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भाजपा भगाओ रैली में खूब गरजा लालू परिवार,नीतीश और पीएम मोदी रहे निशाने पर तो विपक्ष ने कहा अबतक की सबसे फ्लॉप रैली

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पटना Live डेस्क. मौका था..दस्तूर भी..विपक्षी नेताओं का जमावड़ा भी..सो खूब गरजे लालू…नीतीश कुमार रहे निशाने पर..बीजेपी की बखिया उधेड़ी..विपक्षी एकता की हुंकार भरी..लालू का साथ बखूबी निभाया जमा भीड़ ने..खूब नारे लगाए..तेजस्वी और तेजप्रताप का हौसला बढ़ाया..विपक्षी नेता भी खूब गरजे..पीएम मोदी रहे निशाने पर..देश की सारी समस्याओं का जड़ पीएम को बताया..लालू के बड़े बेटे ने तो मंच पर शंख बजाकर बीजेपी के खिलाफ लड़ाई का शंखनाद ही कर दिया..तेजस्वी भी खूब गरजे..उऩके निशाने पर रहे सीएम नीतीश कुमार..डरपोक..संघ के सामने नतमस्तक झुकाने वाले नेता..बुरे चाचा..न जाने क्या..क्या..आरोपों की बौछार…भीड़ ने भी जमकर तालियां बजायीं..तेजस्वी ने भीड़ से सवाल पूछा तो भीड़ ने जमकर उऩका साथ दिया..मतलब जिस तरह की कोशिश लालू प्रसाद और राजद ने की भीड़ ने उसका भरपूर साथ दिया..

लेकिन ठीक उसके उलट विपक्षी नेताओं ने राजद की रैली को फ्लॉप करार दिया..बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा कि गांधी मैदान में रविवार को हुई लालू यादव की रैली अब तक की सबसे फ्लॉप रैली रही. यह राजद के हताश कार्यकर्ताओं का सम्मेलन था, जिसे रैली का नाम देकर लालू ने बिहार में बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा से पीडि़त एवं त्रस्त जनता का उपहास और अपमान किया है.

उन्होंने कहा कि रैली में मौजूद किसी भी नेता ने देश व समाज की चिंता को जाहिर नहीं किया. किसी ने न ही लोहिया, जेपी, कर्पूरी या बीपी मंडल को याद किया और न ही कोई सार्थक विचारधारा की बात कही. सभी नेताओं की बात उनकी पार्टियों के खत्म होते वजूद, राजनीति में हाशिये पर जाने की चिंता से शुरू होकर परिवार पर खत्म हुई. कहा, रैली का मुख्य मकसद अवैध संपत्ति जमा करने के आरोप में घिरे परिवार को बचाना था.

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री और हिमाचल प्रदेश के प्रभारी मंगल पांडेय ने कहा कि राजद की रैली में मंच पर वही लोग विराजमान थे जिन्होंने जनता की गाढ़ी कमाई को लूटा. लालू प्रसाद जैसे सजायाफ्ता की यह रैली भ्रष्टाचार पर पर्दा डालने के लिए हुई जिसमें देश के नामी-गिरामी घोटालेबाज शामिल हुए.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पटना के वेटनरी कॉलेज के चपरासी क्र्वाटर से राजनीति की शुरूआत करने वाले लालू प्रसाद बड़ी चालाकी से इस बात को छिपा गए कि उन्होंने हजारों करोड़ रुपये की सम्पत्ति अब तक कैसे अर्जित की और न ही तेजस्वी ने अपने उपर लगे घोटाले के आरोपों के बारे में कुछ कहा.

भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे नेता दिखे तो चिटफंड घोटाले की संरक्षक व पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद रहीं. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी नजरें चुराते मंच पर नजर आए.

एनडीए के सहयोगी जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने रैली के औचित्य पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि रैली में मंच पर मौजूद हताश लोगों की भीड़ थी. राज्य की जनता ने रैली को नकार दिया. जब राज्य की जनता बाढ़ से पीडि़त है ऐसे में रैली करके कुछ हताश लोग क्या साबित करना चाहते हैं?

पार्टी के प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने कहा कि लालू की रैली फ्लॉप शो बनकर रह गई. जनता ने रैली को नकार दिया. पार्टी के प्रवक्ता डॉ.अजय आलोक ने कहा कि राजद का नाम रंगीला जनता दल कर लेना चाहिए. चौबीस घंटे से चल रही राजद की नौटंकी का समापन फ्लॉप शो के रूप में हो गया.

रालोसपा अध्यक्ष व केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि राजद ने अपनी रैली में भीड़ तो जुटा ली, लेकिन नेताओं के भाषण में ओज नहीं दिखा. उनमें आत्मबल का घोर अभाव था. यह रैली देश के निर्माण के लिए नहीं बल्कि लालू परिवार को बचाने और बनाने की कवायद भर थी. बेहतर होता कि राजद के मंच पर जुटे नेता अपने भाषण में देश और बिहार के निर्माण की बात रखते.

हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मंत्री वृषिण पटेल ने कहा कि जब बिहार की जनता बाढ़ की त्रासदी झेल रही है. ऐसे वक्त में रैली का आयोजन का कोई औचित्य नहीं था. यह संवेदनहीनता की हद है कि बाढ़ पीडि़तों की मदद देने की बजाय हताश लोग रैली कर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं.

 

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