभी से गर्म है.

 

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