बेधड़क ...बेलाग....बेबाक

Super Exclusive -ये स्कूल प्रधानमंत्री के पैसे से नही मेरे पैसे से बना है यहाँ वही नियम होगा जो मैं चाहुगा -पटना में एक बड़े निजी स्कूल की दंबगई का चरम

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पटना Live डेस्क। वर्त्तमान दौर में अगर आम आदमी से राजधानी पटना में बेधड़क लूट और फरेब कर सीनाजोरी का दो स्थाई पता पूछा जाए तो 90 % लोगों का जबाब आयेगा प्राइवेट स्कूल और अस्पताल। इन दो जगहों पर सरकार का कोई कानून नहीं चलता यहाँ सिर्फ़ और सिर्फ़ इनके मालिकों द्वारा बनाया कानून चलता है।फिर पुछने पर जवाब मिला कि ये स्कूल प्रधानमंत्री के पैसे से नही मेरे पैसे से बना है यहाँ वही नियम होगा जो मैं चाहुगा।                              हम बात कर रहे है राजधानी पटना के बड़े निजी स्कूलों में शुमार St. Dominic savio’s High School की। इस स्कूल की दो शाखाए है।पहला बोरिग रोड तो दूसरा दीघा के नासरीगंज में स्थित है। इस स्कूल में छात्रों की संख्या लगभग 10 हजार अनुमानित हैं। इस संस्थान में अबतक बैंक आँफ बड़ोदा के माध्यम से फीस जमा करने की व्यवस्था थी। लेकिन अचानक डायरेक्टर के जेहन में आया और जारी इस व्यवस्था को बिना किसी सूचना के इसे रातों रात खत्म कर दिया गया। इस बाबत अभिभावकों को न तो सूचित किया गया ना किसी प्रकार की जानकारी छात्रों के माध्यम से बच्चों के मातापिता को दी गई।
ये अलग बात है देश के प्रधानमंत्री कैशलेश ट्रांजेक्शन की बात करते है। बहरहाल इस पूरे प्रकरण का सबसे दुखद पहलू है डायरेक्टर की बड़ी सियासी पकड़ और उसके जोरदार अकड़ की। यहाँ हर उस तय मानक की धज्जी उड़ायी जाती है जो सरकार ने तय कर के रखा है। इन्हें पता है मामले को कैसे और किन स्तरों से दबाना है।शिक्षकों द्वारा मार कर छात्रों का हाथ पैर तोड़ देना महज छोटी सी बात है। पिछले वर्ष ऐसी ही एक घटना ने इस स्कूल को सुर्खियों में ला दिया था। कई दिनों तक राजधानी से प्रकाशित लगभग सभी अखबारों की खबर बनी थी। आपको नाम न छापने की शर्त पर इसी स्कूल के कई ऐसे शिक्षक मिल जायेगे जो बतायेगे कैसे एनसीईआरटी द्वारा तय तनख्वाह उन्हें चेक द्वारा दिया जाता है और कैश में आधी से ज्यादा रकम ले ली जाती है।वही स्कूल के किताबों की बात करें तो आज भी यहाँ एनसीईआरटी की किताबे महज एक दो चलती हुई मिलेगी। इस स्कूल के मर्जी की बानगी देखिये एक बच्चे का अभिभावक बकाये स्कूल फीस को चेक से जमा करने पहुँचता है तो उसे डायरेक्टर के पास भेज दिया जाता है।डायरेक्टर आरजू मिन्नत करने पर मान भी जाते है तो उन्हें वापिस एकाउंट सेक्शन में भेज दिया जाता है। एक बार फिर ये कह कर डायरेक्टर के पास भेज दिया जाता है कि अब के गार्जियन 420 होते हैं चेक बाउंस करा देते हैं।आप बहस भी नहीं कर सकते आपके बच्चे पर कोई अन्य इल्जाम लगाकर स्कूल से निकाल दे या आपके बच्चे को किसी अन्य लड़के से मार पीट करा दें। इस बाबत पीड़ित ने बिहार के मुख्यमंत्री समेत देश के प्रधानमंत्री तक को मेल किया है। लेकिन अबतक कही से भी किसी कार्यवाई का आश्वासन या जवाब नही मिला है। वही दूसरी तरफ लड़के के माता पिता सहमे और डरे हुए है कि कही स्कूल प्रशासन उनके बच्चे का अहित न कर दे।

 

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