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बडा खुलासा – जदयू ने शरद यादव के विद्रोह का बताया कारण – लोकसभा चुनाव में मधेपुरा से अपने बेटे के लिए टिकट चाहते है

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पटना Live डेस्क। महागठबन्धन के टूटने के बाद से लागतार पार्टी लाइन से हटकर लगतार बयानबाजी कर रहे शरद यादव पर अब जदयू भी ताबड़तोड़ हमलावर हो गई है। पार्टी ने शरद यादव पर पुत्र मोह में अनाप सनाप बकने का आरोप लगाया है। इस बाबत पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने आरोप लगाया है कि शरद यादव आगामी लोकसभा चुनाव में मधेपुरा से अपने बेटे के लिए टिकट चाहते है। उन्होंने कहा कि शरद पार्टी के फैसलों पर सवाल उठा कर पार्टी के संविधान का अपमान कर रहे है। वह लालू यादव के जेल जाने पर राजद को चलाना चाहते है और तेजस्वी तेजप्रताप के राजनीतिक चाचा भी बनने की चाह रखते है।

                     आज बिहार की जनता परिवारवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ है और शरद यादव लालू के पैरवीकार बने हुए है, इतिहास उन्हें माफ़ नहीं करेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ ही हमने बिहार में लालू के साथ गठबंधन तोड़ा है।आज लोगों में भ्रष्टाचार के खिलाफ भारी गुस्सा है।

शरद यादव

शरद यादव का जन्‍म 1 जुलाई 1947 को मध्‍यप्रदेश के होशंगाबाद के बंदाई गांव में एक किसान परिवार में हुआ। प्रारंभिक शिक्षा के बाद उन्‍होंने जबलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला लिया। वे इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग में गोल्‍ड मेडलिस्‍ट हैं, साथ ही उन्‍होंने रॉबर्ट्सन मॉडल साइंस कॉलेज से स्‍नातक की डिग्री भी प्राप्‍त की है। वे बचपन से ही पढ़ाई में बहुत होनहार रहे।शरद यादव के परिवार में पत्‍नी डॉ. रेखा यादव, एक पुत्र और एक पुत्री है।

महागठबंधन टूटने से नाराज शरद

लालू एंड फॅमिली पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के बाद बिहार में महागठबंधन टूट गया था। नीतीश कुमार ने लालू की पार्टी राजद से नाता तोड़ कर भाजपा के साथ बिहार में सरकार चला रहे है। सूबे में महागठबंधन टूटने के बाद से ही शरद यादव नाराज चल रहे है। कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि शरद यादव कांग्रेस में शामिल हो रहे है, लेकिन शरद ने किसी भी दुसरे पार्टी में शामिल होने की बात से इंकार किया था। इसके बावजूद उन्होंने ने जदयू पर सवाल उठाना जारी रखा। गुजरात में हुए राज्यसभा चुनाव के दौरान भी उनकी भूमिका पर सवाल खड़ा की गई। शरद के पार्टी विरोधी बयान से पार्टी अब खुल कर उनपर हमलावर हो गई है। जदयू प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक ने कहा कि पार्टी द्वारा सर्वसम्मति से लिए गए किसी भी फैसले पर सवाल खड़ा करने का उनको अधिकार नहीं है।

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