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पगला बाबा ने चीख-चीख कर दिया था श्राप- ‘लालू तुझे घमंड है कि तू बहुत बड़ा पुरोधा है, तू मिट्टी में मिल जाएगा।’

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पटना Live डेस्क। राजद सुप्रीमो लालू यादव के तांत्रिक गुरू विभूति नारायण उर्फ ‘पगला बाबा’ ने एक बार उन्हें श्राप दिया था। पगला बाबा ने चीख-चीख कर दिया था श्राप- ‘लालू तुझे घमंड है कि तू बहुत बड़ा पुरोधा है, तू मिट्टी में मिल जाएगा।’

बिहार विधानसभा से पहले अपने तांत्रिक गुरु विभूति नारायण उर्फ ‘पगला बाबा’ के साथ 27 जुलाई 2013 को विंध्याचल आश्रम में तीन घंटे तंत्र साधना की थी। इस दौरान उन्होंने फोन से राबड़ी देवी की बाबा से बात करवाई थी और आशीर्वाद दिलाया था। लालू यादव ने कई बार स्वीकार भी किया है कि बाबाजी ने बचपन में मेरे जीवन की रक्षा तब की थी जब परिजनों और डॉक्टरों ने उम्मीद छोड़ दी थी। बता दें कि पगला बाबा तंत्र साधक थे। वह अटपटे कार्यो के लिए फेमस थे। उनके बारे में कहा जाता था कि वह किसी की नहीं सुनते थे। भक्तों के दुःख गाली देकर और उनको डंडे से पीटकर भगाते थे। वही बात अगर लालू यादव की करे तो कहा जाता है कि लालू के अच्छे दिन के लिए बाबा ने श्राप दिया था। बताया जाता है कि लालू के बेहतर दिन की वापसी के लिए बाबा ने उन्हें श्राप दिया था।बाबा ने चीख-चीख कर श्राप दिया, ‘लालू तुझे घमंड है कि तू बहुत बड़ा पुरोधा है। तू मिट्टी में मिल जाएगा।’ तर्क है कि औघड़ की गाली ही आशीर्वाद होता है।

पगला बाबा से लालू का रिश्ता बहुत पुराना था। कई मौके पर पगला बाबा ने लालू और उनकी फैमिली के लिए अनुष्ठान किया जिसका फायदा लालू को मिला। विधानसभा चुनाव से पहले लालू ने सत्ता में वापसी के लिए गुप्त तंत्र अनुष्ठान ‘पगला बाबा’ से ही कराया था। पगला बाबा ने लालू को तंत्र पूजा के बाद आश्रम में बने कटघरे में भी परिक्रमा करवाया था और उन्हें तप करने को कहा था। बाबा के आश्रम में एक साधारण शिष्य के तरह बाबा के सामने जमीन पर बैठ कर लालू ने बाबा का आशीर्वाद लिया था,साथ ही आश्रम में घंटों तंत्र पूजा भी किया था। बाबा ने लालू यादव को अपने आश्रम में घुमा कर दिखाया।

बाबा के आश्रम को भूले लालू 

लालू यादव अपने गुरु से दो बार आशीर्वाद लेने के लिए आश्रम में में गए। पहली बार लालू ने साल 2011 में भी पगला बाबा के यहां पहुंचकर अनुष्ठान कराया था फिर दूसरी बार वर्ष 2013 के जुलाई महीने पगला बाबा के आश्रम में उपस्थिति दर्ज कराई थी। बाबा के शिष्यों के दावे है कि बाबा के आशीर्वाद और तन्त्र अनुष्ठान की महिमा से ही लालू एक फिर राजनीति की ऊचाइयों पर है। उनकी बिहार में वापसी हो चुकी है,मगर जीत के बाद लालू यादव बाबा का आशीर्वाद न ले सके। क्योकि इसी वर्ष गुरुवार, 14 अप्रैल 2017 को पगला बाबा ने विंध्य क्षेत्र के तुलसी तलैया के पास स्थित आश्रम में दोपहर में शरीर छोड़ दिया। दोपहर में गंगा जल मंगाकर स्नान करने के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। यही नहीं पगला बाबा ने आश्रम दो कुत्ते पाल रखे थे। जंगल में स्थित आश्रम में यही कुत्ते उनकी सुरक्षा कवच रहे। यही नहीं वह हमेशा इन कुत्तों से ऐसे खेलते रहते हैं जैसे उनका इनसे जन्मों का नाता हो।

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