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BiG News – बिहार पुलिस के अगले मुखिया ख़ातिर यूपीएससी को बिहार सरकार ने वरीयता के आधार पर 5 नाम सुझाये, जानिए कौन है वो फैब फाइव

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पटना Live डेस्क। बिहार पुलिस के वर्त्तमान मुखिया यानी डीजीपी 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी के एस द्विवेदी को 31 जनवरी 2019 को अवकाश ग्रहण करना है। वही डीजीपी द्वीवेदी की जगह कौन लेगा इसके बबात चर्चाओं का बाजार भी गर्म होने लगा है। वही दूसरी तरफ बिहार पुलिस की कमान किसको सौपी जाएगी यानी सूबे का अगला डीजीपी कौन होगा इसपर संघ लोक सेवा आयोग अपनी मुहर लगाएगा। दरअसल नीतीश कुमार को न सिर्फ नये डीजीपी की नियुक्ति करनी है, बल्कि 2019 और 2020 के चुनाव का ख्याल भी रखना है।

इस के तहत बिहार सरकार ने पांच आईपीएस अधिकारियों के नाम केंद्र को भेज दिए हैं, लेकिन इस पर अंतिम मुहर लगना अभी बाकी है। दरअसल, वर्तमान डीजीपी के.एस.द्विवेदी 31 जनवरी को रिटायर होने जा रहे है।नीतीश सरकार ने अगले डीजीपी ख़ातिर वरीयता सूची क्रम में 5 आईपीएस अधिकारियों का नाम भेजा है।

बैच 1984 – आईपीएस राजेश रंजन     

              बिहार सरकार द्वारा भेजे गए 5 नामो में पहला नाम 1984 बैच बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी राजेश रंजन का है। लंबे अरसे से राजेश रंजन भारत सरकार की सेवा में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। BSF में तैनाती के पहले GAIL में चीफ विजिलेंस ऑफिसर (CVO) थे। वे काफी कड़क ऑफिसर माने जाते हैं।वर्त्तमान में बिहार कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजेश रंजन केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल यानी सीआईएफ के महानिदेशक के पद पर तैनात है। इसी वर्ष यानी 10 अप्रैल 2018 को CISF का डायरेक्टर जनरल नियुक्त किया गया है।

1985 बैच-आईपीएस के राजेश चंद्रा                

बिहार सरकार द्वारा भेजे गए 5 नामो में दूसरा नाम 1985 बैच बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी कुमार राजेश चंद्रा का है। वर्त्तमान में भारत सरकार की सेवा में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो के महानिदेशक हैं। भारत में नागर विमानन सुरक्षा के लिए नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो एक नियामक प्राधिकरण है। इसके पूर्व वे बिहार पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (आधुनिकीकरण) पद पर नियुक्त थे।

1986 बैच- आईपीएस आर.के.मिश्रा                      

बिहार कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश कुमार मिश्रा काफी अनुभवी और तेजतर्रार अधिकारी माने जाते हैं। वर्त्तमान में भारत सरकार द्वारा आर के मिश्रा को आईटीबीपी के अतिरिक्त महानिदेशक के पद पर तैनात कर रखा गया है। मिश्रा अपराध जगत को मुहतोड़ जवाब देने वाले अधिकारी माने जाते हैं। राकेश कुमार मिश्रा को 31 मार्च 2020 को रिटायर होना है।

1987 बैच – आईपीएस गुप्तेश्वर पांडेय                    

विगत दिनों बिहार पुलिस एकेडमी के डीजी गुप्तेश्वर पांडेय को डीजी (ट्रेनिंग) का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।इस बाबत गृह विभाग (आरक्षी शाखा) ने अधिसूचना जारी कर दी।1987 बैच के आईपीएस अफसर गुप्तेश्वर पांडेय पहले से बीएमपी के डीजी के अतिरिक्त प्रभार में हैं। दरअसल, पिछले कुछ महीनों में मुख्यमंत्री नीतीश के नशामुक्ति अभियान को लेकर गुप्तेश्वर पांडेय ने बड़ी मेहनत की है। वर्तमान में कई विभागों के अतिरिक्त दायित्वों को संभाल रहे गुप्तेश्वर पांडेय बेगूसराय के एसपी के रूप में भी काफी चर्चित रहे हैं। पांडेय की पहचान अपराध जगत को थर्रा देने वाले अधिकारी के रूप में रही है। उल्लेखनीय है कि गुप्तेश्वर पांडेय को अगर डीजीपी पद की जिम्मेदारी मिलती है तो वे साल 28 फरवरी 2021 तक बिहार के पुलिस महानिदेशक बने रह सकेंगे।

1987-बैच आईपीएस सुनील कुमार                

वही बिहार के अगले डीजीपी ख़ातिर बिहार सरकार द्वारा संघ लोक सेवा आयोग को भेजे गये 5 नामो में बिहार कैडर के 1987 बैच के आईपीएस अधिकारी सुनील कुमार ही ऐसे अधिकारी जिन्होंने अबतक अपनी पूरी सेवा बिहार को दी है। सूबे के चप्पे चप्पे से न केवल वाकिफ़ है बल्कि बेहद बारीकी से अपराध जगत की नब्ज जानते है साथ ही नीतीश कुमार के सोशल इंजीनियरिंग में भी मुफीद फिट बैठते हैं। एडीजी ‘हेडक्वार्टर’ के महत्वपूर्ण पद पर रह चुके हैं। सुनील कुमार 31 जुलाई 2020 को रिटायर होंगे।

बिहार सरकार द्वारा पांचों नामों को फाइनल करने के दौरान तमाम समीकरणों का न केवल तार्किक ढंग से ख्याल रखा है बल्कि काफी गहन विचार विमर्श के बाद आसन्न लोकसभा एवं आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र इन पाँचो नामों को अंतिम रूप दिया है।अब बिहार सरकार ने पांचों नाम यूपीएससी को भेज दिए है। अब यूपीएससी को नामो पर विचार कर अपनी सहमति देनी है। लेकिन इतना तय है कि वर्त्तमान डीजीपी के बाद यानी 31 जनवरी 2019 को के एस द्वीवेदी के अवकाश ग्रहण करने के तदुपरांत बिहार पुलिस की कमान संभालने वाले को सूबे में कानून व्यवस्था के साथ ही सरकार के सामाजिक समीकरणों व अभियानों के प्रति महती जवाबदेही का निर्वहन करना होगा। साथ ही सीएम के जीरो टालरेंस की नीति,पूर्ण शराबबंदी, दहेज और बाल विवाह इत्यादि जनकल्याण और लोकलुभावन अभियानों पर नीतीश कुमार के रूख का अक्षरशः लागू करने को प्रथमिकता देनी होगी।

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