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बंधन है प्यार का Special -पीएम मोदी को उनकी पाकिस्तानी बहन बाधेंगी रखी, कराची से पहुची दिल्ली पहुची ,22 सालो से बांध रही हैं राखी

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पटना Live डेस्क।भारत के वज़ीरे आज़म नरेंद्र दामोदर भाई मोदी की पाकिस्तानी बहन कमर मोहसिन शेख इस बार भी उनको राखी बांधने ख़ातिर करांची से नई दिल्ली पहुच गई है।शादी के बाद पाकिस्तान से भारत आ गई थीं और तब से यहां रह रही हैं। कमर मोहसिन शेख ने कहा कि जब मैंने पहली बार भाई नरेंद्र मोदी को पहली बार राखी बांधी थी, तो वह आरएसएस के एक मामूली कार्यकर्ता थे।आज वह अपने कठिन परिश्रम और दूरदृष्टि से प्रधानमंत्री बन गए हैं।

मिली जानकारी की अनुसार 1995 में कमर की मुलाकात गुजरात के तत्कालीन राज्यपाल डॉ. स्वरूप सिंह से हुई थी।स्वरूप सिंह कमर को अपनी बेटी मानने लगे थे। एक बार जब कमर शेख पाकिस्तान जा रही थीं, तो राज्यपाल उन्हें तत्कालीन बीजेपी के प्रदेश महामंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एयरपोर्ट तक छोड़ने गए थे। कमर शेख को विदा करते वक्त स्वरूपसिंह ने नरेंद्र मोदी से कहा कि यह मेरी बेटी है। इसका ख्याल रखना। तभी मोदी ने उनसे कहा कि अगर ये आपकी बेटी है तो मेरी बहन हुई। इसके बाद 1996 से कमर ने मोदी को हर रक्षाबंधन पर राखी बांधना शुरू कर दी।

              उन्होंने कहा,’इस बार मुझे लगा कि वह व्यस्त होंगे, लेकिन दो दिन पहले उनका फोन आया। मैं इससे बेहद खुश हूं। मैंने इसकी तैयारियां पूरी कर ली है।

शेख ने बातचीत के दौरान उन दिनों को याद किया, जब भारत में उनके ससुराल वालो के अलावा कोई सगा संबंधी या रिश्तेदार नहीं था। उन्होंने बताया, ‘जब वह अपने शौहर के साथ दिल्ली आई थीं, तभी उनकी मुलाकात नरेंद्र मोदी से हुई थी। उनका व्यवहार बेहद अच्छा है। वह मुझसे हमेशा मिलते थे और प्रेम से पूछते थे कि कैसी हो मेरी बहन? मैं उनको पिछले 36 वर्षों से राखी बांध रही हूँ।

                शेख कहती हैं कि जब वह अपने भाई मोदी से मिली थीं। लेकिन अब भारत के प्रधानमंत्री हैं।उन्होंने बताया कि रक्षाबंधन का वो शुभ दिन था। जब वह पहली बार राखी लेकर नरेंद्र मोदी को बांधने गई थीं मोदी ने उनकी राखी को खुशी-खुशी स्वीकार कर लिया था। शेख ने यह भी बताया कि पीएम मोदी ने इस बार रक्षाबंधन के दिन उनको दिल्ली आमंत्रित किया है।

कमर कहती है कि जब नरेंद्र भाई गुजरात के मुख्यमंत्री रहे तो उन्हें कभी भी उनसे अपॉइनमेंट लेने की जरूरत नहीं पड़ती थी। हालांकि, प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की व्यस्तता ज्यादा बढ़ गई और वो पिछली बार वे उन्हें राखी नहीं बांध पाईं थी लेकिन इस बार वो करांची से इंडिया आई है ताकि अपने भाई को राखी बांध सके।

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